देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सात हफ्ते से बढ़त जारी, 8.31 अरब डॉलर के उछाल के साथ पहुंचा 686 अरब डॉलर के पार

India Forex Reserve: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बताया कि 18 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.31 बिलियन डॉलर बढ़कर 686.145 बिलियन डॉलर हो गया है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सात हफ्ते से बढ़ रहा है. इससे पहले, 11 अप्रैल को समाप्त पिछले सप्ताह में यह 1.567 बिलियन डॉलर बढ़कर 677.835 बिलियन डॉलर हो गया था. 

सितंबर में ऑल-टाइम हाई पर फॉरेक्स रिजर्व 

सितंबर 2024 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 बिलियन डॉलर के अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया था. 18 अप्रैल को समाप्त हफ्ते के लिए जारी किए गए आंकड़ों से संकेत मिलता है कि विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाने वाले विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 3.516 बिलियन डॉलर बढ़कर 578.495 बिलियन डॉलर हो गई हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है.

देश का सोने का भंडार भी बढ़ा

रिजर्व बैंक ने बताया कि इस दौरान गोल्ड रिजर्व में 4.575 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जो 84.572 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. रिजर्व बैंक के मुताबिक, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 212 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.568 बिलियन डॉलर हो गया है. RBI के आंकड़ों से पता चला है कि आईएमएफ के पास भारत की आरक्षित स्थिति में 7 मिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जो समीक्षाधीन सप्ताह में 4.51 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई. 

क्यों जरूरी है विदेशी मुद्रा भंडार?

देश का विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बनाए रखने में मदद करता है. इसका उपयोग आयात किए गए सामानों के भुगतान के लिए, विदेशी ऋण चुकाने के लिए और वैश्विक आर्थिक संकट के समय में रुपये को संभालने के लिए किया जाता है. रिजर्व में अधिक मुद्रा होने से यह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में देश की स्थिति को मजबूत बनाता है. 

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RIL Q4 Result: आ गया रिलायंस इंडस्ट्री के मार्च क्वार्टर रिजल्ट, मुनाफा बढ़कर 19000 के पार

Reliance Industries March Quarter Results: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जनवरी-मार्च 2025 तिमाही के नतीजे का ऐलान कर दिया है. इस दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 19,407 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो पिछली तिमाही के 18,540 करोड़ और पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि के 18,951 करोड़ रुपये से अधिक है. इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 2.61 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के 2.40 लाख करोड़ और पिछले साल की समान तिमाही के 2.36 लाख करोड़ से अधिक है. 

कंपनी का कंसोलिडेटेड एबिटा भी बढ़ा

रिलायंस इंडस्ट्रीज के कंसोलिडेटेड एबिटा ने भी शानदार बढ़त दर्ज की है. यह वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 43,832 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के 43,789 करोड़ और पिछले साल की समान तिमाही के 42,516 करोड़ से अधिक है. वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही आरआईएल का एबिटा मार्जिन थोड़ा घटकर 16.8 परसेंट पर आ गया है, जो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 18 परसेंट पर था.

RIL का ऑपरेशनल रेवेन्यू भी बढ़ा

वित्त वर्ष 2024-25 में ऑपरेशंस से कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू पिछले साल के 240715 से 10 परसेंट बढ़कर 264573 करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, पूरे वित्त वर्ष के दौरान ऑपरेशंस से रिलायंस इंडस्ट्रीज का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 980136 करोड़ रुपये पर आ गया, जो एक साल पहले 914472 था.

इस दौरान कंपनी का खर्च भी बढ़ा है, जो मार्च 2024 के 217529 करोड़ के मुकाबले बढ़कर 240375 हो गया है. कंपनी का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 के 69621 करोड़ के मुकाबले 69648 करोड़ हो गया है.  

कंपनी के ओ2सी (ऑयल टू कैमिकल) बिजनेस ने भी अच्छा ग्रोथ हासिल किया है. 15.4 परसेंट की बढ़त के साथ इसका रेवेन्यू 1.65 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है. वहीं, जियो का भी एवरेज रेवेन्यू पिछली तिमाही के 203.3 रुपये से बढ़कर 206.2 रुपये हो गया है. 

कंपनी ने डिविडेंड का किया ऐलान

वित्त वर्ष 2025 के लिए कंपनी के बोर्ड ने 5.50 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड की भी सिफारिश की है. यानी के रिलायंस के शेयरहोल्डर्स को हर शेयर पर 5.50 रुपये मिलेंगे. आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, “वित्त वर्ष 2025 वैश्विक कारोबारी माहौल के लिए एक चुनौतीपूर्ण साल रहा है, जिसमें मैक्रोइकोनॉमिक्स कंडीशन और जियो पॉलिटिकल लैंडस्केप में बदलाव देखने को मिला है. ऑपरेश्नल डिसिप्लीन, कस्टमर-सेंट्रिक इनोवेशन और देश के विकास की आवश्यकताओं पर हमारे फोकस ने रिलायंस को वर्ष के दौरान एक स्थिर वित्तीय प्रदर्शन करने में मदद की है.” 

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ग्लोबल मार्केट में तेजी लेकिन भारतीय बाजार में गिरावट, 760 अंक टूटा सेंसेक्स, निफ्टी भी 24,000 के नीचे फिसला

Stock Market Today: वैश्विक बाजार में मिले साकारात्मक रुझानों के बीच हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को भारतीय स्टॉक मार्केट बिल्कुल फ्लैट दिख रहा है. बाजार खुलते ही सेंसेक्स 28.72 अंक यानी 0.04 प्रतिशत ऊपर चढ़कर 79,830.15 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. जबकि निफ्टी 99.80 प्वाइंट यानी 0.41 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 24,346.50 के लेवल पर पहुंच गया है. आज फोकस में एक्सिस बैंक, Rites, टेक महिन्द्रा और Cyient के स्टॉक्स हैं.  

एक दिन पहले गुरूवार को लगातार सात दिनों की बढ़त के बाद भारतीय शेयर बाजार में गिरावट का दौर रहा. सेंसेक्स 315.06 प्वाइंट यानी 0.39 प्रतिशत गिरकर 79,801.43 पर बंद हुआ था जबकि निफ्टी 50 82.25 प्वाइंट्स यानी 0.34 प्रतिशत फिसलकर 24,246.70 पर बंद हुआ था.

ग्लोबल मार्केट में तेजी का दौर

अगर वैश्विक बाजारों की बात करें तो वॉल स्ट्रीट में तेजी की वजह से एशियाई बाजारों में पॉजिटिव संकेत मिला. दक्षिण कोरिया के शेयरों में तेजी देखी गई है. जापान का निक्केई 1.23 प्रतिशत ऊपर चढ़ा तो वहीं दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.63 प्रतिशत नीचे फिसल गया.

इसी तरह अगर बात करें S&P की तो इसमें 2.03 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. नैस्डेक कंपोजिट 2.74 प्रतिशत तो वहीं डॉउ जोन्स इंडस्ट्रियल 1.23 प्रतिशत के साथ ऊपर चढ़ा. रिपोर्ट्स के मुताबिक, फेडरल रिजर्व के अधिकारियों का कहना है कि अगर इकॉनोमी की दिशा के बारे में साफ सबूत मिले तो वे जून के महीने की शुरूआत में दरों में कटौती का विचार कर सकते हैं. ताइवान का बाजार 2 प्रतिशत ऊपर चढ़कर 19,880.39 के स्तर पर कारोबार कर रहा है तो वहीं हैंगसेंग 1.55 फीसदी की उछाल के साथ 22,256.11 के लेवल पर चढ़ा है. 

आज रिलायंस के नतीजे आएंगे इसके साथ ही मारुति और श्रीराम फाइनेंस भी अपनी चौथी तिमाही के नतीजे देगी. इसके अलावा, चोला और एलटीएफ समेत वायदा की सात कंपनियों पर भी आज सबकी निगाहें होंगी. 

पाकिस्तान के शेयर बाजार में गिरावट

दूसरी तरफ से अगर पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट की बात करें तो पहलगाम की घटना पर भारत सरकार के एक्शन के बाद पिछले दो दिनों से लगातार पाकिस्तान के शेयर बाजार में हड़कंप मचा हुआ है. गुरूवार को कराची स्टॉक इंडेक्स में करीब 200 प्वाइंट की गिरावट देखने को मिला.  

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Gold Price Today: और चमका गोल्ड लेकिन चांदी की कीमत में आयी गिरावट, जानें अपने शहर के नए रेट्स

Gold Price Today: अंतरराष्ट्रीय बाजार में अनिश्चितताओं के बीच कुछ पॉजिटिव संकेत देखने को मिल रहे हैं. अमेरिकी डॉलर में आयी मजबूती के साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से टैरिफ पॉलिसी में नरमी के संकेत आने से अब सोने के दाम प्रति 10 ग्राम एक लाख रुपये पर पहुंचने के बाद धीरे-धीरे इसकी कीमतों में कमी आने लगी है. आइये जानते हैं कि 25 अप्रैल यानी शुक्रवार को आपके शहरों में सोने और चांदी किस भाव से बाजार में बिक रहे हैं.

एमसीएक्स पर सोना का भाव सुबह 8.20 बजे प्रति 10 ग्राम 95,562 रुपये की दर से बिक रहा है, यानी इसके दाम में करीब 1240 रुपये की बढ़त है. आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, एमसीएक्स पर चांदी 36 रुपये गिरकर प्रति किलो 97,475 रुपये प्रति किलो के दर से बिक रही है.

इंडियन बुलियन एसोसिएशन (आईबीए) के मुताबिक, 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम 96,190 रुपये पर कारोबार कर रहा है जबकि 22 कैरेट सोना का भाव 88,119 रुपये है. इसी तरह से चांदी 88,174 रुपये प्रति किलो के दर से बिक रही है.

शहरों के क्या भाव-

मुंबई में इंडियन बुलियन के मुताबिक सोना 96,020 प्रति 10 ग्राम है जबकि एमसीएक्स पर सोना 95,962 रुपये की दर से बिक रहा है. चांदी 97,770 तो वहीं एमसीएक्स चांदी 97,475 रुपये प्रति किलो के भाव से कारोबार कर रही है. बेंगलुरू की अगर बात करें तो यहां पर इंडियन बुलियन सोने के रेट्स 96,090 रुपये जबकि एमसीएक्स पर सोना 95,962 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बिक रहा है. जबकि बुलियन पर चांदी 97,850 रुपये प्रति किलो और एमसीएक्स पर चांदी 97,474 प्रति किलो है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की अगर बात करें तो यहां पर सोने के बुलियन रेट्स 95,850 रुपये प्रति 10 ग्राम है जबकि एमसीएक्स पर सोना 95,962 रुपये की दर से बिक रहा है. तो वहीं चांदी का बुलियन भाव 97,600 रुपये प्रति किलो है जबकि एमसीएक्स पर चांदी 97,475 रुपये के दर से बिक रही है.

इसके अलावा अगर चेन्नई में भाव देखें तो बुलियन पर सोना के रेट्स 96,300 रुपये प्रति 10 ग्राम है जबकि एमसीएक्स पर सोना 95,962 रुपये की दर से बिक रहा है. बुलियन पर चेन्नई में चांदी 98,060 रुपये तो वहीं एमसीएक्स पर चांदी वहां 97,475 रुपये पर कारोबार कर रही है.

कोलकाता में बुलियन पर सोने का भाव प्रति 10 ग्राम 95,890 रुपये जबकि एमसीएक्स पर सोना 95,962 रुपये है. वहीं चांदी का कोलकाता में बुलियन पर भाव 97,640 रुपये प्रति किलो जबकि एमसीएक्स पर चांदी 97,475 रुपये के दर से बिक रही है.

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Rupee vs Dollar: मजबूत हुआ भारतीय रुपया, 25 पैसे बढ़कर 85.27 पर हुआ बंद

Rupee vs Dollar: डॉलर इंडेक्स में मामूली गिरावट के साथ कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के बावजूद भारतीय रुपया डॉलर के मुकाबले मजबूत होकर बंद हुआ. बुधवार को डॉलर के मुकाबले 85.42 पर बंद होने के बाद गुरुवार को रुपया 15 पैसे मजबूत होकर 85.27 पर बंद हुआ. ब्लूमबर्ग की डेटा के मुताबिक, दिन में कारोबार के दौरान डॉलर के मुकाबले रुपया 17 पैसे गिरकर 85.59 पर खुला. 

डॉलर यील्ड में भी आई गिरावट 

जानकारों के मुताबिक, जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के कारण दिन की शुरुआत में रुपये में कमजोरी देखी गई. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, HDFC सिक्योरिटीज के रिसर्च एनालिस्ट दिलीप परमार का कहना है कि भू-राजनीतिक अनिश्चितता के चलते डॉलर में गिरावट आई है. डॉलर यील्ड में भी गिरावट आई है. अमेरिका में 10 ईयर बॉन्ड यील्ड 3 बेसिस पॉइंट घटकर 4.35 परसेंट हो गया. इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले अमेरिकी डॉलर की स्थिति को दर्शाने वाला डॉलर इंडेक्स शाम के 3:40 बजे 0.46 प्रतिशत की गिरावट के साथ 99.38 पर रहा. 

विदेशी निवेशकों ने जमकर की खरीदारी

ग्लोबल लेवल पर, चीन पर ट्रंप के लगाए गए 240 परसेंट टैरिफ को कम करने की उम्मीद उस वक्त ठंडे बस्ते में चली गई, जब अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने कहा कि ट्रंप एकतरफा टैरिफ नहीं कम करने वाले हैं. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने बुधवार को लगातार छठे दिन शेयर खरीदना जारी रखा.  ग्लोबल फंड्स ने 3,332.93 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे, जिससे चार दिनों की खरीदारी 21,200 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर गई.

कच्चे तेल की कीमत

इस दौरान ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमत 0.45 परसेंट की तेजी के साथ 66.42 डॉलर प्रति बैरल हो गया, जबकि डब्ल्यूटीआई क्रूड 0.64 प्रतिशत बढ़कर 62.67 डॉलर प्रति बैरल हो गया. 

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ट्रंप के टैरिफ से भारत को फायदा, ऐप्पल और गूगल के बाद अब सैमसंग वियतनाम से कर सकती है शिफ्ट

Trump Tariff: वियतनाम पर लगाए गए भारी-भरकम अमेरिकी टैरिफ के बीच दक्षिण कोरियाई दिग्गज टेक कंपनी सैमसंग अपने स्मार्टफोन और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग का कुछ हिस्सा भारत में शिफ्ट करने पर सोच-विचार कर रही है. मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, हां भारत में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चररर्स के साथ बातचीत चल रही है. इनमें से कई कंपनी के पुराने पार्टनर्स भी हैं.

कतार में और भी कई कंपनियां

उन्होंने आगे कहा, सिर्फ सैमसंग ही नहीं, कई और कंपनियां भी अपना प्रोडक्शन भारत में शिफ्ट करने की संभावनाएं तलाश रही हैं. इससे एक दिन पहले गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक भारत में अपने कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैचरिंग पार्टनर्स- डिक्सन टेक्नोलॉजीज और फॉक्सकॉन – के साथ पिक्सेल स्मार्टफोन के प्रोडक्शन का एक हिस्सा वियतनाम से भारत शिफ्ट करने के लिए चर्चा शुरू किए जाने की खबर सामने आई. 

सैमसंग का मैन्युफैक्चरिंग हब रहा है वियतनाम

वियतनाम सैमसंग का एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब रहा है. वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी ने यहां से 52 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के मोबाइल फोन और स्पेयर पार्ट्स एक्सपोर्ट किए, जो वियतनाम के कुल व्यापार का 9 प्रतिशत है.

पिछले साल वियतनाम का इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट 142 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो वित्त वर्ष 2024 में भारत के निर्यात किए गए 29.2 बिलियन डॉलर से पांच गुना अधिक है. सैमसंग और अल्फाबेट से पहले ऐप्पल के प्रोडक्ट्स भारत में पहले से ही असेंबल किए जाते रह हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि आने वाले समय में भारत दुनिया में एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स सप्लाई चेन बनकर उभरे. 

वियतनाम पर लगाया इतना टैरिफ

बता दें कि अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप की सरकार ने वियतनामी आयात पर 46 परसेंट टैरिफ लगाने का ऐलान किया है, जबकि भारत पर 26 परसेंट टैरिफ लगाया है. अमेरिका ने इस बीच चीन को छोड़कर बाकी सभी देशों पर लगाए गए टैरिफ पर 90 दिनों के लिए रोक लगाया है. 

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सातवें आसमान पर पहुंचने के बाद अब सोने के दाम में भारी गिरावट, 24 अप्रैल को जानें अपने शहर के नए रेट्स

Gold Price Today: वैश्विक बाजार में बनी अनिश्चितताओं के बीच अमेरिकी डॉलर में सुधार और टैरिफ नीति पर नरमी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिए संकेत से आसमान छूते सोने के दाम में करीब 5 हजार रुपये तक की गिरावट आयी है. जो इससे पहले एतिहासिक रुप से 1 लाख रुपये को पार कर गया था. अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दाम में भारी गिरावट देखने को मिली है. स्पॉट गोल्ड 3 प्रतिशत टूटकर 3281.6 डॉलर प्रति औंस पर आ गया है. जबकि US गोल्ड फ्यूचर में 3.7 प्रतिशत की कमी आयी है और ये 3294.10 डॉलर प्रति औंस की दर से बिक रहा है.

हालांकि, निवेशकों की अभी भी सुरक्षित निवेश के लिए सोना ही पहली पसंद बना हुआ है. 24 अप्रैल को सुबह 7.55 बजे प्रति दस ग्राम गोल्ड मैक्स 94,751 रुपये पर बिक रहा था. ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, इसमें करीब 29 रुपये का इजाफा हुआ है. जबकि मैक्स चांदी की कीमत 126 रुपये बढ़कर 97,925 रुपये प्रति किलो बिक रही है.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना हुआ सस्ता

इंडियन बुलियन एसोसिएशन (आईबीए) के मुताबिक, इसी तरह से 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम 94,970 रुपये के दर से बिक रहा है. 22 कैरेट सोने का काम 87,056 के दर कारोबार कर रहा था. हालांकि, चांदी 98,380 रुपये प्रति किलो (सिल्वर 999 फाइन) बिक रही है.

आइये देखते हैं 24  को आपके शहर में सोना किस भाव पर बिक रहा है.

मुंबई में गोल्ड बुलियन प्रति 10 ग्राम 94,800 रुपये के दर पर बिक रहा है जबकि एमसीएक्स गोल्ड 94,751 रुपये पर कारोबार कर रहा है. इसी तरह से बेंगलुरू में गोल्ड बुलियन के रेट 94,870 रुपये और एमसीएक्स गोल्ड 94,751 रुपये है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर गोल्ड बुलियन प्रति दस ग्राम 94,630 रुपये तो वहीं एमसीएक्स गोल्ड 94,751 रुपये की दर से बिक रहा है. चेन्नई में सोना 95,070 तो वहीं एमसीएक्स गोल्ड 94,751 रुपये प्रति दस ग्राम के हिसाब से कारोबार कर रहा है. कोलकाता में गोल्ड बुलियन 94,670 रुपये तो वहीं एमसीएक्स गोल्ड 94,751 रुपये की दर से बिक रहा है. जबकि हैदराबाद में गोल्ड बुलियन रेट 94,940 रुपये तो वहीं एमसीएक्स पर गोल्ड रेट 94,751 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर कारोबार कर रहा है.

तनाव कम होने से गिरा सोना

वैश्विक स्तर पर कमजोर रुख के बीच बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी के सर्राफा बाजार में सोना 2,400 रुपये लुढ़ककर 99,200 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गया. एक दिन पहले यह रिकॉर्ड एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर पर पहुंच गया था. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, 99.9% शुद्धता वाला सोना मंगलवार को 1,800 रुपये उछलकर 1,01,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था.

स्थानीय बाजारों में 99.5% शुद्धता वाला सोना बुधवार को 3,400 रुपये की भारी गिरावट के साथ 98,700 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया, जबकि एक दिन पहले यह 2,800 रुपये बढ़कर 1,02,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंच गया था. अबंस फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यपालक अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा, ‘‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के चीन पर नरम रुख  के बाद सुरक्षित निवेश की मांग कम होने से सोने की कीमतों में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद गिरावट आई.

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सात दिनों की तेजी के बाद शेयर बाजार की सुस्त रफ्तार, 200 अंक टूटा सेंसेक्स, 24300 के नीचे आया निफ्टी

Stock Market Today: शेयर बाजार में सात दिनों की तेजी और इंटरनेशनल स्टॉक मार्केट में साकारात्मक रुझान के बीच गिफ्ट निफ्टी में दबाव के चलते गुरुवार को शुरुआती कारोबार में कमजोर दिख रहा है. सेंसेक्स 190.07 अंक यानी 0.27 प्रतिशत नीचे गिरकर 79,927.99 के लेवल पर कारोबार कर रहा है. जबकि निफ्टी 49.20 प्वाइंट यानी 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,279.75 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. इससे एक दिन पहले बुधवार को सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 80000 पर खुला था.  

दूसरी तरफ, एशियाई मार्केट की अगर बात करें तो अमेरिकी बाजार में पॉजिटिव संकेत के चलते उछाल देखने को मिला है. जापान का Nikkei 225 में 0.96% की बढ़त देखने को मिली और ये 35,204 पर पहुंच गया. हालांकि, दक्षिण कोरिया के Kospi में 0.55% की गिरावट आयी है और 2,511.83 पर आ गया. जबकि हांगकांग का हेंगसेंग इंडेक्स 22,072 पर कारोबार किया.

चीन का इंडेक्स शंघाई कंपोजिट 3,296 पर कारोबार कर रहा था. यूएस स्टॉक मार्केट अमेरिकी और चीन के बीच व्यापारिक तनाव कम होने के संकेत से साकारात्मक उम्मीद में है. इसके अलावा, राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि उनका फेडरल चीफ जेरोम पॉवेल को हटाने का कोई इरादा नहीं है. इसका पॉजिटिव रुझान के बाद डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज  419.59 प्वाइंट यानी 1.07 प्रतिशत ऊपर चढ़कर 39,606.57 पर पहुंच गया.  S&P 500 में करीब 1.67 प्रतिशत की बढ़त दिखी और ये 5,375.86 पर आ गया. जबकि नैस्डेक कंपोजिट 2.50 प्रतिशत बढ़कर 16,708.05 पर बंद हुआ.

बुधवार को सेंसेक्स 8000 के पार

इससे एक दिन पहले शेयर बाजारों में बुधवार को लगातार सातवें दिन तेजी जारी रही और प्रमुख शेयर सूचकांक बीएसई सेंसेक्स 520 अंक उछलकर चार महीने में पहली बार 80,000 से ऊपर बंद हुआ. बाजार में तेजी की कमान आईटी और वाहन शेयरों ने संभाली. इस दौरान 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 520.90 अंक यानी 0.65 प्रतिशत बढ़कर 80,116.49 पर बंद हुआ. यह 18 दिसंबर के बाद इसका उच्चतम स्तर था. 

कारोबार के दौरान सेंसेक्स 658.96 अंक यानी 0.82 प्रतिशत बढ़कर 80,254.55 पर पहुंच गया था. एनएसई निफ्टी 161.70 अंक यानी 0.67 प्रतिशत बढ़कर 24,328.95 पर पहुंच गया.  विश्लेषकों ने कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों की लिवाली और सकारात्मक वैश्विक रुझानों ने भी बाजार धारणा को मजबूत किया. 

सेंसेक्स की कंपनियों में एचसीएल टेक ने सबसे अधिक 7.72 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की. इसके अलावा टेक महिंद्रा, टाटा मोटर्स, इंफोसिस, महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा स्टील, भारती एयरटेल और मारुति भी उल्लेखनीय बढ़त हुई. हाल में तेज बढ़त के बाद बैंक शेयरों में बिकवाली देखी गई और एचडीएफसी बैंक 1.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुआ.

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हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़ी ये कंपनी कराएगी मोटी कमाई, दो ब्रोकरेज हाउस ने की कमाई की भविष्यवाणी

स्वास्थ्य बीमा कंपनी Niva Bupa ने बुधवार को शेयर बाजार में जोरदार छलांग लगाई. कंपनी का शेयर 11.5 फीसदी की तेजी के साथ 86.40 के स्तर पर पहुंच गया, जो पिछले 17 हफ्तों में इसका सबसे हाई लेवल है. दिलचस्प बात यह है कि Niva Bupa के शेयर ने पिछले 10 में से 8 ट्रेडिंग सेशनों में बढ़त दर्ज की है और 7 अप्रैल के बाद से अब तक कुल 40 फीसदी का उछाल आ चुका है.

ब्रोकरेज हाउस बुलिश

मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकरेज हाउस Niva Bupa के शेयरों पर काफी पॉजिटिव नजर आ रहे हैं. देश की प्रमुख ब्रोकरेज कंपनी Motilal Oswal ने कंपनी के स्टॉक पर ‘Buy’ की रेटिंग दी है और 100 का टारगेट प्राइस सेट किया है. उनका मानना है कि हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में कंपनी की मज़बूत पकड़, तेजी से क्लेम सेटलमेंट और रिटेल ग्राहकों पर खास फोकस कंपनी के तेज़ विकास में मददगार साबित हो रहा है.

Motilal Oswal की रिपोर्ट के मुताबिक, Niva Bupa ने FY22 से FY25 के बीच 34 फीसदी CAGR की दर से ग्रोथ दर्ज की है और रिटेल हेल्थ सेगमेंट में सबसे ज्यादा मार्केट शेयर बढ़ाया है. FY25 से FY28 के बीच कंपनी के ग्रॉस प्रीमियम में 25 फीसदी की सालाना ग्रोथ का अनुमान लगाया गया है. कंपनी के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो की बात करें तो रिटेल और ग्रुप हेल्थ सेगमेंट का हिस्सा क्रमशः 68 फीसदी और 31 फीसदी है, जिसमें ग्रुप बिज़नेस का एक तिहाई हिस्सा कॉर्पोरेट्स से आता है.

सेटलमेंट रेश्यो तगड़ा है

कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो भी काबिल-ए-तारीफ है. FY24 में ये 90 फीसदी रहा, जो तेज़, पारदर्शी और AI-पावर्ड प्रोसेस की वजह से मुमकिन हुआ है. यही नहीं, Niva Bupa ने हेल्थकेयर नेटवर्क में भी क्वालिटी पर काफी ध्यान दिया है.

ICICI Securities ने भी हाल ही में स्टॉक पर ‘Buy’ रेटिंग दी है, और 90 का टारगेट प्राइस सेट किया है. उन्होंने कहा कि भारत में हेल्थ इंश्योरेंस का दायरा अभी भी काफी कम है और Niva Bupa जैसे प्लेयर्स के पास इस मौके का पूरा फायदा उठाने की क्षमता है. FY19 में कंपनी की रिटेल मार्केट हिस्सेदारी 4 फीसदी थी, जो 11MFY25 में बढ़कर 9.4 फीसदी हो गई है.

कंपनी क्या करती है

कंपनी की बात करें तो Niva Bupa Health Insurance एक जॉइंट वेंचर है Bupa Group और Fettle Tone LLP के बीच. कंपनी अपने मोबाइल ऐप और वेबसाइट के जरिए यूजर्स को हेल्थकेयर से जुड़ी कई सर्विसेज एक प्लेटफॉर्म पर मुहैया कराती है.

Niva Bupa ने 14 नवंबर 2024 को शेयर बाजार में एंट्री ली थी, जब इसके शेयर NSE पर 78.14 पर लिस्ट हुए थे, जो इसके 74 के इश्यू प्राइस से 5.5 फीसदी ऊपर था. कंपनी का 2,200 करोड़ का IPO 7 से 11 नवंबर तक खुला था, जिसमें 16.3 करोड़ शेयरों के मुकाबले 31.13 करोड़ शेयरों के लिए बोली आई थी यानी ओवरऑल 1.9 गुना सब्सक्रिप्शन मिला.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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Pahalgam Terror Attack: भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से हिला पाकिस्तान! कराची स्टॉक एक्सचेंज में आई भारी गिरावट

Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत की संभावित जवाबी कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान में डर बना हुआ है. यही वजह है कि पाकिस्तानी निवेशक अपना पैसा पाकिस्तान के स्टॉक मार्केट से तेजी से बाहर निकाल रहे हैं.

आज यानी बुधवार की बात करें तो पाकिस्तान के शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखी गई है. कराची स्टॉक एक्सचेंज (KSE-100 इंडेक्स) 1,303.29 अंक यानी 1.10 फीसदी टूटकर 1,17,127.06 के स्तर पर बंद हुआ. यह गिरावट ऐसे समय में आई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता दिख रहा है.

पाकिस्तान में बढ़ गई है टेंशन

पहलगाम हमले में कई लोगों की जान गई है और जिम्मेदारी पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन TRF ने ली है. इसके बाद भारत में सख्त प्रतिक्रिया की संभावना जताई जा रही है, जिससे पाकिस्तान में जियो-पॉलिटिकल टेंशन और बढ़ गई है. यही नहीं, इस अनिश्चितता के माहौल में निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया, जिसका असर पाकिस्तान के प्रमुख शेयरों पर भी पड़ा. यूनाइटेड बैंक लिमिटेड (UBL), हब पावर कंपनी (HUBC), हबीब मेट्रो बैंक (HMB), मारी पेट्रोलियम (MARI) और एंग्रो कॉर्प (ENGRO) जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई.

पाकिस्तान का विकास दर अनुमान भी घटा

सिर्फ सुरक्षा मसलों ने ही पाकिस्तान की मार्केट को हिला नहीं दिया है, बल्कि वैश्विक आर्थिक अनुमान और घरेलू आर्थिक स्थितियों ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है. इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने अपने वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक में पाकिस्तान के विकास दर अनुमान को घटाकर 2.6 फीसदी कर दिया है, जो पहले 3 फीसदी था. IMF का यह रुख वैश्विक स्तर पर अमेरिकी टैरिफ बढ़ोतरी और विकासशील देशों की धीमी रिकवरी के कारण है.

वहीं, फिच रेटिंग्स ने भी संकेत दिए हैं कि पाकिस्तान की करेंसी यानी पाकिस्तानी रुपया धीरे-धीरे और कमजोर हो सकता है, ताकि चालू खाते के घाटे पर दबाव कम किया जा सके. इसका सीधा असर विदेशी निवेशकों की धारणा पर पड़ा है और वे बाजार से दूरी बना रहे हैं.

भारतीय शेयर बाजार में तेजी

इन सबके बीच भारत के शेयर बाजार ने जबरदस्त मजबूती दिखाई है. बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज का सेंसेक्स बुधवार को 520.90 अंक उछलकर 80,116.49 पर बंद हुआ. ये लगातार सातवां दिन था जब बाजार में तेजी बनी रही है. पिछले सात दिनों में सेंसेक्स में कुल 8.48 फीसदी यानी 6269.34 अंकों की बढ़त देखी गई है. वहीं, निफ्टी भी 161.70 अंकों की बढ़त के साथ 24,328.95 पर बंद हुआ, और 7 दिनों में करीब 1930 अंकों की तेजी दर्ज की गई.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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अमेरिका में सस्ता हुआ सोना लेकिन भारत में 23 अप्रैल बुधवार को क्या है गोल्ड के नए रेट्स

Gold Price Today: सोने की कीमत पहली बार मंगलवार को एतिहासिक एक लाख रुपये को पार करने के एक  दिन बाद 23 अप्रैल 2025 यानी बुधवार को शुरुआती कारोबार में प्रति 10 ग्राम 1,10,360 के भाव पर कारोबार कर रहा है. गुड रिटर्न्स वेबसाइट के मुताबिक, चांदी की कीमत में करीब 100 रुपये की गिरावट आयी है और 1,00,900 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रही है.

 22 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम 92,910 रुपये की दर से बिक रहा है जबकि 24 कैरेट सोने का भाव मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में 1,01,360 रुपये है. दिल्ली में 24 कैरेट सोना 1,10,510 रुपये प्रति 10 ग्राम के हिसाब से बिक रहा है. दिल्ली में 22 कैरेट सोने का भाव 93,060 रुपये है. इसी तरह से दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में चांदी 1,09,900 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बिक रही है. 

रिकॉर्ड बना रहा सोना

चेन्नई में चांदी 1,10,900 रुपये प्रति किलो के दर पर कारोबार कर रही है. हालांकि, राष्ट्रपति अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से फेडरल रिजर्व के चेयरमैन और यूस ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट को नहीं हटाने और व्यापार तनाव को कम करने के दिए संकेत के बाद बुधवार को अमेरिका में सोने के दाम में गिरावट देखने को मिली है. अमेरिका में सोना का कीमत 1.2 प्रतिशत गिरकर 3,340.92 प्रति औंस पर आ गई. जबकि यूएस गोल्ड फ्यूचर्स  2 प्रतिशत गिरकर 3,349.20 प्रति डॉलर पर कारोबार कर रहा है. 

गौरतलब है कि स्थानीय आभूषण विक्रेताओं और कारोबारियों की लिवाली से मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सोने की कीमत 1,800 रुपये की तेजी के साथ एक लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के महत्वपूर्ण स्तर को पार कर गई.  इस बीच, अक्षय तृतीया और शादी-विवाह के सीजन में मांग बढ़ने की उम्मीद के चलते कीमती धातु को समर्थन मिला.

अमेरिका में सस्ता हुआ गोल्ड

दिसंबर, 2024 से सोना 22,650 रुपये प्रति 10 ग्राम या लगभग 29 प्रतिशत महंगा हुआ है. कामा ज्वेलरी के प्रबंध निदेशक (एमडी) कॉलिन शाह ने कहा, “सोने की यह कीमत मुख्य रूप से (अमेरिका के) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख जेरोम पावेल के बीच ब्याज दर में कटौती के संबंध में बढ़ते तनाव से प्रभावित है.” उन्होंने कहा, “इसके अलावा, ट्रंप और पावेल के बीच तनाव के बाद अमेरिकी डॉलर में कमजोरी, और अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध को लेकर अनिश्चितताएं अन्य महत्वपूर्ण कारक हैं जिन्होंने सोने की कीमत को रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया है.”

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शानदार उछाल के साथ खुला भारतीय शेयर बाजार, 80 हजार के ऊपर सेंसेक्स, निफ्टी 24300 के पार

Stock Market Today: एशियाई बाजार से लेकर भारत तक स्टॉक मार्केट में बुधवार को जबरदस्त तेजी देखी गई. लगातार सातवें दिन भारतीय बाजार में ये तेजी देखने को मिल रही है. ग्लोबल मार्केट में मिले पॉजिटिव संकेतों और विदेशी निवेशकों की वापसी से भारतीय शेयर बाजार एक बार फिर उछाल भर रहा है. सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 80,000 के ऊपर खुला है. इसमें 468.75 अंक यानी 0.59 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 80,064.34 के स्तर पर सुबह करीब 9.20 बजे कारोबार करता नजर आया. जबकि निफ्टी 136.25 प्वाइंट्स यानी 0.56 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,303.50 के स्तर पर कारोबार कर रहा है. 

आईटी शेयरों में आज जबरदस्त तेजी देखने को मिल रही है जबकि बैंक निफ्टी ठंडा पड़ा है. निफ्टी आईटी इंडेक्स करीब 3 फीसदी ऊपर उछला है. तो वहीं स्मॉल कैप और मिड कैप में पहले की तरह तेजी बरकरार है. इधर, अमेरिका का डाउ जोन्स 1000 अंक से ज्यादा उछला है. डाउ फ्यूचर्स में 500 प्वाइंट्स और नैस्डेट में करीब पौने तीन प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है. इन्फोसिस, टेक महिन्द्रा और टीसीएस में भी जबरदस्त खरीदारी देखने को मिल रही है. 

लगातार सातवें दिन शेयर बाजार में तेजी

इससे पहले, मंगलवार को बीएसई सेंसेक्स 187 अंक और चढ़ गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों यानी एफआईआई के पूंजी प्रवाह,  बैंक और दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों शेयरों में लिवाली से बाजार में तेजी आई. तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 187.09 अंक यानी 0.24 प्रतिशत की बढ़त के साथ 79,595.59 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान, एक समय यह 415.8 अंक तक चढ़ गया था. जबकि, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 41.70 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की बढ़त के साथ 24,167.25 अंक पर बंद हुआ.

आईटी और ऊर्जा क्षेत्रों को छोड़कर ज्यादातर सूचकांक लाभ में रहे. रियल्टी, एफएमसीजी (दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियां) और बैंक में सबसे ज्यादा तेजी रही. सेंसेक्स के शेयरों में आईटीसी, हिंदुस्तान यूनिलीवर, महिंद्रा एंड महिंद्रा, एचडीएफसी बैंक, इटर्नल, कोटक महिंद्रा, भारतीय स्टेट बैंक और आईसीआईसीआई बैंक प्रमुख रूप से लाभ में रहे.

एशियाई बाजार में पॉजिटिव संकेत

दूसरी तरफ एशियाई मार्केट में भी राहत भरी तेजी देखी गई. इसकी वजह वॉल स्ट्रीट से मिले पॉजिटिव संकेत है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के चीन के साथ व्यापारिक तनाव को कम करने को लेकर जताई गई संभावना के बाद एशियाई मार्केट में ये तेजी दिखी है. जापान का Nikkei 1.58 फीसदी ऊपर था वहीं साउथ कोरिया  का Kospi 1.12 फीसदी बढ़ा हुआ था.

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अमेरिका ने लगा दिया 3521 फीसदी का टैरिफ, चीन समेत इन देशों के खिलाफ ट्रंप की कड़ी कार्रवाई

अमेरिका ने एक चौंकाने वाला फैसला लेते हुए साउथ ईस्ट एशिया के चार देशों से आने वाले सोलर पैनलों पर 3,521 फीसदी तक का भारी-भरकम टैक्स लगाने की घोषणा की है. ये कदम तब उठाया गया जब अमेरिकी सोलर मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों ने सरकार से गुहार लगाई थी कि सस्ती कीमतों पर विदेशी कंपनियां उनके बाजार को नुकसान पहुंचा रही हैं.

अमेरिका के वाणिज्य विभाग की एक साल लंबी जांच के बाद ये नतीजा निकला कि चीन की कई कंपनियां कंबोडिया, मलेशिया, थाईलैंड और वियतनाम में उत्पादन कर रही हैं और वहीं से प्रोडक्ट अमेरिका भेज रही हैं, जिससे अमेरिकी उद्योगों को बड़ा नुकसान हो रहा है.

अमेरिका ने उठाया बड़ा कदम

जिन कंपनियों ने जांच में सहयोग नहीं किया, उनके खिलाफ सबसे सख्त कार्रवाई हुई है. जैसे कंबोडिया की कुछ कंपनियों पर 3,521 फीसदी तक का टैक्स लगाया गया है. वहीं, मलेशिया में चीनी कंपनी Jinko Solar के प्रोडक्ट्स पर 41 फीसदी और थाईलैंड में Trina Solar के प्रोडक्ट्स पर 375 फीसदी तक का टैक्स लगाया गया है. अमेरिका का कहना है कि ये कंपनियां सस्ती कीमतों पर प्रोडक्ट भेज रही थीं, यानी ‘डंपिंग’ कर रही थीं, और इसके पीछे चीन की सब्सिडी का बड़ा रोल है.

इस कदम से अमेरिकी सोलर मैन्युफैक्चरिंग को फायदा जरूर मिलेगा. अमेरिकी मैन्युफैक्चरर्स के समूह ‘अमेरिकन एलायंस फॉर सोलर मैन्युफैक्चरिंग’ ने इस फैसले का स्वागत किया है. उनका कहना है कि ये अमेरिका की घरेलू उत्पादन क्षमता को मजबूत करेगा और ये साबित करता है कि चीनी कंपनियां लंबे समय से सिस्टम का गलत फायदा उठा रही थीं.

सोलर प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ सकती हैं 

2023 में अमेरिका ने इन चार देशों से लगभग 12 अरब डॉलर (करीब 1 लाख करोड़) का सोलर उपकरण इंपोर्ट किया था. इसलिए यह फैसला केवल व्यापारिक नहीं, बल्कि रणनीतिक भी माना जा रहा है. हालांकि, इसके नतीजे आम उपभोक्ताओं और छोटे व्यापारियों पर भी पड़ सकते हैं, जिन्हें अब तक सस्ते सोलर पैनल्स का फायदा मिल रहा था. नई टैरिफ के चलते अब सोलर प्रोडक्ट्स की कीमतें बढ़ सकती हैं और इंस्टॉलेशन महंगे हो सकते हैं.

इस फैसले का टाइमिंग भी खास है क्योंकि हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वियतनाम, मलेशिया और कंबोडिया का दौरा किया है. इस दौरे का मकसद इन देशों से रिश्ते मजबूत करना और अमेरिकी दबाव का मुकाबला करना था. ऐसे में यह फैसला दोनों देशों के बीच बढ़ती व्यापारिक खींचतान की एक और कड़ी बनता नजर आ रहा है.

अमेरिका पहले ही चीन से आने वाले प्रोडक्ट्स पर 145 फीसदी तक का टैक्स लगा चुका है और अब कुछ मामलों में यह टोटल टैक्स 245 फीसदी तक पहुंच सकता है. जवाब में चीन ने भी पलटवार करते हुए अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर 125 फीसदी टैक्स लगा दिया है और “आखिरी दम तक लड़ने” की चेतावनी दी है. साफ है कि ये सिर्फ सोलर एनर्जी की बात नहीं, बल्कि एक नई ट्रेड वॉर की शुरुआत हो सकती है, जिसका असर पूरी दुनिया के ग्रीन एनर्जी सेक्टर पर पड़ेगा.

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HCL Tech Q4 Results: आईटी दिग्गज HCL Tech ने कमाया 4,307 करोड़ का मुनाफा, CEO ने कही बड़ी बात

HCL Tech Q4 Results: देश की बड़ी आईटी कंपनियों में शामिल HCL टेक्नोलॉजीज ने अपनी चौथी तिमाही की कमाई रिपोर्ट जारी की है और इस बार कंपनी के नतीजे मिला-जुला संकेत दे रहे हैं. जहां मुनाफे में बढ़त देखने को मिली है, वहीं आने वाले वित्त वर्ष 2026 (FY26) के लिए रेवेन्यू ग्रोथ का अनुमान कुछ सीमित दायरे में रखा गया है.

कंपनी का कहना है कि FY26 में उसकी आमदनी (Revenue) में 2 फीसदी से 5 फीसदी की बढ़त हो सकती है. HCL Tech ने अपनी सर्विसेज बिज़नेस के लिए भी इसी दायरे में ग्रोथ की बात कही है. इसके अलावा, कंपनी ने EBIT मार्जिन (कमाई में से ऑपरेशनल खर्च घटाने के बाद जो बचता है) को 18 फीसदी से 19 फीसदी के बीच रहने की उम्मीद जताई है.

HCL ने 4,307 करोड़ का मुनाफा कमाया

अब अगर FY25 की बात करें, तो HCL Tech ने अपनी सालाना ग्रोथ गाइडेंस को पूरा कर दिखाया है. कंपनी ने पूरे साल में 4.7 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की, जो कि उसकी दिसंबर तिमाही में दी गई 4.5 फीसदी से 5 फीसदी की गाइडेंस के बीच का आंकड़ा है.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी के CEO और MD, सी. विजयकुमार ने कहा कि HCL Tech ने लगातार दूसरे साल अपने साथियों से तेज ग्रोथ हासिल की है. FY25 में हमने डिसिप्लिन के साथ प्रदर्शन किया और 4.7 फीसदी ग्रोथ के साथ अपने लक्ष्य को हासिल किया. HCL Software का बिजनेस भी तेजी से बढ़ा है, जिसमें 3.5 फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है.”

चौथी तिमाही में HCL Tech ने 4,307 करोड़ का मुनाफा कमाया है, जो कि पिछले साल की इसी तिमाही के 3,986 करोड़ के मुकाबले 8.05 फीसदी की ग्रोथ है. कंपनी की ऑपरेशनल आमदनी 30,246 करोड़ रही, जिसमें साल दर साल 6.13 फीसदी की बढ़त हुई है.

क्या है भविष्य?

HCL Tech में कर्मचारियों के छोड़ने की दर (Attrition Rate) FY25 के अंत तक बढ़कर 13 फीसदी हो गई, जबकि पिछले साल की चौथी तिमाही में यह 12.4 फीसदी थी. हालांकि, कंपनी ने FY25 में 4,061 नए कर्मचारी जोड़े और कुल कर्मचारियों की संख्या 2,23,420 तक पहुंच गई.

तो कुल मिलाकर, HCL Tech ने इस साल अपनी बातों को हकीकत में बदला है, कमाई बढ़ी है, मुनाफा भी आया है और कंपनी आगे के लिए भी एक व्यावहारिक रुख अपना रही है. हां, ग्रोथ थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन भरोसा और स्थिरता अभी भी इस टेक दिग्गज की पहचान बनी हुई है.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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1 लाख के करीब पहुंचा सोना… 10 ग्राम की कीमत 98000 के पार, चेक करें आपके शहर में आज कितना है गोल्ड रेट

Gold-Silver Price Today: अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते टैरिफ वॉर ने ग्लोबल मार्केट को हिलाकर रख दिया है. इस दौरान लोग सुरक्षित निवेश के रूप में सोने की खरीदारी कर अपने पोर्टफोलियो को सिक्योर कर रहे हैं. यही वजह है कि इस साल अब तक सोने की कीमत में 25 परसेंट तक की बढ़ोतरी हुई है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी, कमजोर होते डॉलर, आर्थिक मंदी की आशंकाओं के चलते सोने की कीमतें आसमान छूने पर मजबूर हैं. 

इतनी है आज MCX पर सोने-चांदी की कीमत

22 अप्रैल को सुबह 7 बजे एमसीएक्स पर सोने की कीमत 73 रुपये प्रति 10 ग्राम बढ़कर 97,352 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई, जो अब तक का नया हाई लेवल है. इसी तरह से एमसीएक्स पर चांदी की कीमत भी 238 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़कर 97,275 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. इंडियन बुलियन एसोसिएशन (IBA) के आंकड़ों के मुताबिक, आज 24 कैरेट सोने की कीमत 97,560 रुपये प्रति 10 ग्राम है. इसके अलावा, 22 कैरेट सोने की कीमत 89,430 रुपये प्रति 10 ग्राम है. IBA की वेबसाइट के अनुसार, 22 अप्रैल को सुबह 7 बजे चांदी की कीमत 95,720 रुपये प्रति किलोग्राम थी. 

सोने-चांदी का लेटेस्ट प्राइस

मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने की कीमत आज 98,360 रुपये है. वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यह 98,510 रुपये प्रति 10 ग्राम है. मुंबई में 22 कैरेट सोने की 10  ग्राम की कीमत कोलकाता, बेंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद के बराबर 90,160 रुपये है. वहीं, दिल्ली में 10 ग्राम 22 कैरेट गोल्ड की कीमत 90,310 रुपये है. दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में एक किलोग्राम चांदी की कीमत 1,01,100 रुपये है. चेन्नई में एक किलोग्राम चांदी की कीमत 1,11,100 रुपये है. 

अमेरिका में भी सोने की कीमत में तेजी

अमेरिका में भी मंगलवार को सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी रही. ट्रंप के फेड रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल की आलोचना किए जाने और व्यापार को लेकर बढ़ते तनाव के बीच आर्थिक विकास में रुकावट आने की आशंकाओं से सुरक्षित निवेश के रूप से सोने की डिमांड बढ़ी है. शुरुआती कारोबार में हाजिर सोना 0.1 परसेंट की उछाल के साथ 3,443.79 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड लेवल को छूने के बाद हाजिर सोना 0.1 परसेंट की बढ़त के साथ 3,429.03 डॉलर प्रति औंस रहा. 

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अमेरिकी बाजार के धराशायी होने के बाद अब एशियाई मार्केट में आई गिरावट, ट्रंप-फेड विवाद का दिख रहा असर

Share Market: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के द्वारा फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल की आलोचना किए जाने के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था को लेकर निवेशकों का भरोसा डगमगा गया है. इसके चलते अमेरिकी शेयरों और डॉलर में भारी गिरावट आई है. बेंचमार्क S&P 500 इंडेक्स में सोमवार को 2.36 परसेंट तक की गिरावट आई, जो इस साल एक दिन में हुई अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है. 

तीन साल के निचले स्तर पर पहुंचा डॉलर

इस बीच, टेक-हैवी नैस्डैक कंपोजिट इंडेक्‍स में भी 2.55 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई. इसी के साथ यह इंडेक्स इस साल की शुरुआत से अपने पोजीशन से लगभग 18 परसेंट नीचे फिसल गया है. सोमवार को डॉलर तीन साल के अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया. यूरो, येन, फ्रैंक जैसी प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले यह 97.92 तक गिर गया. सोमवार को सरकारी बॉन्ड में भी गिरावट आई क्योंकि निवेशकों ने आमतौर पर सुरक्षित मानी जाने वाली परिसंपत्तियों को बेचना शुरू कर दिया. अमेरिका में 10-वर्षीय बॉन्ड का प्रतिफल बढ़कर 4.4 परसेंट के पार जा रहा है. 

एशियाई बाजार में भी सुस्ती

मंगलवार को एशियाई मार्केट की शुरुआत भी सुस्ती के साथ हुई. जापान का निक्केई 225, हांगकांग का हैंग सेंग इंडेक्स और ताइवान का taiex इंडेक्स में कारोबार की शुरुआत में क्रमशः 0.8 परसेंट, 0.6 परसेंट और 0.5 परसेंट की गिरावट दर्ज की गई. ट्रंप ब्याज दरों में कटौती करने से इनकार करने पर फेड रिजर्व के अध्यक्ष पावेल पर भड़के हुए हैं. उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पावेल को ‘Major Loser’ और ‘Mr Too Late’करार दिया है. उन्होंने पावेल को पद से हटाने की भी धमकी दी है. अब वह उन्हें कानूनी रूप से हटाए जाने के तरीकों पर अपनी टीम के साथ विचार कर रहे हैं. 

 

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