आज तेजी से लोकप्रिय होते सोशल मीडिया के इस दौर में एन्फ्लूएंसर विज्ञापनों की दुनिया में कहीं ज्यादा प्रभावी भूमिका में नजर आ रहे हैं. डिजिटल क्रिएटर्स अब सिर्फ किसी ब्रांड का विज्ञापन ही नहीं कर रहे, बल्कि वे सलाहकार बनकर इसकी रणनीति भी तैयार कर रहे हैं.
इकॉनोमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिएटर मैनेजमेंड एजेंसी Hypp के बिजनेस हेड आयुष गुहा ने बताया कि डिजिटल क्रिएटर्स लगातार ब्रांड्स को सीखा रहे हैं कि वे कैसे प्रभावी सोशल स्ट्रैटजी बनाएं. सोशल मीडिया एन्फ्लूएंसर के लिए क्रिएटर इकॉनोमी में ये एक बड़ा मौका है.
गुहा ने इसके लिए एक इंस्टाग्राम एन्फ्लूएंसर का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे सिर्फ 2 लाख फॉलोअर्स की बदौलत डिजिटल क्रिएटर के तौर पर फुटकर चीजें और खाने के सामानों का सोशल मीडिया पर विज्ञापन और उसकी स्ट्रैटजी तैयार कर करीब 30 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक महीने कमा रहे हैं. ये बता रहा है कि किस तरह से आज क्रिटर्स की वैल्यू बढ़ रही है.
इसी तरह इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग एजेंसी ग्रीनरुम नेटवर्क के सीईओ लक्ष्मी बालासुब्रमण्यम ने कहा कि क्रिएटर कंसल्टेंसी लगातार बढ़ रही है. ब्रांड की तरफ से लगातार क्रिएटर की स्टेरी टेलिंग, वायरल कंटेंट क्रिएशन और कल्चरल फ्लूएंसी को तरजीह दी जा रही है. उन्होंने कहा कि क्रिएटर्स को उनके स्कील्स की वजह से महत्व दिया जा रहा है. वे अच्छा राइटर्स, किसी खास कैटगरी और उसके ऑडियंस को कहीं बेहतर तरीके से समझने वाले होते हैं. इसलिए वे इस काम के लिए सबसे प्रभावी हैं.
कुछ क्रिएटर्स ऐसे हैं जो अपने डिजिटल पोर्टफोलिया का फायदा उठा रहे हैं, ताकि फुल टाइम अपनी कॉरपोर्ट पॉजिशन को सुरक्षित कर पाएं. 23 साल के रिपुदमन सिंह ने सोशल मीडिया एक्स और फेसबुक पर साल 2020 में टेक प्रोडक्ट्स की समीक्षा करना शुरू किया.
2024 में उनके एरगोनोमिक्स सॉल्यूशन कंपनी फ्रिडो का उनकी तरफ ध्यान गया और वे इस वक्त वां पर फुल टाइम प्रोडक्ट मार्केटिंग स्पेशलिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं. D2C ब्रांड फ्रिडो के सीईओ ज्ञानेश सोनावने ने कहा कि कंटेंट क्रिएटर्स के पास स्टोरी टेलिंग, ऑडियेंस इंगेजमेंट और ब्रांड पोजिशनिंग, और स्किल्स की डिजिटल दुनिया में कहीं बेहतर समझ होती है.