ट्रंप-मोदी की मुलाकात क्या फिर से भारतीय शेयर बाजार को करेगी हरा, विदेशी निवेशकों की होगी वापसी?

Business

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात से अमेरिका और भारत के कूटनीतिक रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने की संभावना है. यही वजह है कि अब इससे भारतीय शेयर बाजार के भी दिन सुधरने के अनुमान लगाए जाने लगे हैं. खासकर विदेशी निवेशकों के भारतीय शेयर बाजार में लौटने की संभावना कुछ ज्यादा ही उम्मीद बंधाने लगी है. इस महीने 13 फरवरी तक विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी एफआईआई ने भारतीय शेयर बाजार से 24,889 करोड़ रुपये की बिकवाली की है.

जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों यानी डीआईआई ने इस महीने 13 फरवरी तक 21,655 करोड़ रुपये की खरीदारी की है. ट्रंप के टैरिफ वॉर से ग्लोबल मार्केट में उथल-पुथल है. अब इस बात की अटकलें लगाई जा रही हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी की मुलाकात के बाद क्या विदेशी निवेशकों के भारत में लौटने का वक्त आ गया है.

भारतीय मार्केट अब भी एफआईआई की पसंद नहीं

विदेश निवेशकों के भारतीय शेयर बाजार में लौटने का वक्त अभी आया या नहीं इस बारे में जानकारों का कहना है कि एफआईआई के पास इन्वेस्ट करने करने के लिए 160 देश हैं, जब 1990 और 2000 में  लोकल इन्वेस्टर को खबर तक नहीं थी, तब वे पूरे देश का 26 फीसदी स्टॉक उठा लिए थे.  आज एफआईआई का नहीं आना कोई नई बात नहीं है. पिछले 10 साल से FII का पैसा आने का इंतजार हो रहा है. वर्तमान परिस्थिति में भी भारतीय मार्केट में नेट एफआईआई का पैसा आने को लेकर सवाल बना हुआ है.

रिटर्न की संभावना दिखने पर ही आएंगे विदेशी निवेशक

विदेशी निवेशकों के आने के बारे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि किसी भी देश में उनके निवेश की प्राथमिकता क्या होती है? उनके निवेश की सबसे पहली प्राथमिकता अच्छा रिटर्न होती है. यह अच्छा रिटर्न किसी भी डिप्लोमेटिक मूव से तय नहीं होता है. यह उस देश की इकोनॉमिक कंडीशन से तय होता है. निवेशक मार्केट में तभी आएंगे जब उन्हें रिटर्न की संभावना दिखेगी, आप उनको पकड़कर जबर्दस्ती नहीं ला सकते. उनके पास 160 एसेट क्लासेज का ऑप्शन है. इसलिए हम कैसे कंपीटीटिव बने, इस पर फोकस करना पड़ेगा.

ये भी पढ़ें:  Samvardhana Motherson Q3 Result: सोमवार को रॉकेट बन सकते हैं इस ऑटो पार्टस बनाने वाली कंपनी के शेयर, मुनाफे में 62 फीसदी की उछाल

SHARE NOW