यूजीसी अध्यक्ष जगदीश कुमार का कार्यकाल पूरा, हायर एजुकेशन में इन सुधारों के लिए जाने जाएंगे ममीदला

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विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने अपने अध्यक्ष प्रोफेसर ममीदला जगदीश कुमार को विदाई दी. साथ ही, उनके कार्यकाल में उच्च शिक्षा में हुए बदलावों की जमकर तारीफ की.

जेएनयू में रह चुके हैं कुलपति

जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) के पूर्व कुलपति रहे जगदीश कुमार को 4 फरवरी 2022 को यूजीसी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. उनके कार्यकाल की शुरुआत ऐसे समय में हुई, जब केंद्र सरकार नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को लागू करने की दिशा में अहम कदम उठा रही थी. उनके नेतृत्व में यूजीसी ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े और छात्र-केंद्रित सुधार किए गए. उनके कार्यकाल में प्रवेश प्रक्रिया, प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे यूजीसी-नेट, नीट, जेईई मेन 2025, और विश्वविद्यालयों में भर्ती प्रक्रिया से जुड़े कई दिशानिर्देशों में बदलाव किया गया.

इस कार्यक्रम की भी की थी शुरुआत

जानकारी के मुताबिक, प्रोफेसर जगदीश कुमार की एक बड़ी पहल के रूप में ड्यूल डिग्री कार्यक्रम की शुरुआत की गई, जिसके जरिए छात्र अब एक साथ दो पाठ्यक्रमों में पढ़ाई कर सकते हैं. इसके अलावा अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट (ABC पोर्टल), APAAR ID, मल्टीपल एंट्री-एग्जिट सिस्टम, और लचीलापन तथा सतत् शिक्षा के अवसर जैसे कई अहम बदलाव लागू किए गए. 

Farewell to Prof. M. Jagadesh Kumar 🌟

The University Grants Commission bids a heartfelt farewell to Chairman Prof. M. Jagadesh Kumar (@mamidala90).

His tenure was marked by a series of unprecedented student-centric reforms and far-reaching institutional changes across the… pic.twitter.com/vJH2A0nHZ4

— UGC INDIA (@ugc_india) April 7, 2025

यूजीसी ने ऐसे की तारीफ

यूजीसी ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ‘उनका कार्यकाल अनेक ऐतिहासिक और छात्र हित में केंद्रित सुधारों से भरा रहा। उन्होंने यूजीसी की कार्यप्रणाली में भी कई बदलाव लाए, जिससे उच्च शिक्षा के ढांचे को मजबूती मिली.’ आयोग ने यह भी कहा कि प्रोफेसर कुमार की शिक्षा जगत के प्रति प्रतिबद्धता और विभिन्न वर्गों के लोगों से जुड़ने की उनकी क्षमता को हमेशा याद किया जाएगा. यूजीसी परिवार ने उन्हें उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं और उनके नए अध्याय में सफलता की कामना की. गौरतलब है कि प्रोफेसर जगदीश कुमार का कार्यकाल न केवल नीतिगत सुधारों के लिए जाना जाएगा, बल्कि यह भी याद रखा जाएगा कि कैसे उन्होंने छात्रों को केंद्र में रखकर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए.

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