देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सात हफ्ते से बढ़त जारी, 8.31 अरब डॉलर के उछाल के साथ पहुंचा 686 अरब डॉलर के पार
India Forex Reserve: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बताया कि 18 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.31 बिलियन डॉलर बढ़कर 686.145 बिलियन डॉलर हो गया है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सात हफ्ते से बढ़ रहा है. इससे पहले, 11 अप्रैल को समाप्त पिछले सप्ताह में यह 1.567 बिलियन डॉलर बढ़कर 677.835 बिलियन डॉलर हो गया था.
सितंबर में ऑल-टाइम हाई पर फॉरेक्स रिजर्व
सितंबर 2024 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 बिलियन डॉलर के अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया था. 18 अप्रैल को समाप्त हफ्ते के लिए जारी किए गए आंकड़ों से संकेत मिलता है कि विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाने वाले विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 3.516 बिलियन डॉलर बढ़कर 578.495 बिलियन डॉलर हो गई हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है.
देश का सोने का भंडार भी बढ़ा
रिजर्व बैंक ने बताया कि इस दौरान गोल्ड रिजर्व में 4.575 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जो 84.572 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. रिजर्व बैंक के मुताबिक, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 212 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.568 बिलियन डॉलर हो गया है. RBI के आंकड़ों से पता चला है कि आईएमएफ के पास भारत की आरक्षित स्थिति में 7 मिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जो समीक्षाधीन सप्ताह में 4.51 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई.
क्यों जरूरी है विदेशी मुद्रा भंडार?
देश का विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बनाए रखने में मदद करता है. इसका उपयोग आयात किए गए सामानों के भुगतान के लिए, विदेशी ऋण चुकाने के लिए और वैश्विक आर्थिक संकट के समय में रुपये को संभालने के लिए किया जाता है. रिजर्व में अधिक मुद्रा होने से यह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में देश की स्थिति को मजबूत बनाता है.
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