8th Pay Commission Salary Hike: 8वें वेतन आयोग में सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कितनी बढ़ेगी पता चल गया! Goldman Sachs ने किया खुलासा

8th Pay Commission Salary Hike: 8वां वेतन आयोग को लेकर जब से घोषणा हुई है, तब से सरकारी कर्मचारियों को इस बात की चिंता है कि आयोग के लागू होने पर उनकी सैलरी में कितना इजाफा होगा. लेकिन, अब उनका इंतजार खत्म होता नजर आ रहा है. दरअसल, गोल्डमैन सैक्स ने इसे लेकर एक अनुमान लगाया है, जिससे पता चलता है कि 8वें वेतन आयोग के लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में कितनी बढ़ोतरी होगी.

क्या कहती है Goldman Sachs की रिपोर्ट

Goldman Sachs की रिपोर्ट के अनुसार, 8th Pay Commission लागू होने के बाद सरकारी कर्मचारियों की सैलरी में 14,000 से 19,000 तक की बढ़ोतरी हो सकती है. इसके साथ ही गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान लगाया है कि यह बढ़ोतरी 2026 या 2027 में लागू हो सकती है.

इसे आसान भाषा में समझिए

फिलहाल केंद्र सरकार के कर्मचारियों की औसत सैलरी 1 लाख रुपये प्रति महीना (टैक्स से पहले) है. 8वें वेतन आयोग के बाद इसमें 14 से 19 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है. इसके लिए तीन संभावित योजनाएं बनाई गई हैं. अगर सरकार 1.75 लाख करोड़ का बजट रखती है (50 फीसदी सैलरी और 50 फीसदी पेंशन बढ़ोतरी के लिए), तो औसत सैलरी में 14,600 रुपये प्रति माह की बढ़ोतरी होगी. वहीं, अगर 2 लाख करोड़ का बजट रखा जाता है, तो सैलरी में 16,700 रुपये प्रति माह की बढ़ोतरी होगी. जबकि, अगर 2.25 लाख करोड़ आवंटित किए जाते हैं, तो कर्मचारियों को सैलरी में 18,800 प्रति माह की बढ़ोतरी मिलेगी.

50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनर्स को होगा फायदा

8th Pay Commission से 50 लाख से ज़्यादा सरकारी कर्मचारी और 65 लाख पेंशनर्स को सीधा फायदा मिलेगा. इससे पहले 7वें वेतन आयोग के तहत सरकार ने 1.02 लाख करोड़ खर्च किए थे.

8th Pay Commission कब लागू होगा?

16 जनवरी 2025 को केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग को मंज़ूरी दी थी. हालांकि, अभी तक आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों के नाम तय नहीं हुए हैं. आयोग की रिपोर्ट 2026 या 2027 में लागू हो सकती है.

फिटमेंट फैक्टर से सैलरी में जबरदस्त उछाल

वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर तय किया जाता है, जिससे सैलरी बढ़ती है. 7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था और अब मांग की जा रही है कि इसे और बढ़ाया जाए. अगर फिटमेंट फैक्टर 2.57 रहता है, तो न्यूनतम सैलरी 18,000 से बढ़कर 46,260 हो जाएगी. जबकि, न्यूनतम पेंशन 9,000 से बढ़कर 23,130 हो जाएगी. अगर फिटमेंट फैक्टर 1.92 तय होता है, जैसा कि पूर्व वित्त सचिव सुबाष गर्ग का अनुमान है, तो न्यूनतम सैलरी 34,560 होगी. हालांकि, कर्मचारियों की मांग 2.86 फिटमेंट फैक्टर की थी, लेकिन सरकार के लिए इसे लागू करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.

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भारत में आने वाली है एयर कंडीशनर की बाढ़, जेब और बिजली दोनों पर बढ़ने वाला है तगड़ा बोझ

भारत में अगले 10 सालों में 13 से 15 करोड़ नए एयर कंडीशनर (AC) जुड़ने वाले हैं. इससे देश की बिजली की मांग 180 गीगावॉट (GW) तक बढ़ सकती है, जिससे पावर सिस्टम पर भारी दबाव पड़ेगा. ये खुलासा हुआ है यूसी बर्कले (UC Berkeley) के इंडिया एनर्जी एंड क्लाइमेट सेंटर (IECC) की एक नई स्टडी में.

बिजली की मांग और संकट की आशंका

रिपोर्ट के मुताबिक, अगर इस बढ़ती मांग पर समझदारी से कदम नहीं उठाए गए, तो भारत को 2026 तक बिजली की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है.

जरूरी फैक्ट्स

भारत में हर साल 1-1.5 करोड़ नए AC लग रहे हैं.

2030 तक AC की वजह से 120 GW, और 2035 तक 180 GW तक बिजली की मांग बढ़ सकती है.

गर्मी बढ़ने से AC की बिक्री 40-50 फीसदी बढ़ी है.

2024 की गर्मी में बिजली की खपत 9-10 फीसदी बढ़ने की संभावना है.

IECC के निकीथ अभ्यंकर ने चेतावनी दी है कि AC बिजली की पीक डिमांड का सबसे बड़ा कारण बनते जा रहे हैं. अगर सही कदम नहीं उठाए गए, तो ब्लैकआउट या महंगे इमरजेंसी सॉल्यूशन्स लेने पड़ सकते हैं.

क्या है समाधान?

रिपोर्ट बताती है कि अगर भारत AC की एनर्जी एफिशिएंसी को दोगुना कर दे, तो, बिजली बचाने के साथ-साथ 2.2 लाख करोड़ की बचत हो सकती है. इसके अलावा, 60 GW बिजली की मांग 2035 तक कम की जा सकती है.

कैसे बढ़ेगी AC की एनर्जी एफिशिएंसी?

ऐसा करने के लिए ऊर्जा प्रदर्शन मानकों (MEPS) को अपडेट किया जाए. वहीं, 2027 से 1-स्टार लेवल को 5-स्टार के बराबर कर दिया जाए. इसके अलावा, हर तीन साल में स्टैंडर्ड को और टाइट किया जाए. भारत की जलवायु के अनुसार AC टेस्टिंग भी बदली जाए. दरअसल, भारत में सिर्फ कूलिंग नहीं, बल्कि नमी कम करने पर भी ध्यान देने की जरूरत है.

इसके अलावा, ‘मेक इन इंडिया’ और PLI स्कीम्स को बढ़ावा मिले. आपको बता दें, पहले से ही 600 से ज्यादा मॉडल 5-स्टार लेवल से बेहतर हैं. इससे भारत सस्टेनेबल और अफोर्डेबल कूलिंग का ग्लोबल हब बन सकता है.

भारत को करना होगा स्मार्ट फैसला

अगर सरकार सही नीति बनाती है और भारतीय कंपनियां एनर्जी एफिशिएंट AC का प्रोडक्शन बढ़ाती हैं, तो बिजली संकट से बचा जा सकता है और उपभोक्ताओं को भी फायदा होगा. ये भारत के लिए ‘सस्टेनेबल कूलिंग’ की ओर एक बड़ा कदम होगा.

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कंचे वाली सोडा बोतल की दुनिया हुई फैन, सड़क के ठेला से पहुंची सुपरमार्केट, ब्रिटेन से अमेरिका तक डिमांड

अक्सर जब आप प्यासे होते हैं जरूर घर से बाहर निकलने पर कंचे वाली सोडा की बोतल पीया होगा. पेप्सी और कोक के बीच जरूर इस सोडा बोतल की डिमांड कम हुई, लेकिन इस पारंपरिक ब्रांड की विदेशों में खूब धूम है. नींबू सोडा की खाड़ी देशों समेत अमेरिका-ब्रिटेन में काफी मांग हो रही है. कॉमर्स मिनिस्ट्री की विंग कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) ने बताया कि ग्लोबल मार्केट में इसकी अच्छी खासी मांग है.

समाचार एजेंसी पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, ब्रिटेन से लेकर यूरोप और अन्य खाड़ी देशों में ट्रायल के लिए इस नींबू सोडा पानी को एक्सपोर्ट किया गया और ये ट्रायल सफल रहा. 

फेयर एक्सपोर्ट इंडिया के साथ खाड़ी देशों में इस क्षेत्र की फुटकर चेन लुलू हाइपरमार्केट में अपनी जगह बना ली है. जो ये दर्शाता है कि किस कदर वहां पर इसकी लोकप्रियता और जबरदस्त मांग है. यानी अब इसकी पहुंच सड़क के ठेला से सुपरमार्केट तक हो गई है.

रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन में ये नींबू सोडा ट्रेंडी ड्रिंक के रुप में लोकप्रिय हो रहा है. एपीडा की तरफ से 17 मार्च से लेकर 19 मार्च तक आयोजित किए गए अंतरराष्ट्रीय खाद्य एवं पेय कार्यक्रम (आईएफई) लंदन 2025 के दौरान इसे प्रदर्शित किया था. भारत के इस पारंपरिक प्रसंस्कृत खाद्य को वैश्विक स्तर पर प्रदर्शित करने का एक बड़ा मौका दिया है. 

गौरतलब है कि कंचे वाली बोतल की एक वक्त काफी डिमांड रही. लेकिन, आधुनिक पेय पेप्सी और कोक के बीच इसकी डिमांड काफी कम हो गई थी. ऐसे में ग्लोबली इस कंचे वाली बोतल की डिमांड ने इस क्षेत्र में लगे भारतीय उद्यमियों को उत्साह को दोगुना कर दिया है. साथ ही, इस भारतीय पेय सोडा बोतल की लोकप्रियता का जब दुनिया में स्वाद लिया जा रहा है तो ऐसे में कहीं न कहीं इस तरह के दूसरे ब्रांड को जरूर कड़ी टक्कर मिलेगी.

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Samsung पर आई आफत! इम्पोर्ट ड्यूटी में हेरफर करने का लगा आरोप, 5,150 करोड़ का आया नोटिस

Samsung: भारत सरकार ने सैमसंग और उसके अधिकारियों को 601 मिलियन डॉलर यानी 5,150 करोड़ रुपये का टैक्स और जुर्माना भरने का नोटिस भेजा है. कंपनी पर की-टेलीकॉम इक्विपमेंट्स के इंपोर्ट पर टैरिफ से बचने के लिए गलत तरीकों के इस्तेमाल का आरोप है. बीते कुछ सालों में यह किसी कंपनी को भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा टैक्स डिमांड नोटिस है. 

टैक्स डिमांड सैमसंग के नेट प्रॉफिट का बड़ा हिस्सा 

यह टैक्स डिमांड सैमसंग के पिछले साल के 955 मिलियन डॉलर के नेट प्रॉफिट का एक बड़ा हिस्सा है. भारत के कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और स्मार्टफोन मार्केट में से एक सैमसंग इस नोटिस को टैक्स ट्रिब्यूनल या कोर्ट में चुनौती दे सकती है. सैमसंग अपने नेटवर्क डिवीजन के जरिए टेलीकॉम इक्विपमेंट्स इम्पोर्ट करती है.

पहले भी आ चुका है नोटिस

इससे पहले साल 2023 में अपने मोबाइल टावरों में इस्तेमाल किए गए जरूरी ट्रांसमिशन कंपोनेंट पर 10 परसेंट टया 20 परसेंट टैरिफ से बचने के लिए इम्पोर्ट को गलत तरीके से क्लासीफाई के लिए कंपनी को नोटिस मिला था. इसे लेकर सैमसंग ने टैक्स अथॉरिटी पर जांच बंद करने का दबाव बनाया था.

कंपनी ने सफाई देते हुए कहा था कि कंपोनेंट पर टैरिफ नहीं लगाया जा सकता. जबकि अधिकारियों को सालों से इसके क्लासीफिकेशन प्रैक्टिस के बारे में पता था. हालांकि,  रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक 8 जनवरी को कस्टम विभाग के अधिकारियों ने अपने एक आदेश में कंपनी के बयान पर असहमति जताई थी.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सीमा शुल्क आयुक्त सोनल बजाज ने एक आदेश में कहा है कि सैमसंग ने भारतीय कानूनों का उल्लंघन किया है और क्लीयरेंस के लिए कस्टम अथॉरिटी के सामने जानबूझकर झूठे दस्तावेज पेश किए हैं. 

इन सात अधिकारियों पर लगा जुर्माना

सैमसंग को 4,460 करोड़ रुपये (520 मिलियन डॉलर) के भुगतान का आदेश दिया गया है. इसमें बकाया टैक्स अमाउंट और जुर्माना शामिल है. भारत में सैमसंग के सात अधिकारियों पर 81 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया गया है, जिनमें नेटवर्क डिवीजन के वाइस प्रेसिडेंट सुंग बीम होंग, चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर डोंग वोन चू और फाइनेंस के लिए जनरल मैनेजर शीतल जैन के साथ ही सैमसंग में इनडायरेक्ट टैक्स के जनरल मैनेजर निखिल अग्रवाल शामिल हैं. 

2021 में शुरू हुई थी जांच

बता दें कि सैमसंग की ये जांच साल 2021 में तब शुरू हुई, जब अधिकारियों ने मुंबई और दिल्ली में कंपनी के ऑफिसेज की तलाशी की थी. इस दौरान अधिकारियों ने कुछ इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, डॉक्यूमेंट्स और ईमेल जब्त किए और पूछताछ शुरू की गई. इस जांच में खुलासा हुआ कि साल 2018 से 2021 तक सैमसंग ने कोरिया और वियतनाम से 784 मिलियन डॉलर यानी 6,711 करोड़ रुपए की वैल्यू के कंपोनेंट के इंपोर्ट पर कोई बकाया नहीं चुकाया है. सरकार का कहना है कि सिग्नल ट्रांसमिट करने वाले ये कंपोनेंट्स टावरों में लगाए जाते हैं और इन पर टैरिफ लगता है. जबकि, कंपनी ने इस पर असहमति जताई थी. 

 

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EPFO को लेकर आई बड़ी अपडेट! ATM भूल जाइए…अब UPI के जरिए मिनटों में मिलेगा PF का पूरा पैसा

EPFO ​​UPI Facility: अगर आप सरकारी या किसी भी प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करते हैं और आपका हर महीने पीएफ कटता है तो यह खबर आपके लिए ही है. दरअसल, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अब यूपीआई (UPI) के जरिए PF क्लेम की प्रक्रिया को और तेज करने जा रहा है.

श्रम और रोजगार सचिव सुमिता डावरा ने सोमवार को बताया कि मई 2025 के अंत तक EPFO सिस्टम में UPI को इंटीग्रेट कर दिया जाएगा. इससे 7.5 करोड़ एक्टिव EPF सदस्यों को फायदा होगा, जिनके PF अकाउंट में पैसा तुरंत ट्रांसफर हो सकेगा.

क्या होगा नया सिस्टम?

1 लाख रुपये तक के क्लेम पहले से ही ऑटोमेटेड हैं, अब UPI से और तेज होंगे. इसके अलावा, अकाउंट होल्डर्स अपने UPI ऐप (जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm) में EPFO अकाउंट लिंक कर सकेंगे. वहीं, ऑटो-क्लेम की सुविधा भी मिलेगी. यानी अगर मेम्बर eligible है, तो पैसा तुरंत जमा हो जाएगा. अभी की बात करें तो क्लेम प्रोसेसिंग में 3 दिन लगते हैं, UPI आने के बाद कुछ ही मिनटों में पैसा मिलेगा.

डेटाबेस और पेंशन सिस्टम में सुधार

EPFO ने पहली बार सेंट्रलाइज्ड डेटाबेस बनाया है, जिसे पूरी तरह स्टेबल होने में 2-3 हफ्ते लगेंगे.

78 लाख पेंशनर्स को अब किसी भी बैंक से पेंशन मिल सकेगी (पहले सिर्फ कुछ बैंक ही नोटिफाइड थे).

RBI की सलाह पर सेंट्रलाइज्ड पेंशन सिस्टम लागू किया गया है.

रोजगार से जुड़ी नई योजनाएं

एम्प्लॉयमेंट लिंक्ड इंसेंटिव (ELI) स्कीम का बजट 10,000 करोड़ से बढ़ाकर 20,000 करोड़ किया गया है. नौकरी करने वाले युवाओं, मौजूदा कर्मचारियों और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को इसका फायदा मिलेगा. ऑनलाइन PMJAY स्कीम के तहत प्लेटफॉर्म वर्कर्स को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा भी मिलेगा.

कब तक मिलेगी UPI की सुविधा?

EPFO ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ( NPCI) से सुझाव लेकर प्रस्ताव तैयार किया है. मई के अंत तक UPI फ्रंटएंड टेस्टिंग के बाद लॉन्च होगा. आपको बता दें, अभी तक पीएफ का पैसा एटीएम से निकालने की बात की जा रही थी. ईपीएफओ की तरफ से ये निर्देश भी दिया गया था कि एटीएम वाली सुविधा कुछ ही महीनों में शुरू हो जाएगी. हालांकि, अब अगर पीएफ अकाउंट सीधे यूपीआई से लिंक हो जाएगा तो एटीएम की जरूरत शायद ही लोगों को पड़ेगी.

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RBI Unclaimed Deposits: बैंक करेंगे आपके परिजनों का 78,213 करोड़ रुपया वापिस! RBI ने बनाया नया सिस्टम, 1 अप्रैल से लागू होगा फैसला

RBI Unclaimed Deposits: भारत के बैंकों में 78,213 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम अनक्लेम्ड डिपॉजिट (Unclaimed Deposits), यानी जिनका अभी तक कोई मालिक नहीं है, के रूप में पड़ी है. आसान भाषा में कहें तो ये पैसा उन लोगों का है, जिन्होंने बैंक में पैसा तो जमा कराया, लेकिन उसे निकालना भूल गए या फिर किसी और वजह से वह या उनके परिजन इस अकाउंट तक अपनी पहुंच नहीं बना पाए.

हालांकि, अब ये अनक्लेम्ड डिपॉजिट अपने सही मालिकों तक पहुंचने वाली है. दरअसल, RBI ने इस पैसे को वापस दिलाने के लिए 1 अप्रैल 2025 से नया सिस्टम लागू किया है. इसके तहत बैंकों को अपनी वेबसाइट पर अनक्लेम्ड डिपॉजिट्स की पूरी डिटेल्स डालनी होंगी, जिसमें खाताधारक का नाम और पब्लिक सर्च फीचर भी शामिल होगा.

नया प्रोसेस क्या है?

  1. स्टैंडर्ड फॉर्मेट: अब सभी बैंक एक ही तरह का एप्लिकेशन फॉर्म और डॉक्यूमेंट्स मांगेंगे.
  2. ऑनलाइन सुविधा: FY2026 तक पूरी तरह ऑनलाइन क्लेम सिस्टम शुरू हो जाएगा.
  3. आसान वेरिफिकेशन: फॉर्म भरने के बाद बैंक की ब्रांच खुद ग्राहक से संपर्क करेगी और पैसा ट्रांसफर कर देगी.

कैसे चेक करें अपना निष्क्रिय खाता?

अभी तक ग्राहकों को RBI के UDGAM पोर्टल पर जाकर अनक्लेम्ड डिपॉजिट चेक करनी पड़ती थी, फिर बैंक ब्रांच में जाकर क्लेम करना होता था. नए सिस्टम में यह प्रक्रिया और आसान हो जाएगी.

अनक्लेम्ड डिपॉजिट कितना है?

मार्च 2024 तक के आंकड़े के अनुसार, RBI के डिपॉजिटर एजुकेशन फंड (DEA) में 78,213 करोड़ रुपये जमा हैं. यह रकम पिछले साल से 26 फीसदी ज्यादा है. आपको बता दें, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों, म्यूचुअल फंड्स और इंश्योरेंस कंपनियों को निष्क्रिय राशि वापस देने के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं.

नया नॉमिनी नियम भी लागू

बैंकिंग लॉ (संशोधन) बिल, 2024 के तहत अब एक खाते में 4 नॉमिनी रख सकते हैं (पहले सिर्फ 1 ही होता था). इससे निष्क्रिय खातों की रकम वापस पाना और आसान होगा.

कैसे पता करें अपना Unclaimed Deposit?

  1. बैंक की वेबसाइट पर “Unclaimed Deposits” सेक्शन चेक करें.
  2. नाम, मोबाइल नंबर और एड्रेस के साथ फॉर्म भरें.
  3. बैंक वेरिफाई करके पैसा आपके अकाउंट में ट्रांसफर कर देगा.

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Multibagger Stock: ये मल्टीबैगर स्टॉक में और जोश है बाकी, देगा बंपर रिटर्न, जानें शेयर का नाम

Va Tech Wabag Share Price: पानी की सफाई से जुड़े टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी Va Tech Wabag का स्टॉक निवेशकों को जोरदार रिटर्न दे सकता है. यस सिक्योरिटीज इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज (Yes Securities Institutional Equities) ने निवेशकों को Va Tech Wabag के स्टॉक को खरीदने की सलाह दी है. सोमवार 24 मार्च को कंपनी का स्टॉक 1565 रुपये पर क्लोज हुआ था. 

यस सिक्योरिटीज इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने Va Tech Wabag के शेयर को लेकर अपना कवरेज रिपोर्ट जारी किया है. कवरेज रिपोर्ट में ब्रोकरेज हाउस ने निवेशकों को स्टॉक तको खरीदने की सलाह दी है. यस सिक्योरिटीज के मुताबिक स्टॉक अपने मौजूदा लेवल 1513 रुपये से 16 फीसदी का रिटर्न दे सकता है और शेयर 1750 रुपये तक जा सकता है. यस सिक्योरिटीज के मुताबिक कंपनी ने शुक्रवार 21 मार्च को इंटरनेशनल निवेशकों के साथ एक समझौता किया है जिसमें म्यूनिसिपल वाटर सेक्टर के कैपिटल प्रोजेक्ट्स के डेवलपमेंट पर फोकस किया जाएगा. इसके लिए 100 मिलियन डॉलर का म्यूनिसिपल प्लेटफॉर्म तैयार किया है. कवरेज रिपोर्ट में यस सिक्योरिटीज ने कहा ये फ्लेटफॉर्म म्यूनिसिपल वायर ईपीसी प्रोजेक्ट्स में कंपनी को 1 बिलियन डॉलर का अवसर प्रदान करेगा.  

 
 Va Tech Wabag एक मल्टीबैगर स्टॉक है जिसने पिछले कुछ वर्षों में अपने निवेशकों को जोरदार रिटर्न दिया है. आज से एक साल पहले 26 मार्च को कंपनी का स्टॉक 709 रुपये पर था. जो अब दोगुना होकर 1565 रुपये के करीब है. 9 दिसंबर को स्टॉक ने 1944 रुपये के हाई को छूआ था. हालांकि बाजार में गिरावट के चलते स्टॉक जनवरी 2025 के आखिरी हफ्ते में घटकर 1114 रुपये पर आ गया था. लेकिन निचले लेवल से स्टॉक ने रिकवरी दिखाई है. Va Tech Wabag के स्टॉक ने एक साल में निवेशकों को 108 फीसदी, 2 वर्षों में 350 फीसदी, 3 वर्षों में 438 फीसदी और 5 सालों में 1570 फीसदी का रिटर्न दे चुका है. 

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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शेयर बाजार में लगातार सातवें दिन तेजी, खुलते ही सेंसेक्स 78000 पार, इस साल हुए गिरावट की हुई भरपाई

शेयर बाजार में लगातार सातवें दिन तेजी देखने को मिल रही है. एक दिन पहले यानी सोमवार को आए तूफान के बाद ये सिलसिला मंगलवार को भी देखने को मिल रहा है. एक तरफ जहां बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स इंडेक्स खुलने के साथ 78 हजार के पास कर गया तो वहीं दूसरी ओर निफ्टी एक्सचेंज का Nifty-50 ने भी करीब 100 की बढ़त के साथ कारोबार की शुरुआत की. 

निफ्टी में 92.75 अंक यानी 0.38 फीसदी की बढ़त के साथ 23,748.70 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. तो वहीं निफ्टी 0.41 फीसदी यानी 309.36 अक बढ़त के साथ 78,300.54 पर कारोबार कर रहा है.

शेयर मार्केट की कारोबारी शुरुआत होने पर बीएसई का सेंसेक्स एक दिन पहले बंद हुए 77 हजार 984.38 के लेवर के आगे बढ़ते हुए 78 हजार 296.28 पर खुला. जबकि, निफ्टी की बात करें तो एक दिन पहले बंद हुए 23 हजार 658.35 के लेवल से बढ़ते हुए 23 हजार 751.50 पर कारोबार करना शुरू किया. 

इधर, विदेशी निवेशकों के सकारात्मक रुख और बेहतर मूल्यांकन के कारण घरेलू शेयर बाजारों में इस साल हुई गिरावट की भरपाई हो गई है. दोनों प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी ने हाल में हुई गिरावट के बाद सोमवार को लगातार छठे दिन जोरदार तेजी को बरकरार रखा.

एक्सपर्ट्स का कहना है कि लंबे समय तक बिकवाली के बाद विदेशी निवेशकों की वापसी, निचले स्तरों पर खरीदारी, बेहतर मूल्यांकन और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के 2025 में दो बार ब्याज दरों को घटाने के संकेत ने निवेशकों की धारणा को मजबूत किया है.. बीएसई सेंसेक्स 17 मार्च से छह दिन में 4,155.47 अंक या 5.62 प्रतिशत उछल चुका है.

इस दौरान एनएसई निफ्टी 1,261.15 अंक या 5.63 प्रतिशत चढ़ा है.. पिछले महीने सेंसेक्स में 4,302.47 अंक या 5.55 प्रतिशत की गिरावट आई थी, जबकि जनवरी में इसमें 638.44 अंक या 0.81 प्रतिशत की गिरावट आई थी.. मार्च में अबतक सेंसेक्स 4,786.28 अंक या 6.53 प्रतिशत चढ़ चुका है. 

लेमन मार्केट्स डेस्क के विश्लेषक सतीश चंद्र अलूरी ने कहा, ‘‘मार्च में अबतक भारतीय बाजारों में उल्लेखनीय उछाल आया है.. निचले स्तर पर लिवाली और बेहतर मूल्यांकन, कमजोर डॉलर और कम अमेरिकी प्रतिफल के कारण विदेशी निवेशक वापसी कर रहे हैं..’’ उन्होंने कहा कि पिछले पांच महीनों में रिकॉर्ड 29 अरब डॉलर की बिक्री के बाद, विदेशी निवेशक हाल के सत्रों में शुद्ध खरीदारों रहे हैं.

इसके अलावा डॉलर के रुख में नरमी से भी निवेशकों की धारणा मजबूत हुई.. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के शोध, संपत्ति प्रबंधन के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के जवाबी शुल्कों में लचीलेपन के संकेत के बाद बाजार की धारणा को और बल मिला है.

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Prasanna Sankar Story: पत्नी की बेवफाई! पुलिस के छापे और तलाक के 9 करोड़…वायरल है अरबपति बिजनेसमैन Prasanna Sankar की कहानी

Prasanna Sankar Story: पति-पत्नी और वो की कई कहानियां इन दिनों न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया पर वायरल हैं. इसी तरह की एक कहानी है Rippling के फाउंडर प्रसन्ना शंकर की. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने अपनी पत्नी पर और चेन्नई पुलिस पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए पोस्ट किए हैं. ये पोस्ट वायरल हैं और लोग इस पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं. चलिए, आपको बताते हैं कि प्रसन्ना ने क्या-क्या बताया है.

‘मैं भारत का नंबर 1 कोडर था’

सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रसन्ना लिखते हैं, ‘मेरा नाम प्रसन्ना है, मैंने Rippling (जिसकी वैल्यू 10 बिलियन डॉलर है) की स्थापना की. मैं इस वक्त तलाक के दौर से गुजर रहा हूं. अभी मैं चेन्नई पुलिस से भाग रहा हूं और तमिलनाडु के बाहर छिपा हुआ हूं. यह मेरी कहानी है.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘मैं चेन्नई में पैदा हुआ और 20 साल वहीं रहा. मैंने NIT त्रिची से पढ़ाई की. वहीं मेरी मुलाकात मेरी पत्नी से हुई. मैं भारत का नंबर 1 कोडर था. फिर मैं अमेरिका चला गया एक टेक्नोलॉजी कंपनी शुरू करने के लिए. मैं और मेरी पत्नी, दिव्या, 10 साल तक शादीशुदा रहे और हमारा 9 साल का बेटा है.’

‘पत्नी का अफेयर है’

प्रसन्ना ने आगे लिखा, ‘लेकिन, हाल ही में हमारा रिश्ता टूट गया, जब मुझे पता चला कि वह अनूप नाम के आदमी के साथ 6+ महीनों से अफेयर में थी. अनूप की पत्नी ने मुझे वो मैसेज भेजे जो मेरी पत्नी ने अनूप को भेजे थे और उन होटल बुकिंग्स की डिटेल्स भी भेजीं, जो उसने उसके लिए की थीं.

‘मुझ पर झूठे आरोप लगाए गए’

प्रसन्ना ने आगे पोस्ट करते हुए लिखा, ‘इस मामले के बाद हम तलाक लेना चाहते थे कि और फिर बात इस पर आई कि मुझे उसे कितने मिलियन डॉलर देने होंगे. लेकिन वह इससे नाखुश थी और उसने मुझ पर झूठी पुलिस शिकायत दर्ज कर दी कि मैंने उसे मारा. बाद में उसने और झूठे आरोप लगाए कि मैंने उसका रेप किया. इसके बाद उसने आरोप लगाए कि मैंने उसकी न्यूड वीडियो वायरल कर दीं. सिंगापुर पुलिस ने इन सभी आरोपों की जांच की, उन्हें बेबुनियाद पाया और मुझे सभी आरोपों से मुक्त कर दिया.’

‘अमेरिका में दी तलाक की अर्जी’

प्रसन्ना ने आगे पोस्ट में लिखा, ‘मैंने भारत में तलाक के लिए अर्जी दी. लेकिन, मेरी पत्नी ने अमेरिका में तलाक के लिए अर्जी दी ताकि, वह मुझसे और ज्यादा पैसे निकाल सके. फिर उसने मेरे बेटे को अमेरिका ले जाकर अपने तलाक के केस में फायदा उठाने की कोशिश की.

मैंने अमेरिका में एक इंटरनेशनल चाइल्ड एबडक्शन केस दायर किया और जज ने मेरे पक्ष में फैसला सुनाया और मेरे बेटे को वापस भेजने का आदेश दिया. चूंकि उसने सिंगापुर में कानून तोड़ा था, इसलिए उसने मुझसे समझौता किया कि वह चेन्नई आकर सेटल हो जाएगी.’

‘9 करोड़ और हर महीने 4.3 लाख रुपये’

प्रसन्ना ने आगे लिखा, ‘हमने एक MOU (समझौता ज्ञापन) साइन किया, जिसमें तय हुआ कि मैं उसे करीब 9 करोड़ और हर महीने 4.3 लाख रुपये दूंगा. इसके बाद, मैंने उसकी और मेरे बेटे की फ्लाइट बुक की ताकि वे चेन्नई वापस आ सकें. इस MOU के तहत हमने अपने बेटे की 50/50 कस्टडी पर सहमति जताई, जो कुछ समय तक चला. MOU के तहत, उसे बच्चे का पासपोर्ट एक कॉमन लॉकर में रखना था, क्योंकि मुझे डर था कि वह फिर भाग सकती है. लेकिन उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया. फिर उसने कहना शुरू किया कि MOU मान्य नहीं है, उसे और पैसे चाहिए और वह फिर से अमेरिका जाकर तलाक दायर करेगी.’

‘मुझपर किडनैपिंग का आरोप लगा दिया’

प्रसन्ना आगे लिखते हैं, ‘चिंतित होकर, मैं कोर्ट गया और कहा कि मैं अपना बच्चा तभी लौटाऊंगा जब बच्चे का पासपोर्ट कॉमन लॉकर में जमा कर दिया जाएगा. उसने कोर्ट में हाजिर होने से इनकार कर दिया. बल्कि, वह रात 10 बजे मेरे होटल आ गई और मेरे बेटे को 10 मिनट के लिए लॉबी में बुलाने की कोशिश की, जिसे मैंने रोक दिया. इसके बाद उसने पुलिस को बुलाकर मेरे खिलाफ अपहरण की शिकायत दर्ज करा दी. पुलिस आधी रात को मेरे दरवाजे पर पहुंची, लेकिन इससे पहले मैं अपने बेटे को लेकर भागने में सफल रहा.’

‘पुलिस छापे मार रही है’

मैंने तुरंत अपने वकीलों के जरिए पुलिस को पूरी सच्चाई बताई और यह भी बताया कि मेरा बेटा मेरी मर्जी से मेरे साथ है, खुश है और मैंने उसे वीडियो कॉल पर दिखाया. साथ ही बताया कि मामला कोर्ट में चल रहा है, इसलिए पुलिस को दखल नहीं देना चाहिए.

लेकिन मुझे आश्चर्य हुआ कि पुलिस फिर भी मुझे खोज रही थी. उन्होंने मेरी मां के घर छापा मारा और मेरे बारे में पूछताछ की. मेरे दोस्त गोकुल को परेशान किया, जिसने मेरे बेटे को लाने में मेरी मदद की थी, यह कहकर कि अगर वह मेरी जानकारी नहीं देगा तो उसे मुख्य आरोपी बना देंगे.

डरकर गोकुल बेंगलुरु चला गया और पुलिस से कहा कि यह पति-पत्नी के बीच का मामला है और उन्हें उसे अकेला छोड़ देना चाहिए. लेकिन इसके बजाय, पुलिस बेंगलुरु में बिना किसी वारंट, पेपर या स्थानीय पुलिस को सूचित किए, सादे कपड़ों में उसके घर पर छापा मारकर उसे चेन्नई ले गई.

पिछले 3 दिनों से वह बिना किसी FIR के हिरासत में है. पुलिस उसे धमका रही है कि अगर मैंने सरेंडर नहीं किया तो उसे प्रताड़ित किया जाएगा. उन्होंने उसे मजिस्ट्रेट के सामने पेश नहीं किया. बल्कि हर सुबह उसे स्टेशन बुलाते हैं, रात तक बैठाते हैं और फिर जाने देते हैं.

अब नई धमकी यह है कि अगर मैं अपने ट्विटर पोस्ट्स नहीं हटाऊंगा, तो गोकुल की मुश्किलें बढ़ेंगी. उन्होंने उसे धमकाया कि वे मुझे खोज निकालेंगे और मीडिया के सामने जाने की सजा देंगे.’

‘मैं एक सर्वाइवर हूं, विक्टिम नहीं’

प्रसन्ना ने आगे लिखा, ‘जल्द ही, मेरी पत्नी और पुलिस मिलकर एक जॉइंट प्रेस मीट करने वाले हैं, जिसमें वे मुझ पर कई आरोप लगाएंगे. उन्होंने मेरे दोस्त गोकुल से यह भी कहने को कहा है कि मेरी सोशल मीडिया पोस्ट्स झूठी हैं.

सोमवार को, मैं कोर्ट में “पुलिस परेशान न करे” की अर्जी दायर करूंगा और मामले को कानूनी रूप से लड़ूंगा. इस बीच, मेरा पूरा परिवार राज्य से बाहर है और तमिलनाडु पुलिस से छिपा हुआ है.

मेरा मोबाइल लोकेशन, कार, UPI, IP सब कुछ पुलिस ट्रैक कर रही है, वह भी बिना किसी FIR के, गैर-कानूनी रूप से. उन्होंने एक केयरटेकर का फोन भी जब्त कर लिया, जिसे मैंने 200 रुपये UPI से दिए थे. मेरे ठहरने वाले Airbnb पर भी छापा मारा. सौभाग्य से, मैं पहले ही वहां से निकल चुका था.

साफ कहूं तो, मैं इस समय खुद को सबसे ज़्यादा जिंदा महसूस कर रहा हूं और यह एक अच्छा अहसास है. मैंने शून्य से एक साम्राज्य खड़ा किया है. मैं इस स्थिति से भी निपट सकता हूं, भले ही मेरे सामने पूरा राज्य क्यों न हो. मैं एक सर्वाइवर हूं, विक्टिम नहीं.’

कौन हैं प्रसन्ना शंकर?

प्रसन्ना शंकर, एक भारतीय टेक बिजनेसमैन हैं, जो Rippling के को-फाउंडर भी हैं. इस कंपनी की वैल्यू आज 10 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा है. प्रसन्ना संकर का जन्म चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ. पढ़ाई में शुरू से ही होशियार थे और उन्होंने अपनी कंप्यूटर साइंस की डिग्री NIT त्रिची से पूरी की. प्रसन्ना भारत के नंबर 1 कोडर रह चुके हैं.

एचटी की रिपोर्ट के अनुसार, प्रसन्ना, Google Code Jam के दो बार वर्ल्ड फाइनलिस्ट रहे. इसके अलावा, ACM ICPC वर्ल्ड फाइनल्स में भी वह दो बार पहुंचे.वहीं, Top Coder पर कॉलेज के दिनों में वह भारत में पहले स्थान पर थे. प्रसन्ना ने अपने करियर की शुरुआत गूगल में इंटर्नशिप से की थी, फिर माइक्रोसॉफ्ट कनाडा में भी काम किया. बाद में, San Francisco में उन्होंने Rippling की शुरुआत की, जो एक HR टेक कंपनी है और आज 10 बिलियन डॉलर की वैल्यू तक पहुंच चुकी है. यह कंपनी बिजनेस मैनेजमेंट, पे-रोल और वर्कफोर्स ऑटोमेशन में मदद करती है. इसके अलावा, 2023 से प्रसन्ना ने एक और बड़ा प्रोजेक्ट शुरू किया, 0xPPL. यह एक Decentralized Social Network है, जो क्रिप्टो कम्युनिटी पर फोकस करता है.

पत्नी दिव्या ने भी प्रसन्ना पर लगाए हैं आरोप

द मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, प्रसन्ना की पत्नी दिव्या ने भी उन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं.  उन्होंने अपने आरोपों में कहा, “मेरे पति सेक्सुअल पर्वर्ट हैं, उसने मेरे बेटे को अगवा किया.” चेन्नई पुलिस के सामने दिव्या (अमेरिकी नागरिक) ने अपने पति आरोप लगाए कि उनके पति ने उनके 9 साल के बेटे को अगवा कर लिया है. सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में दिव्या ने प्रसन्ना पर “सेक्सुअल पर्वर्ट” होने का भी आरोप लगाया है. इसके अलावा दिव्या ने आरोप लगाए कि उनके पति ने अमेरिका में वेश्यावृत्ति के आरोप में गिरफ्तारी के बाद अपनी नौकरी गंवाई. दिव्या ने ये भी आरोप लगाया कि प्रसन्ना छिपे कैमरों से महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की वीडियो बनाता था.

ससुर पर भी लगाए आरोप

दिव्या ने अपने ससुर पर आरोप लगाते हुए कहा, “लोग कहते हैं कि बच्चे अपने माता-पिता की तरह ही बड़े होते हैं. मेरे ससुर ने भी महिलाओं के खिलाफ ऐसे ही अपराध किए थे. उन्होंने मेरी सास को प्रताड़ित किया और घर से भगा दिया. अब मुझे चेन्नई पुलिस की सख्त मदद चाहिए.”

(नोट- यहां दी गई सभी जानकारी सोशल मीडिया पोस्ट और मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले से दी जा रही है. एबीपी न्यूज दोनों तरफ से लगाए आरोपों की पुष्टि नहीं करता है.)

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SEBI ने विदेशी निवेशकों के लिए लिया बड़ा फैसला! शेयर मार्केट पर दिख सकता है असर

भारतीय पूंजी बाजार नियामक SEBI ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) के लिए डिस्क्लोजर थ्रेशोल्ड बढ़ाने का फैसला किया है. अब 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा इक्विटी एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) वाले FPIs को ही अतिरिक्त जानकारियां देनी होंगी, जबकि पहले यह सीमा 25,000 करोड़ रुपये थी. यह फैसला SEBI के नए चेयरमैन तुहिन कांत पांडे की अगुवाई में हुए बोर्ड मीटिंग में लिया गया.

अब क्या बदला?

पुराना नियम: 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा इक्विटी AUM वाले FPIs को अपने सभी निवेशकों/हितधारकों की डिटेल्ड जानकारी देनी होती थी.

नया नियम: अब सिर्फ 50,000 करोड़ रुपये से ज्यादा AUM वाले FPIs को यह डिस्क्लोजर करना होगा.

SEBI ने कहा, “FY 2022-23 की तुलना में अब कैश इक्विटी मार्केट का ट्रेडिंग वॉल्यूम दोगुना हो चुका है. इसलिए, थ्रेशोल्ड बढ़ाने का फैसला लिया गया है.”

यह नियम क्यों लाया गया था?

24 अगस्त 2023 के सर्कुलर में SEBI ने FPIs को 2 शर्तें दी थीं- अगर किसी FPI का 50 फीसदी से ज्यादा इक्विटी AUM किसी एक कॉर्पोरेट ग्रुप में है, तो उसे अतिरिक्त डिस्क्लोजर करना होगा. इसके अलावा, 25,000 करोड़ रुपये से ज्यादा AUM वाले FPIs को अपने अंतिम निवेशकों (natural persons तक) की जानकारी देनी होगी. दरअसल, इसका मकसद Minimum Public Shareholding (MPS) और Takeover नियमों का पालन सुनिश्चित करना था, ताकि बाजार में गड़बड़ी न हो. अब SEBI ने साफ किया कि MPS और टेकओवर नियमों से जुड़ी जांचें पहले की तरह जारी रहेंगी. साथ ही, सभी FPIs को PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून) का पालन करना होगा.

इससे क्या फर्क पड़ेगा?

इससे बड़े विदेशी निवेशकों FPIs को राहत मिलेगी. दरअसल, अब छोटे-मध्यम FPIs को ज्यादा डिस्क्लोजर की जरूरत नहीं होगी, जिससे उनका कामकाज आसान होगा. इसके अलावा, बाजार में पारदर्शिता बढ़ेगी, यानी SEBI का लक्ष्य बाजार को स्थिर रखते हुए निवेशकों की गोपनीयता और नियमों का पालन सुनिश्चित करना है.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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विज्ञापन की दुनिया को नया कलेवर दे रहे सोशल मीडिया एन्फ्लूएंसर, तय कर रहे स्ट्रेटजी

आज तेजी से लोकप्रिय होते सोशल मीडिया के इस दौर में एन्फ्लूएंसर विज्ञापनों की दुनिया में कहीं ज्यादा प्रभावी भूमिका में नजर आ रहे हैं. डिजिटल क्रिएटर्स अब सिर्फ किसी ब्रांड का विज्ञापन ही नहीं कर रहे, बल्कि वे सलाहकार बनकर इसकी रणनीति भी तैयार कर रहे हैं.

इकॉनोमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिएटर मैनेजमेंड एजेंसी Hypp के बिजनेस हेड आयुष गुहा ने बताया कि डिजिटल क्रिएटर्स लगातार ब्रांड्स को सीखा रहे हैं कि वे कैसे प्रभावी सोशल स्ट्रैटजी बनाएं. सोशल मीडिया एन्फ्लूएंसर के लिए क्रिएटर इकॉनोमी में ये एक बड़ा मौका है.

गुहा ने इसके लिए एक इंस्टाग्राम एन्फ्लूएंसर का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे सिर्फ 2 लाख फॉलोअर्स की बदौलत डिजिटल क्रिएटर के तौर पर फुटकर चीजें और खाने के सामानों का सोशल मीडिया पर विज्ञापन और उसकी स्ट्रैटजी तैयार कर करीब 30 हजार रुपये से लेकर 1 लाख रुपये तक महीने कमा रहे हैं. ये बता रहा है कि किस तरह से आज क्रिटर्स की वैल्यू बढ़ रही है. 

इसी तरह इन्फ्लूएंसर मार्केटिंग एजेंसी ग्रीनरुम नेटवर्क के सीईओ लक्ष्मी बालासुब्रमण्यम ने कहा कि क्रिएटर कंसल्टेंसी लगातार बढ़ रही है. ब्रांड की तरफ से लगातार क्रिएटर की स्टेरी टेलिंग, वायरल कंटेंट क्रिएशन और कल्चरल फ्लूएंसी को तरजीह दी जा रही है. उन्होंने कहा कि क्रिएटर्स को उनके स्कील्स की वजह से महत्व दिया जा रहा है. वे अच्छा राइटर्स, किसी खास कैटगरी और उसके ऑडियंस को कहीं बेहतर तरीके से समझने वाले होते हैं. इसलिए वे इस काम के लिए सबसे प्रभावी हैं.

कुछ क्रिएटर्स ऐसे हैं जो अपने डिजिटल पोर्टफोलिया का फायदा उठा रहे हैं, ताकि फुल टाइम अपनी कॉरपोर्ट पॉजिशन को सुरक्षित कर पाएं. 23 साल के रिपुदमन सिंह ने सोशल मीडिया एक्स और फेसबुक पर साल 2020 में टेक प्रोडक्ट्स की समीक्षा करना शुरू किया.

2024 में उनके एरगोनोमिक्स सॉल्यूशन कंपनी फ्रिडो का उनकी तरफ ध्यान गया और वे इस वक्त वां पर फुल टाइम प्रोडक्ट मार्केटिंग स्पेशलिस्ट के तौर पर काम कर रहे हैं. D2C ब्रांड फ्रिडो के सीईओ ज्ञानेश सोनावने ने कहा कि कंटेंट क्रिएटर्स के पास स्टोरी टेलिंग, ऑडियेंस इंगेजमेंट और ब्रांड पोजिशनिंग, और स्किल्स की डिजिटल दुनिया में कहीं बेहतर समझ होती है. 

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आज फिर सस्ता हुआ सोना, चांदी का भी रेट हुआ कम, जानिए आपके शहरों में क्या है भाव

Gold-Silver Price: 24 मार्च को सोने की कीमतों में मामूली गिरावट दर्ज की गई. गुड रिटर्न्स वेबसाइट के मुताबिक, सोमवार को शुरुआती कारोबार में 24 कैरेट सोने की कीमत में 10 रुपये की गिरावट दर्ज की गई. इसी के साथ 10 ग्राम सोने की कीमत 89,770 रुपये हो गई. चांदी की कीमत में भी 100 रुपये तक की कमी आई है. एक किलो चांदी के लिए 1,00,900 रुपये चुकाने होंगे. 

महानगरों में सोने की कीमत 

10 रुपये की गिरावट के साथ 22 कैरेट का 10 ग्राम सोना 82,290 रुपये पर बिका. वहीं, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में 24 कैरेट सोने की कीमत 89,770 रुपये रही. जबकि दिल्ली में 24 कैरेट सोने की कीमत 89,970 रुपये दर्ज की गई. मुंबई में 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद की ही तरह 82,990 रुपये है. दिल्ली में 22 कैरेट सोने के 10 ग्राम की कीमत 82,440 रुपये है. 

इतने में बिक रही है चांदी

वहीं अगर चांदी की बात करें, तो दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में एक किलो चांदी की कीमत 1,00,900 रुपये दर्ज की गई. वहीं चेन्नई में एक किलो चांदी की कीमत 1,09,900 रुपये है. बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की आशंकाओं और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की संभावनाओं के बीच सोने के भाव में तेजी का सिलसिला बरकरार है और सुरक्षित निवेश के लिए सोने की डिमांड बढ़ी है. 

इंटरनेशनल मार्केट में सोने-चांदी महंगा

इंटरनेशनल मार्केट में सोमवार को सोना 0.1 प्रतिशत बढ़कर 3,025.12 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जबकि अमेरिकी सोना वायदा 0.3 प्रतिशत बढ़कर 3,030.70 डॉलर पर पहुंच गया. अमेरिकी टैरिफ के चलते ट्रेड वॉर की संभावनाओं के बीच सुरक्षित निवेश की मांग बढ़ने से सोना 3,057.21 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड हाई लेवल पर पहुंच गया. वहीं, इंटरनेशनल मार्केट में चांदी की कीमत 0.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 33.06 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार करता नजर आया. प्लैटिनम 0.7 प्रतिशत बढ़कर 981.25 डॉलर और पैलेडियम 0.5 प्रतिशत बढ़कर 962.54 डॉलर के भाव तक पहुंच गया. 

 

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… और भी ज्यादा अमीर बने मुकेश अंबानी, महज 120 घंटे में कमा लिए 39,311.54 करोड़ रुपये

Mukesh Ambani: एशिया के सबसे अमीर आदमी मुकेश अंबानी की दौलत में इस हफ्ते 39,311.54 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ. इसी के साथ वह और भी ज्यादा अमीर हो गए. दरअसल, सोमवार से शुक्रवार तक 5 दिनों (120 घंटे) में रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप बढ़कर 17,27,339.74 करोड़ रुपये हो गया और यह देश की सबसे वैल्यूबल कंपनी हो गई. इसके बाद लिस्ट में HDFC बैंक, टाटा ग्रुप की TCS, भारती एयरटेल जैसी कंपनियां हैं. 

कंपनी के शेयर में जबदस्त उछाल

पिछले हफ्ते  बीएसई के 30 शेयरों वाले सेंसेक्स में 3,076.6 अंक या 4.16 परसेंट की तेजी आई, एनएसई निफ्टी ने 953.2 अंक या 4.25 परसेंट की बढ़त हासिल की. शुक्रवार को कंपनी का शेयर 1,277.50 रुपये पर बंद हुआ. रिलायंस सहित शीर्ष 10 सर्वाधिक मूल्यवान कंपनियों में से नौ के टोटल वैल्यूएशन में इस हफ्ते 3,06,243.74 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ. इनमें सबसे ज्यादा मुनाफा ICICI और भारतीय एयरटेल ने कमाया. यह घरेलू शेयर बाजारों में इस हफ्ते आए जबदस्त उछाल के अनुरूप है. 

दुनिया के 18वें सबसे अमीर आदमी 

फोर्ब्स के मुताबिक, मुकेश , अंबानी की रियल-टाइम नेटवर्थ 95.5 बिलियन अमेरिकी डॉलर है. 23 मार्च को वह दुनिया के 18वें सबसे अमीर शख्स रहे. वह अपने कारोबार का दायरा लगातार बढ़ाते जा रहे हैं. हाल ही में रिलायंस ग्रुप की सब्सिडियरी कंपी स्ट्रेटेजिक बिजनेस वेंचर्स लिमिटेड ने नौयान ट्रेडिंग्स प्राइवेट लिमिटेड (NTPL) के जरिए वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड से 382.73 करोड़ रुपये में नौयान शिपयार्ड प्राइवेट लिमिटेड (NSPL) में 74 परसेंट स्टेक हासिल किए.

तीनों बच्चे संभाल रहे हैं कारोबार

साल 2023 से मुकेश अंबानी के तीनों बच्चे रिलायंस ग्रुप के अलग-अलग कारोबारों को संभाल रहे हैं. बेटी ईशा अंबानी रिलायंस ग्रुप की रिटेल, ई-कॉमर्स और लग्जरी बिजनेस को संभालती हैं. छोटे बेटे अनंत अंबानी  ऊर्जा क्षेत्र से जुड़े व्यवसायों की देखरेख करते हैं. बड़े बेटे आकाश अंबानी भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी जियो के हेड हैं.  

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क्यों अंबानी के कैम्पा से पेप्सीको और कोका-कोला को हुई घबराहट? इस साल गर्मियों में किसका चलेगा सिक्का?

Cold Drinks Market: गर्मियां पड़ने वाली हैं और इसी के साथ बेवरेजेस कंपनियां ग्राहकों को लुभाने की कोशिश में जुट गई हैं. इस दौरान कोला इंडस्ट्री में भी लाइट और डाइट ड्रिंक्स के बीच जबरदस्त मुकाबला देखने को मिल रहा है. कोका-कोला, पेप्सिको और रिलायंस कंज्यूमर के कैंपा जैसी कई बड़ी कंपनियां ग्राहकों की सेहत का ख्याल रखते हुए शुगर-फ्री मार्केट में अपनी धाक जमाने के लिए संघर्ष कर रही हैं. 

10 रुपये के अफोर्डेबल पैक में शुगर फ्री वेरिएंट

इस बीच, कोका-कोला और पेप्सिको दोनों ही महज 10 रुपये के अफोर्डेबल पैक में डाइट और लाइट ड्रिंक्स को लॉन्च करने के साथ लोगों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश में जुटी हुई हैं.

200 मिलीलीटर की इन बोतलों की कीमत कई दूसरे कोल्ड ड्रिंक ब्रांड के मुकाबले सस्ती है और ये कंज्यूमर के बीच फेमस भी हो रहे हैं. कोका-कोला और पेप्सिको ने थम्स अप एक्स फोर्स, कोक जीरो, स्प्राइट जीरो और पेप्सी नो-शुगर जैसे कई शुगर-फ्री वेरिएंट लॉन्च किए हैं.

ये सभी ड्रिंक्स बाजारों में 10 रुपये के छोटू पैक में उपलब्ध हैं. दोनों कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक, देश में पहली बार डाइट और लाइट ड्रिंक्स के लिए इतनी कम कीमतें तय की गई हैं. इन सबके बीच कंपनियां रिलायंस के कैंपा कोला की मार्केट स्ट्रैटेजी पर भी फोकस कर रही हैं. 

कैम्पा भी लाने जा रहा 10 रुपये का छोटू पैक

डीएनए की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कोका-कोला के सबसे बड़े बॉटलिंग पार्टनर्स में से एक MMG ग्रुप के चेयरमैन संजीव अग्रवाल ने बताया कि उपभोक्ता कम या बिना चीनी वाले ड्रिंक्स को अधिक पसंद कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनके डाइट और लाइट पोर्टफोलियो में डाइट कोक, कोक जीरो, स्प्राइट जीरो और थम्स एक्स फोर्स जैसे ड्रिंक्स शामिल हैं. जिनकी कीमत साइज के आधार पर 10 रुपये से लेकर 30 रुपये तक है.

ये ड्रिंक्स अब अब 250 मिली और 500 मिली की बोतलों में उपलब्ध हैं, जिससे उपभोक्ताओं के बीच चुनने के लिए कई ऑप्शंस हैं. इस बीच, रिलायंस के कैम्पा की भी 10 रुपये की कीमत वाली 200 मिलीलीटर की शुगर-फ्री बोतल के साथ मार्केट में दमदार एंट्री होने जा रही है. यह भारत के कई कोला ब्रांड्स के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है. 

सेहत को लेकर जागरूक हो रहे लोग

भारत में शुगर-फ्री और कम चीनी वाले बेवरेजेस का मार्केट तेजी से फल-फूल रहा है. पिछले साल इनकी बिक्री 700-750 करोड़ रुपये तक पहुंच गई. पेप्सिको के पार्टनर वरुण बेवरेजेज के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पेप्सिको की बिक्री में कम चीनी या बिना चीनी वाले ड्रिंक्स की हिस्सेदारी अब 44.4 परसेंट है. शहरों में इनकी सबसे ज्यादा डिमांड है क्योंकि यहां लोग अपनी सेहत को लेकर जागरूक हो रहे हैं. 

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IPO Market: शेयर बाजार में गिरावट के चलते IPO-QIP के जरिए फंड जुटाने की गतिविधि पर लगा ब्रेक

IPO Market: शेयर बाजार में पिछले छह महीनों से जारी करेक्शन का असर आईपीओ और क्यूआईपी के जरिए कंपनियों के फंड जुटाने की गतिविधि पर पड़ा है. साल 2024 में 90 कंपनियों ने आईपीओ के जरिए कुल 1.62 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रकम जुटाये थे. तो साल 2025 के पहले तीन महीनों में 10 आईपीओ के जरिए केवल 16983 करोड़ रुपये ही जुटाया जा सका है.

एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड की इंवेस्टमेंट बैंकिंग कंपनी एमके इंवेस्टमेंट बैंकिंग ने कहा कि बाजार में करेक्शन के चलते डील स्ट्रीट में गतिविधि कम हुई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि इक्विटी मार्केट में करेक्शन के चलते फंड जुटाने की गतिविधि प्रभावित हुई है. साल 2024 में 92 कंपनियां आईपीओ लेकर आई थी जिसमें 1,62,261 करोड़ रुपये जुटाये गए थे. जबकि 91 कंपनियों ने क्यूआईपी के जरिए 1,36,424 करोड़ रुपये जुटाये थे. 

रिपोर्ट के मुताबिक साल दर साल आंकड़ों पर नजर डालें तो 2025 के जनवरी से फरवरी के बीच 10 आईपीओ ने बाजार में दस्तक दिया है जबकि 2024 में 15 आईपीओ ने बाजार में दस्तक दिया था. साल 2025 में जनवरी से मार्च के दौरान केवल 7 क्यूआईपी आया है जबकि 2024 में इसी अवधि में 18 क्यूआईपी आया था. 

एमके इंवेस्टमेंट बैंकिंग ने अपने रिपोर्ट में कहा, म्यूचुअल फंड में एसआईपी निवेश में लगातार जारी मजबूती से बाजार को सहारा मिल रहा है. वित्त वर्ष 2024-25 के पिछले 11 महीनों से लगातार एसआईपी फ्लो 20000 करोड़ के ऊपर बना हुआ है. पिछले 5 महीनों में एसआईपी फ्लो 25000 करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है. ये तब है जब सितंबर 2024 के बाद से ही बाजार में निवेशकों को नेगेटिव रिटर्न मिल रहा है. जबकि बाजार एसआईपी फ्लो में गिरावट की उम्मीद कर रहा था. हालांकि भविष्य में एसआईपी निवेश में किसी भी प्रकार की कमी से बाजार के प्रदर्शन पर बुरा प्रभाव देखने को मिल सकता है. 

रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय बाजारों में विदेशी निवेशकों के निवेश वापस निकालने के बाद घरेलू संस्थागत निवेशकों ने इसकी भरपाई की है. डेटा के मुताबिक पिछले 11 महीनों में घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 2,88,000 करोड़ रुपये के मुकाबले  5,70,000 करोड़ रुपये निवेश किए हैं.  

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PLI स्कीम को सरकार दे रही खूब बढ़ावा, देश के 10 बड़े सेक्टरों के लिए अब तक जारी 14,020 करोड़ रुपये

PLI Scheme: देश के Production और Manufacturing सेक्टर को बढ़ावा देने के मकसद से भारत सरकार के शुरू किए गए PLI Scheme के तहत 14,020 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इनमें इलेक्ट्रॉनिक्स, मैन्युफैक्चरिंग, आईटी हार्डवेयर, फार्मास्यूटिकल्स, टेलीकॉम, फूड प्रोसेसिंग, ऑटोमोबाइल जैसे कई देश के 10 बड़े सेक्टर शामिल हैं.  

पीएलआई स्कीम का सेक्टरों पर बड़ा असर

देश की मैन्युफैक्चरिंग कैपेसिटी और एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए साल 2021 में इस योजना की शुरुआत की गई थी, जिसमें 14 सेक्टर्स कवर किए गए. वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा, पीएलआई स्कीम का देश के अलग-अलग सेक्टरों में महत्वपूर्ण प्रभाव रहा है.

इसके तहत स्वदेशी वस्तुओं के निर्माण को प्रोत्साहित किया गया, जिससे प्रोडक्शन ज्यादा हो, अधिक से अधिक लोगों को रोजगार मिले और निर्यात को बढ़ावा मिले. इस स्कीम ने देश के साथ-साथ विदेशों से भी निवेश को आकर्षित किया है. बता दें कि इस स्कीम के तहत सरकार की तरफ से उन कंपनियों को इंसेन्टिव दिया जाता है, जो स्वदेशी वस्तुओं के निर्माण और निर्यात में अच्छा प्रदर्शन करके दिखाती हैं. 

इतने करोड़ का हुआ निवेश

बताया गया कि PLI स्कीम के तहत 14 सेक्टरों के लिए 764 आवेदनों को मंजूरी दी गई है, जिसमें बल्क ड्रग्स, मेडिकल डिवाइस, फार्मा, टेलीकॉम, व्हाइट गुड्स, फूड प्रोसेसिंग, टेक्सटाइल्स और ड्रोन जैसे सेक्टरों के PLI लाभार्थियों में 176 MSME शामिल हैं.  नवंबर 2024 तक करीब 1.61 लाख करोड़ रुपये का निवेश हुआ है. इससे लगभग 14 लाख करोड़ रुपये (करीब 162.8 अरब डॉलर) की बिक्री हुई है. जबकि 2024-25 तक 15.52 लाख करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य रखा गया था.

स्कीम से लोगों को मिला रोजगार

मंत्रालय ने यह भी जानकारी दी कि इस स्कीम के चलते 11.5 लाख से ज्यादा लोगों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला है. PLI स्कीम के तहत विशेष इस्पात में कंपनियों ने लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश किया, जबकि 27,106 करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य रखा गया था. इससे 9,000 लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला. 

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