नौकरी के साथ देश सेवा किन लोगों के लिए है टेरिटोरियल आर्मी, जानें कितनी है अलग है ये फौज

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भारत की सुरक्षा व्यवस्था में सेना की अहम भूमिका किसी से छिपी नहीं है. देश की सीमाओं की रक्षा से लेकर आपदा के समय राहत पहुंचाने तक, हमारे सैनिक हर मोर्चे पर डटे रहते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय सेना (Indian Army) और टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army)  ये दो अलग-अलग शाखाएं हैं जो अपने-अपने तरीके से देश की सेवा करती हैं. आइए जानते हैं दोनों में क्या अंतर है और कौन-सी किसके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है.

Indian Army फुल टाइम सेवा, स्थायी करियर

इंडियन आर्मी देश की नियमित (रेगुलर) सेना है. इसमें शामिल होने वाले सैनिक और अधिकारी फुल टाइम राष्ट्र सेवा के लिए नियुक्त किए जाते हैं. इनकी नियुक्ति लंबी अवधि के लिए होती है, आमतौर पर 10 साल या उससे अधिक. इन्हें कठोर ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वे हर युद्ध स्थिति या सुरक्षा चुनौती के लिए तैयार रहें.

रेगुलर सेना की तैनाती देश के किसी भी हिस्से में चाहे वो सीमा हो या शांति क्षेत्र की जा सकती है. जरूरत पड़ने पर इन्हें विदेशी मिशनों पर भी भेजा जा सकता है. इस सेवा में प्रमोशन, विशेष प्रशिक्षण और विभिन्न पदों पर काम करने के कई अवसर मिलते हैं. इंडियन आर्मी एक स्थायी, सम्मानजनक और रोमांचक करियर विकल्प है.

Territorial Army नौकरी के साथ देश सेवा

टेरिटोरियल आर्मी उन लोगों के लिए है, जो अपनी निजी नौकरी या व्यवसाय छोड़कर फुल टाइम आर्मी जॉइन नहीं करना चाहते, लेकिन फिर भी देश की सेवा का जज्बा रखते हैं. यह एक पार्ट-टाइम फोर्स है, जहां जवान हर साल कुछ महीनों की ट्रेनिंग लेते हैं. केवल जरूरत पड़ने पर ही उन्हें एक्टिव ड्यूटी पर बुलाया जाता है.

इसमें भर्ती होने वाले लोगों को रेगुलर आर्मी जैसी सख्त ट्रेनिंग नहीं दी जाती, लेकिन इनका योगदान आपदा राहत, आंतरिक सुरक्षा और सहायक कामों में अहम होता है. युद्ध या किसी आपात स्थिति में इन्हें भी एक्टिव ड्यूटी पर बुलाया जा सकता है. हालांकि, इसमें प्रमोशन और करियर ग्रोथ की सीमित संभावनाएं होती हैं.

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