आदित्य बिड़ला ग्रुप ने ITC से की बड़ी डील, 3498 करोड़ रुपये में बेचा पल्प एंड पेपर बिजनेस

Business

आदित्य बिड़ला ग्रुप से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, इस कंपनी की रियल एस्टेट शाखा, आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट लिमिटेड (ABREL) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ITC को अपने पल्प और पेपर बिज़नेस को 3,498 करोड़ रुपये में बेचने की मंजूरी दे दी है.

कंपनी के मुताबिक, यह सौदा Century Pulp and Paper (CPP) को ITC को सौंपने के लिए किया गया है, जिससे शेयरधारकों को अधिक मूल्य प्राप्त हो सके और कंपनी अपने रियल एस्टेट कारोबार पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सके.

ABREL ने क्या कहा

ABREL के मैनेजिंग डायरेक्टर आर. के. डालमिया ने कहा, “हम कंपनी के ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में हैं और यह निर्णय हमें हमारे रियल एस्टेट बिज़नेस को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.” उन्होंने आगे बताया कि CPP की गिनती हमेशा बेहतरीन प्रदर्शन और उच्च स्थिरता मानकों वाली कंपनियों में रही है. अब इसे ITC जैसे मजबूत खिलाड़ी के हाथों में सौंपकर हम इसे अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं.

ITC की रणनीति

ITC ने इस सौदे को अपनी ग्रोथ स्ट्रेटेजी का अहम हिस्सा बताया. कंपनी ने कहा कि इससे पेपरबोर्ड और स्पेशलिटी पेपर्स कारोबार को नई गति मिलेगी और एक नए लोकेशन पर इसकी क्षमता बढ़ाने का मौका मिलेगा.

कैसा रहा ABREL का परफॉर्मेंस?

वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में पल्प और पेपर कारोबार ने 2,382.50 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले साल की तुलना में 5.34 फीसदी कम है. वहीं, कंपनी का रियल एस्टेट कारोबार तेजी से बढ़ा है. वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में इसका राजस्व 777.71 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले पांच गुना ज्यादा है. वहीं, वित्त वर्ष 2024 में यह बढ़कर 832.21 करोड़ रुपये हो गया, जो सालाना आधार पर छह गुना वृद्धि है.

रियल एस्टेट में बिड़ला ग्रुप का विस्तार

ABREL मुंबई, बेंगलुरु, नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) और पुणे जैसे प्रमुख शहरों में प्रीमियम आवासीय परियोजनाओं पर काम कर रही है. ग्रुप की सहायक कंपनी बिड़ला एस्टेट्स ने हाल ही में गुरुग्राम में Birla Arika परियोजना के तहत 3,000 करोड़ रुपये के घर बेचे हैं. कंपनी ने पुणे में भी अपना पहला प्रोजेक्ट लॉन्च किया है, जिसका अनुमानित राजस्व 2,700 करोड़ रुपये है.

क्या होगा आगे?

इस सौदे के तहत 14,980 करोड़ रुपये के चल रहे आवासीय प्रोजेक्ट्स और 48,367 करोड़ रुपये के आगामी प्रोजेक्ट्स पर काम जारी रहेगा. यह ट्रांजैक्शन अगले छह महीनों में पूरा होने की उम्मीद है, जिसमें CCI (Competition Commission of India) और अन्य वैधानिक मंजूरियां आवश्यक होंगी.

सौदे में किसने निभाई अहम भूमिका?

इस डील में JM Financial Limited ने एक्सक्लूसिव फाइनेंशियल एडवाइजर की भूमिका निभाई, जबकि AZB & Partners ने लीगल एडवाइजर के रूप में सहयोग किया.

ये भी पढ़ें: Rule Change: LPG, UPI और Toll Tax… 1 अप्रैल से बदल जाएंगे ये 10 नियम, आपकी जेब पर होगा सीधा असर

SHARE NOW