औरतों की अंडरवियर में क्यों होती है ये ‘छोटी जेब’? जानिए इसका असली राज

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Small Pocket in Women’s Underwear: कभी आपने गौर किया है कि महिलाओं की अंडरवियर में अंदर की ओर एक छोटी सी जेब जैसी परत होती है? कोई इसे डिजाइन का हिस्सा समझता है तो कोई इसे फैशन से जोड़ देता है. कुछ महिलाएं तो यह मानती हैं कि ये “इमरजेंसी के लिए पॉकेट” है! लेकिन असल में, इस छोटी सी जेब का एक बेहद जरूरी कारण है, जो महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ है. आइए इस छोटी सी जेब के पीछे छिपे बड़े मकसद को समझने की कोशिश करते हैं. 

बता दें, महिलाओं की अंडरवियर में ये जेब बड़े काम की चीज है. लेकिन ज्यादातर महिलाएं इस तरफ ध्यान नहीं देती, यानी वो समझती हैं कि, हमारी अंडरवियर इसी तरह से बनाई और सजाई जाती है. हालांकि इस तरह से बनाने के पीछे कई राज छिपे हुए हैं. क्या-क्या हैं वो राज, आज हम आपको डिटेल में बताने जा रहे हैं. 

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 क्या होती है ये छोटी जेब?

महिलाओं की अंडरवियर में जो ये छोटी जेब होती है, उसे गस्सेट (Gusset) कहा जाता है. यह एक डबल लेयर फैब्रिक होती है, जो खास तौर पर अंडरवियर के अंदर वाले हिस्से में लगाई जाती है. 

गस्सेट (Gusset) का काम क्या है?

यह परत 100% कॉटन की होती है, जो नमी को सोखती है और बैक्टीरिया पनपने से रोकती है. इससे यूरिनरी इंफेक्शन जैसे खुजली और जलन जैसी समस्याओं से बचाव होता है. 

अंडरवियर अगर पूरी तरह सिंथेटिक कपड़े की हो तो उसमें पसीना जमा हो सकता है. लेकिन गस्सेट इसे बैलेंस करता है और वेंटिलेशन में मदद करता है. 

यह परत अंडरवियर को बेहतर फिट देती है और चलने-फिरने के दौरान आराम बनाए रखती है. 

महिलाओं को जाननी चाहिए जरूरी बातें

हमेशा कॉटन गस्सेट वाली अंडरवियर पहनें, खासकर गर्मी और पीरियड्स के दिनों में. 

फैशन  को प्राथमिकता दें कम दें और कॉटन अंडरवियर पहनें. 

सिंथेटिक और लेस वाले अंडरवियर की बजाय ऐसे विकल्प चुनें जो हाइजीन फ्रेंडली हों. 

महिलाओं की अंडरवियर में मौजूद ये “छोटी जेब” कोई फैशन का हिस्सा नहीं, बल्कि एक सोच-समझकर किया गया डिजाइन है, जो स्वास्थ्य, सफाई और आराम से जुड़ा हुआ है. अगली बार जब आप अंडरवियर खरीदें, तो इस छोटी सी “गस्सेट” को नजरअंदाज न करें, क्योंकि यही छोटी चीज आपके स्वास्थ्य की रखवाली करती है. 

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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