Shao Chun Chen: इंफोसिस के को-फाउंडर नारायण मूर्ति ने हफ्ते में 70 घंटे और लार्सन एंड टूब्रो के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने हफ्ते में 90 घंटे काम करने की सलाह दी थी. अमूमन हम और आप जैसे लोग हफ्ते में अमूमन 40 घंटे काम करते हैं, लेकिन आज हम आपको जिस शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं वह हफ्ते में मात्र तीन घंटे काम कर बेहद आलीशान जिंदगी जी रहा है और अपने परिवार को भी सहारा दे रहा है. दिलचस्प बात यह है कि वह हफ्ते में एक बार थाइलैंड से सिंगापुर का ट्रैवल भी करता है.
महीने के लाखों कमा रहे हैं शाओ चेन
CNBC मेक इट को दिए एक इंटरव्यू में शाओ चुन चेन ने बताया कि वह थाइलैंड में अपनी पत्नी के साथ रहते हैं और फिलहाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में लेक्चरर के तौर पर काम कर रहे हैं. इसके लिए उन्हें हफ्ते में एक दिन सिंगापुर जाना पड़ता है.
नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ सिंगापुर में हफ्ते में तीन घंटे की डिजिटल मार्केटिंग की क्लास लेकर शाओ चुन चेन हर महीने लगभग 1,540 से 3,070 डॉलर (लगभग 1.3 लाख से 2.6 लाख रुपये) कमाता है. इससे उसकी फ्लाइट का खर्चा भी आसानी से निकल जाता है और थाइलैंड में अपनी पत्नी के साथ रहने-खाने का खर्चा भी पूरा हो जाता है.
गूगल में छंटनी के बाद हुआ इस बात का एहसास
सीएनबीसी मेक इट को 39 साल के शाओ चेन ने बताया, मैं सिस्टम को अपनी उंगलियों पर नचा रहा हूं. सिंगापुर में तीन घंटे काम करने से थाईलैंड में मेरा पूरा खर्च चल जाता है. शाओ चेन ने बताया कि नवंबर 2024 में छंटनी के तहत उन्हें Google से निकाल दिया गया. शाओ चेन ने लगभग 10 साल तक गूगल में काम किया.
छंटनी के वक्त उनके पोर्टफोलियो की कीमत लगभग 2 मिलियन डॉलर थी. इससे लंबे समय तक गुजारा कर पाना मुमकिन नहीं था. शाओ चेन के मुताबिक, ”छंटनी के बाद उन्हें फाइनेंशियल आजादी का मतलब समझ में आया.” बतौर शाओ, ”मैं पिछले 14 सालों से काम कर रहा था. छंटनी के चलते मुझे ब्रेक लेने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस दौरान मैंने सोचा कि वाकई में मुझे जिंदगी से क्या चाहिए.”
कमाई का यह भी है जरिया
नौकरी से निकाले जाने के बाद शाओ चेन ने पिछले डेढ़ साल में पैसिव व एक्टिव इनकम के कई सोर्सेज बनाए. यूनिवर्सिटी में पढ़ाने के अलावा उनका अपना यूट्यूब चैनल भी हैं. साथ में वह कोचिंग भी चलाते हैं. इसके लिए वह प्रति घंटे 500 चार्ज करते हैं. शाओ चेन ने बताया कि थाइलैंड में कॉस्ट ऑफ लिविंग सिंगापुर के मुकाबले कम है इसलिए उन्हें ज्यादा खर्च भी नहीं करना पड़ता.
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