एयरफोर्स में कैसे बनते हैं एयर मार्शल? जानें फ्लाइंग ऑफिसर से लेकर एयर चीफ मार्शल तक की सैलरी

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देश सेवा और आसमान की ऊंचाइयों को छूने का सपना लेकर हर साल लाखों युवा भारतीय वायुसेना में शामिल होने की कोशिश करते हैं. इस सपने में रोमांच, गर्व और देशभक्ति के साथ-साथ एक अहम पहलू होता है सैलरी और सुविधाएं. भारतीय वायुसेना न केवल सम्मान और जिम्मेदारी देती है, बल्कि इसके साथ मिलती है शानदार सैलरी और कई तरह के भत्ते जो युवाओं को काफी आकर्षित करते हैं.

ट्रेनिंग के दौरान भी मिलती है सैलरी

भारतीय वायुसेना की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, जब कोई युवा ऑफिसर रैंक पर भर्ती होता है और ट्रेनिंग शुरू करता है, तो उसे ट्रेनिंग के आखिरी एक साल में 56,100 रुपये प्रतिमाह सैलरी दी जाती है. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद जब किसी को फ्लाइंग ऑफिसर रैंक पर कमीशन दिया जाता है, तब उसकी सैलरी पे लेवल-10 के तहत 56,100 रुपये से लेकर 1,77,500 रुपये के बीच होती है.

रैंक के अनुसार सैलरी

फ्लाइंग ऑफिसर: 56,100 रुपये – 1,10,700 रुपये
फ्लाइंग लेफ्टिनेंट: 61,300 रुपये – 1,20,900 रुपये
स्क्वॉड्रन लीडर: 69,400 रुपये – 1,36,900 रुपये
विंग कमांडर: 1,16,700 रुपये – 2,08,700  रुपये
ग्रुप कैप्टन: 1,30,600 रुपये – 2,15,900 रुपये
एयर कोमोडोर: 1,39,600 रुपये – 2,17,600 रुपये
एयर वाइस मार्शल: 1,44,200 रुपये – 2,18,200 रुपये
एयर मार्शल: 1,82,200  रुपये – 2,24,100 रुपये
एयर चीफ मार्शल: 2,50,000 रुपये (फिक्स्ड)

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मिलते हैं कई प्रकार के भत्ते

सैलरी के अलावा वायुसेना ऑफिसर्स को कई तरह के भत्ते भी मिलते हैं. इनमें ट्रांसपोर्ट अलाउंस, हाउस रेंट अलाउंस (HRA), चिल्ड्रन एजुकेशन अलाउंस आदि शामिल हैं. पोस्टिंग की जगह के अनुसार विशेष भत्ते जैसे फील्ड एरिया, हिल एरिया, सियाचिन, आईलैंड ड्यूटी, स्पेशल फोर्स, फ्लाइंग अलाउंस और टेक्निकल अलाउंस भी मिलते हैं.

मिलिट्री सर्विस पे

फ्लाइंग ऑफिसर से लेकर एयर कोमोडोर तक के अधिकारियों को 15,500 रुपये प्रति माह मिलिट्री सर्विस पे भी दिया जाता है. यह भत्ता भारतीय सेना और नौसेना के अधिकारियों को भी मिलता है.

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