कोटा सिर्फ एक शहर नहीं सपनों की उड़ान है.’ ये कहना है जेईई एडवांस्ड 2025 में ऑल इंडिया रैंक 8 लाने वाले देवेश पंकज भैया का, जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन से यह बड़ी सफलता हासिल की है. देवेश मूल रूप से मुंबई से हैं लेकिन पिछले 6 साल से कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहे थे. उनका मानना है कि कोटा जैसा पढ़ाई का माहौल पूरे देश में कहीं नहीं है.
देवेश के पिता पंकज भैया पेशे से आर्किटेक्ट हैं, वहीं मां पल्लवी भैया एक इंटीरियर डिजाइनर हैं. पढ़ाई के दौरान उनकी मां भी कोटा में उनके साथ रहीं, जिससे उन्हें भावनात्मक सहारा मिला और वे पूरी तरह पढ़ाई पर फोकस कर पाए. देवेश कहते हैं, “अगर मैं कोटा नहीं आता, तो शायद मुझे इतनी सही दिशा और गाइडेंस नहीं मिलती. यहां का वातावरण, शिक्षक और प्रतिस्पर्धा खुद-ब-खुद पढ़ाई के लिए प्रेरित करते हैं.”
मिली ये रैंक
देवेश ने इस साल जेईई एडवांस्ड में ऑल इंडिया रैंक 8 के साथ ही 12वीं कक्षा में 97.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं. इससे पहले उन्होंने जेईई मेन में 99.9976 परसेंटाइल के साथ ऑल इंडिया रैंक 65 हासिल की थी. 10वीं में भी उन्होंने 96% अंक हासिल किए थे. उनकी पढ़ाई की यात्रा केवल किताबों तक सीमित नहीं रही. वह इंटरनेशनल जूनियर साइंस ओलंपियाड (IJSO) में दो बार गोल्ड मेडल जीत चुके हैं और अब तक 500 से ज्यादा नेशनल, इंटरनेशनल और स्टेट लेवल ओलंपियाड्स में गोल्ड मेडल अपने नाम कर चुके हैं.
भारत सरकार ने किया था सम्मानित
साल 2020 में भारत सरकार ने उन्हें ‘बाल शक्ति पुरस्कार’ से सम्मानित किया था, जो देश के सबसे प्रतिभाशाली बच्चों को दिया जाता है. यह पुरस्कार देश के प्रधानमंत्री खुद उन्हें प्रदान कर चुके हैं. उनकी बड़ी बहन कलश भी कोटा में पढ़ चुकी हैं और अब कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में कंप्यूटर इंजीनियरिंग कर रही हैं.
देवेश का सपना अब देश से बाहर जाकर कुछ बड़ा करने का है. उन्हें दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान ‘MIT’ (मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) में दाखिला मिल चुका है. लेकिन वह मानते हैं कि कोटा और भारत की नींव के बिना यह सब मुमकिन नहीं हो पाता.
इनपुट: दिनेश कश्यप
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