मां को कैंसर होने के बाद जन्मे बच्चे में भी होती है ये खतरनाक बीमारी? जान लीजिए जवाब

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Maternal Cancer Risks : अगर कोई महिला प्रेगनेंट है और उसे कैंसर भी है तो क्या इसका असर उसके होने वाले बच्चे पर भी पड़ेगा? क्या मां का कैंसर बच्चे को भी हो सकता है. इस तरह के सवाल कई परिवारों के लिए चिंता का कारण बन जाते हैं, खासकर जब मां गर्भवती हो और कैंसर (Pregnancy Cancer) जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रही हो. यह कंडीशन बेहद खतरनाक होती है. इसमें कई तरह की सावधानियां बरतने की जरूरत होती है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या मां को कैंसर होने के बाद जन्मे बच्चे में भी ये बीमारी होती है.

क्या कैंसर मां से बच्चे में ट्रांसफर हो सकता है

हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, ज्यादातर मामलों में कैंसर मां से बच्चे में ट्रांसफर नहीं होता है. मतलब अगर प्रेगनेंट महिला को कैंसर है, तो यह बिल्कुल भी जरूरी नहीं कि उसका आने वाला बच्चा (New Born) भी इस बीमारी का शिकार हो. ऐसा बेहद दुर्लभ मामलों में ही देखने को मिलता है.

सिर्फ कुछ खास तरह के कैंसर, जैसे मेलानोमा (Skin Cancer) या लीकेमिया (Blood Cancerर) में ही इसका रिस्क रहता है कि कैंसर सेल्स (Cancer Cells) प्लेसेंटा के जरिए से भ्रूण (Fetus) तक पहुंच सकती हैं, लेकिन यह लाखों केस में कभी-कभार ही होता है.

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क्या प्रेगनेंसी के दौरान कैंसर का इलाज हो सकता है

डॉक्टर्स के मुताबिक, अब मेडिकल साइंस इतना आगे बढ़ चुका है कि कई तरह के कैंसर का इलाज प्रेगनेंसी के दौरान भी सेफ तरीके से किया जा सकता है. खासकर अगर कैंसर गर्भावस्था के दूसरे या तीसरे तिमाही में पकड़ में आ जाए तो कई तरह की कीमोथेरेपी दवाएं दी जा सकती हैं जो बच्चे के लिए हानिकारक नहीं होती हैं. हालांकि इलाज की प्रक्रिया और दवाएं डॉक्टर गर्भवती महिला और भ्रूण की सेफ्टी को ध्यान में रखकर ही तय करते हैं.

क्या कैंसर जेनेटिक हो सकता है

कुछ तरह के कैंसर जेनेटिक हो सकते हैं, जैसे ब्रेस्ट कैंसर (BRCA जीन म्यूटेशन) या कोलन कैंसर. मतलब अगर मां को यह बीमारी जीन के कारण हुई है, तो वह जीन आगे बच्चे में भी जा सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि बच्चा जरूर कैंसर का शिकार होगा ही. सिर्फ इसका रिस्क बढ़ सकता है.

बच्चों की सुरक्षा कैसे करें

अगर किसी महिला को प्रेगनेंसी के दौरान कैंसर डायग्नोज होता है, तो घबराने की जरूरत नहीं है.

एक्सपर्ट डॉक्टर से समय रहते सलाह लें.

नियमित जांच कराएं.

संतुलित डाइट लें.

मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाएं.

डिलीवरी के बाद भी कुछ साल तक बच्चे की नियमित निगरानी करें.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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