शार्क टैंक इंडिया में जज बने श्रीकांत बोल्ला, फर्श से अर्श तक का सफर ऐसे किया तय

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Srikanth Bolla: श्रीकांत बोल्ला आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है. देश के इस जाने-माने उद्योगपति श्रीकांत देख नहीं सकते, लेकिन बावजूद इसके उन्होंने अपनी जिंदगी में आई हर एक चुनौती का बहादुरी से सामना किया और सफलता का एक नया मुकाम हासिल किया. इसकी एक झलक हमें उन पर बनी बॉलीवुड की एक फिल्म में देखने को मिल चुकी है. 

 
 
 
 
 
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‘ये तो बस शुरुआत है’: श्रीकांत

बोलंट इंडस्ट्रीज के फाउंडर और चेयरमैन श्रीकांत बोल्ला अब रियलिटी शो शार्क टैंक इंडिया में जज के तौर पर चुने गए हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर इसकी जानकारी दी. उन्होंने इंस्टाग्राम पर शोज से जुड़ी कई तस्वीरें पोस्ट की हैं और इसके साथ लिखा है, ”शार्क के झुंड से बचने के लिए, आपको खुद भी एक शार्क बनना होगा.”

इन तस्वीरों में श्रीकांत बिजनेस टायकून गौतम अडानी के छोटे बेटे जीत अडानी के साथ नजर आ रहे हैं. सच कहूं तो शार्क टैंक इंडिया की वजह से भारत में उद्यमिता को बहुत बढ़ावा मिला है.” उन्होंने आगे लिखा, ”सेट पर आकर मुझे एहसास हुआ कि सपने सिर्फ सोचने वालों के लिए नहीं होते- वे काम करने वालों के लिए होते हैं! पैनल में इन सभी सफल उद्यमियों से मिलना बहुत मजेदार था. मुझे आमंत्रित करने के लिए धन्यवाद शार्क टैंक इंडिया – यह तो बस शुरुआत है!”

फर्श से अर्श तक सफर 

1991 में आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम शहर के सीतापुरम में पैदा हुए श्रीकांत जन्म से देख नहीं सकते हैं. इनके माता-पिता खेती-बाड़ी कर अपना गुजारा करते थे. श्रीकांत ने 12वीं साइंस से की, लेकिन इसकी उन्हें इजाजत नहीं मिली थी.  विज्ञान में पढ़ाई करने के लिए उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में केस दर्ज किया. 6 महीने के लंबे संघर्ष के बाद आखिरकार अदालत ने अपना फैसला सुनाया कि नेत्रहीन छात्र भी अब आंध्र प्रदेश राज्य बोर्ड के सभी स्कूलों में विज्ञान की पढ़ाई कर सकते हैं. 12वीं बोर्ड 98 परसेंट से टॉप करने के बाद श्रीकांत ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) से मैनेजमेंट साइंस की डिग्री हासिल की. 

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