शरीर को हेल्दी रखने के लिए सभी पोषक तत्वों की जरूरत होती है. कैिल्शयम, आयरन से लेकर विटामिन तक. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे विटामिन के बारे में बताएंगे जिसको अक्सर अनदेखा किया जाता है. लेकिन इसकी कमी ब्रेन से लेकर पैरों की चाल तक को प्रभावित करती है. ये सबकुछ शरीर में विटामिन-ई की कमी से देखने को मिलता है. आखिर ये विटामिन शरीर के लिए क्यों जरूरी है? इसकी कमी से किस तरह के लक्षण देखने का मिलते हैं? आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं…
हाथ-पैरों में झुनझुनी
विटामिन ई बाॅडी में नर्व को प्रोटेक्ट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बाॅडी में इसकी कमी से हाथ पैरों में झुनझुनी और चुभन महसूस होने लगती है. रात को सोते समय ऐसा लगता है जैसे कोई सुई चुभो रहा हो या फिर सुन्नता महसूस होती है. ये बाॅडी में विटामिन ई की कमी का संकेत हो सकता है.
आंखों से देखने में दिक्कत
बाॅडी में विटामिन ई की कमी आंखों के विजन को भी प्रभावित कर सकती है. इससे आंखों की रोशनी पूरी तरह नहीं जाती, लेकिन इसकी कमी से रेटिना के सेंसिंग सेल डैमेज हो सकते हैं. जिससे कम रोशनी में देखने में दिक्कत महसूस हो सकती है.
बिना कुछ किए थकान
बाॅडी में हेल्दी रेड ब्लड सेल्स को बनाए रखने में विटामिन ई की भूमिका होती है. जब बाॅडी में इसकी कमी होती है तो ऑक्सीजन सर्कुलेशन प्रभावित होता है. इससे मसल्स और टिश्यू थका हुआ महसूस करते हैं. शरीर आराम की मांग करने लगता है.
होंठ पर क्रैक या ड्राइनेस
होंठ के सूखने या फटने को अक्सर माैसम या फिर शरीर में पानी की कमी से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन विटामिन ई की कमी में भी ऐसा देखने को मिल सकता है. इस विटामिन की कमी से बाॅडी में साॅफ्ट टिश्यू माॅइस्चर प्रोटेक्शन खोना शुरू देते हैं. जिससे होंठ सूखने या फिर क्रैक की प्राॅब्लम देखने को मिल सकती है.
चोट का देर से सही होना
चोट का देर से सही होने को अक्सर डायबिटीज जैसी बीमारी से जोड़कर देखा जाता है. लेकिन ये स्थिति विटामिन ई की कमी से भी बन सकती है. असल में विटामिन ई बाॅडी में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के साथ टिश्यू की मरम्मत में भी भूमिका निभाता है. लेकिन जब बाॅडी में इस विटामिन की कमी हो जाती है तो घाव, मसल्स की चोट भी ठीक होने में अधिक समय लेती है.
पैरों की बदलने लगती है चाल
बाॅडी में विटामिन-ई की कमी सेरिबैलम को प्रभावित करती है. सैरिबेलम ब्रेन का वह हिस्सा होता है जो बाॅडी में बैलेंस को कंट्रोल करता है. ऐसे में चलने के दाैरान बदलाव देखने को मिलता है. फिसलनी जगह या अचानक से मुड़ने के दाैरान पैरों का बैलेंस गड़बड़ा सकता है.
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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.