NUCFDC शहरी सहकारी बैंकों के लिए जुटाए 242.45 करोड़, RBI के 300 करोड़ के लक्ष्य की ओर बढ़ रहा आगे

NUCFDC: शहरी सहकारी बैंकों के लिए अम्ब्रेला ऑर्गेनाइजेशन नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NUCFDC) ने कुल 242.45 करोड़ की पूंजी जुटाई है. इसी के साथ संगठन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित ₹300 करोड़ की पूंजी लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है. 

पहले चरण में जुटाई इतनी रकम

फंडिंग के इस दौर में NUCFDC ने 95 बैंकों, तीन राज्य फेडरेशनों और नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC) से पूंजी जुटाई. यह फंडिंग का दूसरा चरण रहा, जिसमें 124.50 करोड़ रुपये जुटाए गए. पहले चरण का आयोजन पिछले साल हुआ था. उस दौरान संगठन ने 124 बैंकों, चार राज्य UCB फेडरेशनों और NCDC से 118 करोड़ रुपये जुटाए थे. इसी के साथ,  नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन को 17 करोड़ रुपये के पूंजी प्रतिबद्धता प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं. सारी जरूरी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद चुकता पूंजी (Paid-up Capital) बढ़कर लगभग 260 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है. 

40 करोड़ रुपये और जुटाने का लक्ष्य

संगठन ने छोटे टियर-I और टियर-II बैंकों से 40 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि जुटाने का भी लक्ष्य रखा है. शहरी सहकारी बैंकों (यूसीबी) के सामने आने वाली कठिनाइयों को हल करने के लिएफरवरी 2024 में अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन की स्थापना की गई. इसका मकसद फंड बेस्ड और नॉन फंड बेस्ड सेवाओं के जरिए पूंजीगत समर्थन प्रदान करना, भारत के शहरी सहकारी बैंकों को वित्तीय रूप से लचीला बनाना, उनके जमाकर्ताओं का विश्वास बढ़ाना और उन्हें देश की वित्तीय प्रणाली में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना है. 

मौजूदा समय में नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव फाइनेंस एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन ने कई ऐसी सेवाएं शुरू की हैं, जो शहरी सहकारी बैंकों के बीच कंप्लायंस, कानूनी पारदर्शिता और टेक्नोलॉजी के ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल को बढ़ावा देती हैं. NUCFDC लीगल एडवाइजरी सर्विसेज भी दे रहा, जिससे UCBs को महत्वपूर्ण समझौतों को अंतिम रूप देने और नियामकीय अनुपालन सुनिश्चित करने में सहायता मिल सकें. 

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आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान-बांग्लादेश पर ट्रंप की गाज, भारत से ज्यादा इन पर लगा दिया टैरिफ

US Reciprocal Tariff: अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जनवरी में दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद से लगातार सुर्खियों में रहे हैं. 2 अप्रैल, 2025 को दुनिया के तमाम देशों पर जवाबी शुल्क लगाने के साथ ही वह एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं. अमेरिकी उत्पादों के आयात पर लगाए जाने वाले हाई टैरिफ के जवाब में यह कार्रवाई की गई है. रेसिप्रोकल टैरिफ को एक तरह से एक ऐसी ट्रेड पॉलिसी मान सकते हैं, जिसमें एक देश दूसरे देश के व्यापार प्रतिबंधों का मुकाबला करने के लिए टैरिफ को बढ़ा देता है. 

भारत पर लगाया डिस्काउंटेड टैरिफ 

ट्रंप ने भारत सहित 60 से अधिक देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया है. इसके पीछे अनफेयर ट्रेड पॉलिसी का हवाला दिया गया है. भारतीय निर्यात को भी नौ अप्रैल से ट्रंप के 27 परसेंट जवाबी शुल्क का सामना करना होगा. ट्रंप का कहना है कि भारत पर डिस्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया है.

व्हाइट हाउस के मुताबिक़, भारत अमेरिका पर 52 परसेंट टैरिफ लगाता है. हालांकि, विदेश में बनी कारों और ऑटो पार्ट्स को ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ के दायरे से बाहर रखा गया है, जिन पर पहले से 25 परसेंट टैरिफ लगा हुआ है. इसके अलावा, कॉपर, फार्मास्यूटिकल्स, सेमीकंडक्टर, मिनरल्स और कई एनर्जी प्रोडक्ट्स पर भी छूट है. 

हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह भारत के हित में है क्योंकि भारत पर टैरिफ कई दूसरे एशियाई देशों के मुकाबले कम है. इसका सबसे ज्यादा असर लाओस, मेडागास्कर, कंबोडिया लेसोथो जैसे देशों पर पड़ा है. आइए एक नजर डालते हैं उन देशों पर जिन पर अमेरिकी रेसिप्रोकल टैरिफ का सबसे ज्यादा और सबसे कम असर पड़ा है- 

इन देशों पर सबसे ज्यादा टैरिफ

वियतनाम – 46 परसेंट
मेडागास्कर – 47 परसेंट
लाओस – 48 परसेंट
कंबोडिया – 49 परसेंट
लेसोथो – 50 परसेंट

टैरिफ से सबसे कम प्रभावित देश

कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य – 11 परसेंट
कैमरून – 12 परसेंट
चाड – 13 परसेंट
इक्वेटोरियल गिनी – 13 परसेंट
नाइजीरिया – 14 परसेंट
वेनेजुएला – 15 परसेंट

पाकिस्तान पर भारत से ज्यादा टैरिफ

अमेरिका ने भारत के दो पड़ोसी देशों पर भारत के मुकाबले ज्यादा टैरिफ लगाया. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन पर 34 परसेंट और पाकिस्तान पर 30 परसेंट टैरिफ लगाया है. बांग्लादेश पर 37 परसेंट टैरिफ लगाया गया है. भूकंप की वजह से भयानक त्रासदी से जूझ रहे म्यांमार पर ट्रंप ने 4 परसेंट का जवाबी शुल्क लगाया है.  

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Donald Trump Tariffs News: दुनिया के किन देशों पर कितना लगा रिसिप्रोकर टैरिए, देखें पूरी लिस्ट

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सभी व्यापारिक साझीदार देशों पर बुधवार को नए टैरिफ लगाने का एलान किया. व्हाइट हाउस के रोज गार्ड में एलान करते हुए ट्रंप ने कहा कि चीन ने आयातित सामानों पर 34% टैक्स लगाया जाएगा. जबकि यूरोपीय देश समेत अन्य पर 20% टैरिफ लगेगा. उनके इस एलान से एक तरफ जहां वैश्विक अर्थव्यवस्था को खतरा पैदा हो गया है, तो वहीं दूसरी तरफ ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ गई है.

बुधवार को ट्रंप ने कार्यकारी आदेश पर दस्तखत करते हुए इसे लिबरेशन डे यानी मुक्त दिवस करार दिया और कहा कि 2 अप्रैल 2025 अमेरिक उद्योग के लिए पुनर्जन्म होगा. अमेरिका में सभी आयातित सामानों पर 10% बेसलाइन टैरिफ लगाया जाएगा, जिसका सीधा असर 180 से ज़्यादा देशों पर पड़ेगा. चीन जैसे देशों पर 34 प्रतिशत टैरिफ, यूरोपीय संघ पर 20 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया पर 25 प्रतिशत, वियतनाम पर 46 प्रतिशत, ताइवान पर 32 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया.

ट्रंप के मुताबिक, उनकी तरफ से लगाए गए इस टैरिफ से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि उनके इस कदम से अमेरिकी सरकार के पास सैकड़ों अरब नए रिवेन्यू आएंगे और वैश्विक व्यापार में समानता आएगी. 

आइए देखते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से किन देशों पर कितना रेसिप्रोकल टैरिफ लगाया गया:

चीन पर 34%, यूरोपीय यूनियन: 20%, दक्षिण कोरिया : 25%, इंडिया : 26%, वियतनाम : 46%, ताइवान : 32%, जापान : 24%, थाइलैंड : 36%, स्विट्जरलैंड : 31%, इंडोनेशिया : 32%, मलेशिया : 24%, कंबोडिया : 49%, यूनाइटेड किंगडम : 10%, साउथ अफ्रीका : 30%, ब्राजील : 10%, बांग्लादेश : 37%, सिंगापुर : 10%. इजरायल: 17%. फिलिपिंस : 17%, चिले : 10%, ऑस्ट्रेलिया : 10%, पाकिस्तान : 29%, तुर्की : 10%, श्रीलंका : 44%, कोलंबिया : 10% टैरिफ लगाया गया है.

व्हाइट हाउस से अपने संबोधन में ट्रंप ने कहा- मेरे अमेरिकन साथियों, ये मुक्ति दिवस है जिसका लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था. 2 अप्रैल 2025 को अमेरिकी उद्योग के पुनर्जन्म के लिए दोबारा याद किया जाता रहेगा, जिसके बाद फिर अमेरिका संपन्न मुहिम शुरू किया गया.  ट्रंप ने आगे कहा कि करदाताओं ने करीब 50 वर्षों से भी लंबे समय से ठगा जा रहा था. लेकिन अब ये आगे नहीं होने जा रहा है. ट्रंप की अगुवाई में बोर्ड ने भारत पर 52% अमेरिकी टैरिफ लगाने का निर्णय किया था और डास्काउंटेड रेसिप्रोकल टैरिफ 26% लगाया जाएगा.

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Lehlah को मिली करोड़ों की Funding, आखिर ये Startups क्या कर रहा है? | Paisa Live

Lehlah ने हाल ही में 12.5 करोड़ रुपये की फंडिंग जुटाई है, जिसका नेतृत्व Gruhas ने किया, जो Zerodha के Nikhil Kamath और Puzzolana Group के अभिजीत पई की Investment Firm है। यह Startup एक Commission-Based Model पर काम करता है, जहां Influencers, Products बेचकर कमाई कर सकते हैं। Lehlah ने 100 करोड़ रुपये के GMV Monthly Run Rate को पार कर लिया है और सालाना GMV 1200 करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है। Myntra, Meesho, Flipkart और Nykaa जैसे ब्रांड्स के साथ इसकी Partnership है। Lehlah Influencer Commerce को नए स्तर पर ले जा रहा है और Market में एक Game-Changer साबित हो सकता है!

 
 
 
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डोनाल्ड ट्रंप को मिलेगा करारा जवाब! रेसिप्रोकल टैरिफ के खिलाफ ‘हिन्दी-चीनी भाई-भाई’

दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव के बीच चीन ने भारत की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है. चीन ने भारत से अधिक सामान खरीदने और व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने की इच्छा जताई है. बीजिंग में भारत के लिए चीन के राजदूत शू फेइहोंग ने कहा कि भारत और चीन को व्यापार के नए अवसरों की तलाश करनी चाहिए और भारतीय उद्यमों को चीनी बाजार में अपनी जगह बनानी चाहिए.

चीन ने क्या कहा?

शू फेइहोंग ने ग्लोबल टाइम्स से बातचीत में कहा, “हम भारत के साथ व्यापारिक और आर्थिक सहयोग को मजबूत करने के लिए तैयार हैं और चीनी बाजार के लिए उपयुक्त भारतीय उत्पादों का अधिकाधिक आयात करना चाहते हैं.” उन्होंने भारतीय कंपनियों को चीन में व्यापार के अवसर तलाशने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि वे हिमालय पार करके चीन के विकास में भागीदार बन सकते हैं.

क्या भारत देगा चीन को कारोबारी सहूलियतें?

चीन ने भारत से यह भी उम्मीद जताई है कि वह चीनी कंपनियों के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी कारोबारी माहौल तैयार करेगा. दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों को और विस्तार देने की बात कही जा रही है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को एक संदेश भेजकर दोनों देशों को और करीब लाने पर जोर दिया है. यह संदेश भारत-चीन कूटनीतिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर दिया गया.

सीमा विवाद के बाद रिश्तों में बदलाव

भारत और चीन 2020 में गलवान घाटी में हुए संघर्ष के बाद से अपने संबंध सुधारने की कोशिश कर रहे हैं. उस झड़प के बाद भारत ने कई चीनी निवेशों पर प्रतिबंध लगा दिया था, जो अब तक जारी हैं. हालांकि, हाल ही में दोनों देशों ने आपसी गश्त पर एक समझौता किया और जनवरी 2024 में सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने का फैसला लिया.

अमेरिका के टैरिफ का असर

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जल्द ही रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने वाले हैं, जिससे वैश्विक व्यापार प्रणाली प्रभावित हो सकती है. ट्रंप का कहना है कि वह अमेरिकी उद्योगों को गोल्डेन एरा में ले जाना चाहते हैं और अमेरिका के साथ होने वाले व्यापारिक शोषण को रोकना चाहते हैं.

ट्रंप पहले ही भारत को “टैरिफ किंग” और “टैरिफ अब्यूसर” कह चुके हैं. हालांकि, भारत उन कुछ देशों में से एक है जो अमेरिका के साथ व्यापारिक टकराव को हल करने और टैरिफ समझौते पर बातचीत करने की कोशिश कर रहा है.

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वक्फ बोर्ड का भी होता है CEO, सिर्फ इन लोगों की होती है नियुक्ति, मिलती है इतनी सैलरी

लोकसभा में बुधवार को वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 पेश किया गया. इस विधेयक में वक्फ बोर्ड के प्रबंधन और पारदर्शिता को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. सरकार इस विधेयक को लेकर गंभीर है और बीजेपी ने अपने सभी सांसदों को समर्थन में वोट करने का निर्देश दिया है. वहीं, विपक्ष ने इस विधेयक का कड़ा विरोध किया है. इस बीच, वक्फ बोर्ड के सीईओ की भूमिका पर चर्चा तेज हो गई है. आइए जानते हैं कि वक्फ बोर्ड के सीईओ कौन होते हैं, उनकी क्या जिम्मेदारियां होती हैं और उन्हें कितनी सैलरी मिलती है.

वक्फ बोर्ड के सीईओ कौन होते हैं?

वक्फ बोर्ड के सीईओ एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी होते हैं, जो राज्य वक्फ बोर्ड के कामकाज और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालते हैं. वक्फ अधिनियम, 1995 के अनुसार, राज्य सरकार वक्फ बोर्ड के सीईओ की नियुक्ति करती है. इस पद पर आमतौर पर आईएएस, आरएएस, पीसीएस या वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों को नियुक्त किया जाता है.

सीईओ की जिम्मेदारियां

वक्फ बोर्ड के सीईओ की मुख्य जिम्मेदारी राज्य में वक्फ संपत्तियों का सही तरीके से उपयोग और सुरक्षा सुनिश्चित करना होता है. वे कानूनी मामलों की निगरानी करते हैं और किसी भी गड़बड़ी पर आवश्यक कार्रवाई करते हैं. इसके अलावा, वे बोर्ड के कर्मचारियों की नियुक्ति और उनके कार्यों की समीक्षा करते हैं.

सीईओ की अन्य जिम्मेदारियां इस प्रकार हैं-

वक्फ की आय, खर्च और संपत्तियों का प्रबंधन.

राज्य और केंद्र सरकार के बीच समन्वय स्थापित करना.

वक्फ संपत्तियों के विकास से जुड़ी सरकारी योजनाओं को लागू करना.

वक्फ से जुड़े कानूनी मामलों का प्रबंधन और आवश्यक निर्णय लेना.

सीईओ को कितनी सैलरी मिलती है?

रिपोर्ट्स के मुताबिक, वक्फ बोर्ड के सीईओ पद पर आमतौर पर आईएएस या पीसीएस अधिकारियों को अतिरिक्त जिम्मेदारी के रूप में नियुक्त किया जाता है. इसलिए उन्हें इस पद के लिए अलग से सैलरी नहीं दी जाती है, बल्कि वे अपने मूल वेतन पर ही काम करते हैं.

विधेयक में क्या बदलाव किए गए हैं?

वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 में कई महत्वपूर्ण बदलाव प्रस्तावित किए गए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

गैर-मुस्लिम सदस्य: राज्य वक्फ बोर्ड और केंद्रीय वक्फ परिषद में अब दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल किया जाएगा.

महिला प्रतिनिधित्व: बोर्ड में अब दो मुस्लिम महिलाओं की नियुक्ति अनिवार्य होगी.

पारदर्शिता और जवाबदेही: विधेयक का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है.

विपक्ष का विरोध

इस विधेयक को लेकर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि सरकार वक्फ बोर्ड के मामलों में गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करके इसके मूल उद्देश्य को कमजोर कर रही है. हालांकि, सरकार का तर्क है कि यह बदलाव पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देंगे.

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टैरिफ डर के बीच ग्रीन जोन में शेयर बाजार, 200 अंक चढ़ा सेंसेक्स, निफ्टी 23200 के पार

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की तरफ से 2 अप्रैल को टैरिफ लगाने का आदेश आज से प्रभावी होने जा रहा है. कई महीने से चली रही कयासबाजी और बातचीत के बाद ट्रंप सरकार आज से रेसिप्रोकल टैरिफ लागू करने जा रहा है. व्हाइट हाउस ने पुष्टि कर दी है. दूसरी तरफ घरेलू शेयर बाजार में बुधवार 2 अप्रैल को सेंसेक्स 150 अंक ऊपर चढ़ा है. जबकि निफ्टी 23,200 के ऊपर खुला है.

शेयर बाजार में निवेशकों की चिंताएं काफी बढ़ी हुई हैं. एक दिन पहले मंगलवार की बात करें तो बीएसई सेंसेक्स 76024.51 पर बंद हुआ था. जबकि निफ्टी 1.50% की गिरावट के साथ 23,165.70 पर बंद हुआ.

एक दिन पहले, दूरसंचार कंपनी वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (वीआईएल) का शेयर मंगलवार को 19 प्रतिशत से अधिक चढ़ गया.  उसके शेयर में यह उछाल सरकार द्वारा स्पेक्ट्रम नीलामी बकाया के बदले कंपनी के 36,950 करोड़ रुपये के शेयर खरीदने के फैसले के बाद आया है. इसके बाद सरकार की हिस्सेदारी दोगुनी से अधिक होकर 48.99 प्रतिशत हो जाएगी.

बीएसई पर कंपनी का शेयर 18.94 प्रतिशत बढ़कर 8.10 रुपये पर बंद हुआ. दिन के दौरान यह 25.84 प्रतिशत बढ़कर 8.57 रुपये पर पहुंच गया था।एनएसई पर कंपनी का शेयर 19.11 प्रतिशत बढ़कर 8.10 रुपये पर बंद हुए। कारोबार के दौरान कंपनी का शेयर 25.88 प्रतिशत बढ़कर 8.56 रुपये पर पहुंच गया था. कंपनी का बाजार मूल्यांकन 9,209.71 करोड़ रुपये बढ़कर 57,828.36 करोड़ रुपये हो गया है.

मात्रा के लिहाज से, बीएसई पर कंपनी के 3,521.06 लाख शेयरों और एनएसई पर 23,006.70 लाख शेयरों का कारोबार हुआ. सरकार पहले से ही कर्ज में डूबी वोडाफोन आइडिया में 22.6 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ी शेयरधारक है और इस नए कदम से इसकी कुल हिस्सेदारी कंपनी की प्रवर्तक फर्मों – वोडाफोन और आदित्य बिड़ला समूह की संयुक्त हिस्सेदारी से अधिक हो जाएगी.

वर्तमान में वीआईएल के दो प्रवर्तकों के पास कंपनी में क्रमशः 14.76 प्रतिशत और 22.56 प्रतिशत हिस्सेदारी है. कंपनी ने सोमवार को शेयर बाजार को दी सूचना में कहा, “संचार मंत्रालय ने दूरसंचार क्षेत्र के लिए सितंबर, 2021 के सुधार और सहायता पैकेज के अनुरूप, बकाया स्पेक्ट्रम नीलामी बकाया को भारत सरकार को जारी किए जाने वाले इक्विटी शेयरों में बदलने का फैसला किया है. इक्विटी शेयरों में परिवर्तित की जाने वाली कुल राशि 36,950 करोड़ रुपये है.” 

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Gold Price Today: आज फिर चढ़ा सोने का भाव, चांदी ने भी लगाई छलांग, जानें अपने शहर के नए रेट्स

अमेरिकी टैरिफ का सीधा असर बाजारों का पड़ता हुआ दिख रहा है. सोने की कीमत में एक दिन देखे गए भारी उछाल के बाद दूसरे दिन बुधवार भी सोने की शुरुआत कीमत में तेजी दिखी. वहीं, चांदी में भी शुरुआती उछाल देखने को मिल रहा है. सोने के वायदा भाव 91,200 रुपये प्रति ग्राम के हिसाब से करीब कारोबार कर रहे थे, जबकि चांदी के भाव 99,900 रुपये के करीब कारोबार कर रहे थे. इंटरनेशनल मार्केट में सोने-चांदी के वायदा भाव में तेजी देखी जा रही है. Comex पर सोना 3,147.50 डॉलर प्रति औंस के भाव पर खुला है. 

जबकि,  बुधवार को सुबह साढ़े नौ बजे के आंकड़ों के मुताबिक, 24 कैरेट सोना प्रति 10 ग्राम 89 हजार 340 रुपये बिक रहा है. जबकि, चांदी की कीमत प्रति किलो 1,00,160 बिक रही है. अब आइये जानते हैं कि आपके शहर में किस रेट से गोल्ड बिक रहा है:-

दिल्ली-
सोना- 89,030/ प्रति 10 ग्राम
चांदी- 99,830/ प्रति किलो

मुंबई-
सोना- 89,180/ प्रति 10 ग्राम
चांदी- 1,00,000/प्रति किलो

हैदराबाद
सोना- 89,320/प्रति 10 ग्राम
चांदी- 1,00,180/ प्रति किलो

चेन्नई
सोना- 89,440 प्रति 10 ग्राम
चांदी- 1,00,320 प्रति किलो

कोलकाता
सोना- 89,060 प्रति 10 ग्राम
चांदी- 99,890 प्रति किलो

बेंगलुरू
सोना- 89,250 प्रति 10 ग्राम
चांदी- 1,00,100 प्रति किलो

गौरतलब है किशुक्रवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 92,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। विश्लेषकों ने कहा कि शेयर बाजारों में गिरावट के बीच वैकल्पिक निवेश की मजबूत मांग के कारण विदेशी बाजारों में सोने में तेजी के कारण कारोबारी धारणा मजबूत रही. लगातार चौथे दिन मजबूती के साथ 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना भी 2,000 रुपये की तेजी के साथ 93,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जो इसका अबतक का सर्वकालिक उच्चस्तर रहा.

इससे पहले सोने का भाव 91,700 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था. सोने की कीमत में एक दिन में सबसे अधिक उछाल 10 फरवरी को दर्ज किया गया था, जब इसमें 2,400 रुपये प्रति 10 ग्राम की तेजी आई थी। इस साल अबतक सोने की कीमत एक जनवरी के 79,390 रुपये प्रति 10 ग्राम से 14,760 रुपये या 18.6 प्रतिशत बढ़ चुकी है. 

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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Gold Price: अब तक की सबसे ऊंची कीमत पर पहुंचा सोना, अब गहना बनवाने के लिए बेचनी पड़ेगी जमीन!

Gold Price: भारत में शादियों का सीजन शुरू होने से पहले ही सोने के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. 1 अप्रैल को MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर सोने की कीमतें अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं. जून 2025 के कॉन्ट्रैक्ट के लिए सोने की कीमत 91,400 रुपये प्रति 10 ग्राम तक जा पहुंच गई है. हालांकि, शाम 5:50 बजे तक यह थोड़ा गिरकर 91,120 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा था.

चांदी थोड़ी सस्ती हुई

सोने की बढ़ती कीमतों के बीच चांदी में हल्की गिरावट देखने को मिली. शाम 7:35 बजे MCX पर चांदी 99,829 रुपये प्रति किलो पर ट्रेड कर रही थी, जो पिछले बंद स्तर 1,00,065 प्रति किलो से 0.24 फीसदी कम थी.

लगातार क्यों बढ़ रहे हैं सोने के दाम

अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी सोने ने नया रिकॉर्ड बनाया. AP की रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार सुबह गोल्ड की कीमत 3,175 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गई, जो इस साल की शुरुआत में 2,700 डॉलर प्रति औंस थी. इसके पीछे अमेरिकी निवेशकों का इक्विटी बाजार से पैसा निकालकर सुरक्षित निवेश जैसे सोना और सरकारी बॉन्ड में डालना एक बड़ी वजह मानी जा रही है. इसके अलावा, अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी की अनिश्चितता, कमजोर अमेरिकी डॉलर, रूस-यूक्रेन युद्ध और मध्य पूर्व में बढ़ता तनाव भी सोने की कीमतें बढ़ा रहा है.

क्या और बढ़ेंगे सोने के दाम?

एक्सपर्ट्स का मानना है कि आने वाले हफ्ते में सोने की कीमतों में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा. दरअसल, अमेरिका के नए टैरिफ पॉलिसी को लेकर अनिश्चितता के चलते सोने की कीमतें और ऊपर जा सकती हैं.

अगर 2 अप्रैल को घोषित किए जाने वाले अमेरिकी टैरिफ उम्मीद से कम हुए, तो मुनाफा वसूली देखने को मिल सकती है. आपको बता दें, MCX पर सोना 2025 में अब तक 18 फीसदी चढ़ चुका है और इस हफ्ते 88,500 से 92,500 के दायरे में ट्रेड कर सकता है.

क्या अभी सोने में निवेश करना सही?

एक्सपर्ट्स मानते हैं कि दुनियाभर में बढ़ती महंगाई और अमेरिका की संभावित नीतियों के चलते सोने की कीमतें अभी और ऊपर जा सकती हैं. ऐसे में निवेशकों को किसी भी फैसले से पहले बाज़ार पर नज़र बनाए रखनी चाहिए.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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LPG सस्ती, टोल महंगा… UPI से लेकर इनकम टैक्स तक आज से सबकुछ बदल गया, ये हैं 15 बड़े बदलाव

एक अप्रैल 2025 से नया वित्तीय वर्ष शुरू होते ही कई सारे बदलाव हो गए हैं, जिसका आपके जीवन पर सीधा असर होगा. वो चाहे बात सिलेंडर के दाम में कमी की हो या फिर बैंकिंग सिस्टम में बदलाव और पेंशन स्कीम की. ऐसे में आइये जानते हैं कि वो क्या 10 बड़े बदलाव हैं, जो नए वित्त वर्ष के पहले दिन से लागू हो गए और आपकी जेब पर उसका क्या प्रभाव पड़ने जा रहा है:

1-गैस सिलेंडर सस्ता:

दिल्ली से लेकर मुंबई और चेन्नई तक गैस सिलेंडर की कीमतें कम हुई. कॉमर्शिल गैस सिलेंडर में 40 रुपये तक कमी का एलान किया गया है. जबकि, घरेलू गैस सिलेंडर पर किसी तरह का बदलाव नहीं हुआ है. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमत अब 1762 रुपये हो गए और इसमें 41 रुपये की कमी की गई है. जबकि कोलकाता में 44 रुपये 50 पैसे कम होने के बाद कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की नई कीमत 1868.50 रुपये हो गई है. जबकि, देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में 42 रुपये की कटौती की गई है, जिसके बाद अब ये 1713 रुपये 50 पैसे का हो गया है. तो वहीं अगर चेन्नई की बात करें तो वहीं पर 43 रुपये 50 पैसे की कमी के बाद सिलेंडर की नई कीमत 1921 रुपये 50 पैसे हो गई है

2- 12 लाख तक आय करमुक्त

नए वित्त वर्ष में अब 12 लाख रुपये तक की कमाई पर आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा. केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए पेश बजट में वेतनभोगियों और मध्यमवर्ग को बड़ी राहत दी थी. यानी अब 12 लाख 75 हजार रुपये की आय करमुक्त होगी. 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा.

3-UPS में बदलाव

एक अप्रैल से यूनिफाइड पेंशन स्कीम ने पुरानी पेंशन स्कीम की जगह ले ली, जो 2024 के अगस्त में सरकार की तरफ से शुरू की गई. यूपीएस से करीब 23 लाख केन्द्रीय सरकारी कर्मचारियों पर असर होगा. 

4-क्रेडिट कार्ड नियम में बदलाव

नए वित्त वर्ष पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक और आईडीएफसी ने अपने क्रेडिट कार्ड के नियमों में बदलाव का एलान किया है. नए नियम के तहत रिवॉर्ड प्वाइंट्स, फीस और अन्य बदलाव किए गए हैं, साथ ही पहले मिलने वाले कैशबैक और ऑफर्स में कटौती हुई है.

5-जेट ईंधन सस्ता

हवाई यात्रा नए वित्त वर्ष में सस्ता होने की उम्मीद है. ऑयल कंपनियों ने हवाई जहाज में इस्तेमाल होने वाले ईंधन की कीमतों में कमी है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में जेल ईंधन की कीमत जहां 90 हजार रुपये प्रति लीटर से कम हो गए, वहीं मुंबई में इसकी नई कीमत 84 हजार रुपये प्रति किलोलीटर से कम हुई है. हालांकि, चेन्नई और कोलकाता में एटीएफ के दाम अब भी 90 हजार किलोलीटर से ज्यादा बने हैं.

6-बैंक मिनिमम बैलेंस 

मिनिमम बैंलेंस की न्यूनत राशि को सभी सरकारी बैंक जैसे- एसबीआई, केनरा और पीएनबी ने बढ़ाने का एलान किया है. हालांकि, ये न्यूनतम बैलेंस अर्बन, सेमी अर्बन और ग्रामीण इलाकों के आधार पर तय हुई है. अगर कोई खाताधारक उस न्यूनतम बैलेंस से महीने में कम रखता है तो उस पर पेनाल्टी लगेगी.

7- महंगी होगी गाड़ियां

आज से गाड़ियां भी महंगी होने जा रही है. एक तरफ जहां बीएमडब्ल्यू से लेकर मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स और किया ने गाड़ियों की कीमत बढ़ाने का ऐलान किया है तो वहीं दूसरी तरफ महिन्द्रा एंड महिन्द्रा और एसयूवी ने भी इसकी कीमत बढ़ा दी है.

8- UPI नियम में चेंज

बढ़ते डिजिटल ट्रांजेक्शन और उसमें यूपीआई की भूमिका को देखते हुए नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने इसकी सुरक्षा को लेकर कई नियम जारी किए. इसे एक अप्रैल से लागू कर दिया गया है, जिसके बाद फोन पे, गूगल पे के यूपीए से जुड़े बंद पड़े मोबाइल नंबरों को धीरे-धीरे हटाने का निर्देश दिए गए हैं.

9- महंगा हुआ टोल

आज ने नेशनल हाईवे अथॉोरिटी ऑफ इंडिया ने टोल टैक्स महंगा कर दिया है. यानी अब पहले से ज्यादा पैसा टोल पर देना होगा. एनएचएआई ने देश के अलग-अलग टोल और नेशनल हाइवे पर अलग-अलग चार्ज को मंजूर दी है, जो लागू हो चुका है. 

10-फिजिकल स्ंटाप पेपर बंद

उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल से 10 हजार से लेकर 25 हजार रुपये के फिजिकल स्टांप पेपर को बंद कर दिया गया. डिजिटल को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किए गए सरकार के इस कदम ने न सिर्फ ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी बल्कि ई-स्टांपिंग से लोगों को काफी सहूलियत होगी.

11- जीएसटी रुल्स में बदलाव

जीएसटी यानी गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नियमों में भी कुछ अहम बदलाव एक अप्रैल से होने जा रहा है. 180 दिनों से ज्यादा पुराने आधार दस्तावेज पर ई-वे बिल नहीं बनाए जाएंगे. साथ ही, जीएसटी पोर्टल पर मल्टी फैक्टर ऑथेंटिकेशन होगा.

12-डिजिलॉकर में बदलाव

डिजिलॉकर में भी कुछ बदलाव किए गए हैं, जिसके बाद अब निवेशक डिमैट एकाउंट होल्टिंग स्टेटमेंट और कंसोलिडेटिड एकाउंट स्टेटमेंक को डिजिलॉक में रख पाएंगे. ऐसे करने के सेबी का मकसद डॉक्यूमेंट्स खोने या भूलने से बचाने के साथ निवेश प्रबंधन को आसान बनाना है.

13- होम लोन रुल्स में बदलाव

आज से होम लोन के नियम भी अब बदल गए हैं. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से प्रायरिटीज सेक्टर लेंडिंग में नया नियम लागू किया, जो 2020 के पुराने नियमों को रिप्लेस करेगा.

14- म्यूचुअल फंड रुल में बदलाव

आज से आपको म्यूचुअल फंड के नियम में भी बदलाव दिखेगा. सेबी के नए नियम के मुताबिक, नए फंड ऑफर के जरिए जुटाए गए फंड को 30 कारोबारी दिनों के भीतर ही निवेश करना होगा.

15-FASTag  महाराष्ट्र में कंपल्सरी

अब आर्थिक राजधानी मुंबई में फास्टटैग को अनिवार्य कर दिया गया है. किसी गाड़ी पर फास्टटैग नहीं होगा तो ड्राईवर या फिर गाड़ी मालिक को दोगुने कैश देना होगा. डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसे लागू किया गया है. हालांकि, देश के कई हिस्से में इसे पहले ही लागू कर दिया गया था.

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ट्रंप के टैरिफ का खौफ: खुलते ही क्रैश हुआ शेयर मार्केट, सेंसेक्स 500 अंक फिसला; निफ्टी का भी हाल बेहाल

Share Market Today: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 2 अप्रैल से सभी देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहे हैं. इसे लेकर शेयर बाजार में हलचल है. निवेशक भी घबराए हुए हैं. इसके चलते ग्लोबल लेवल पर मार्केट में उतार-चढ़ाव का रूख जारी है. आलम यह है कि आज बीएसई सेंसेक्स 532 अंकों की भारी गिरावट के साथ 76882 के लेवल पर खुला. वहीं, एनएसई का निफ्टी 50 इंडेक्स भी 178 अंकों की गिरावट के साथ 23341 अंकों पर खुला. 

कुछ ऐसा है ग्लोबल मार्केट का हाल

ग्लोबल मार्केट से मिल रहे संकेतों के आधार पर यह कहा जा सकता है कि आज मंगलवार को घरेलू शेयर मार्केट हाल बेहाल रह सकता है क्योंकि भले ही एशियाई बाजारों में तेजी देखने को मिल रही है, लेकिन यूएस स्टॉक मार्केट में मिलाजुला कारोबार देखने को मिला.

अमेरिकी डॉलर इंडेक्स 104 के पार फिलहाल 104.1460 पर है. जबकि  अमेरिका के 10 साल वाले सरकारी बॉन्ड की यील्ड हल्की सुस्ती के साथ 4.21 फीसदी पर आ गई है. एक तरफ कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट आई है, जबकि सोने की कीमतें बढ़ती जा रही हैं. 

एशियाई बाजारों का हाल

मंगलवार को एशियाई बाजारों में कारोबार की शुरुआत बढ़त के साथ हुई. जापान का निक्केई इंडेक्स पिछले सेशन में अपने आठ महीने के सबसे निचले स्तर से रिकवरी करते हुए 1 फीसदी तक की बढ़त हासिल की, वहीं टॉपिक्स इंडेक्स 1.34 परसेंट तक चढ़ा. हालांकि, GIFT निफ्टी में कारोबार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई, जो करीब 200 अंक फिसलकर 23,450 के नीचे ट्रेड कर रहा है.

चीन के शंघाई कम्पोजिट में भी हल्की बढ़त देखने को मिली. हॉन्ग कॉन्ग का बाजार हैंग सेंग भले ही सोमवार को 1.3 फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ, लेकिन मंगलवार को सुबह इसमें करीब 1 परसेंट तक की देखी गई. कोरिया का बाजार कोस्पी 1.4 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार कर रहा है. 

सोना-चांदी और कच्चा तेल

ट्रंप के टैरिफ के खौफ के बीच सोने और चांदी कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. सोने की हाजिर कीमत 3,134.04 डॉलर प्रति औंस  तक आ गई है. अमेरिकी सोना वायदा 0.3 फीसदी की वृद्धि के साथ 3,160.00 डॉलर पर पहुंच गया. वहीं ट्रेड वॉर की आशंकाओं के बीच कच्चे तेल की कीमत में गिरावट आई है. ब्रेंट क्रूड 0.1 फीसदी की गिरावट के साथ 74.90 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं,  यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड 71.37 डॉलर पर आ गया है. 

इन्हें हुआ फायदा, नुकसान में ये

आज के कारोबार में आज के कारोबार में निफ्टी पर बैंक, आटो, फाइनेंशियल, आईटी, मेटल, फार्मा और रियल्टी इंडेक्स लाल निशान में हैं, जबकि एफएमसीजी इंडेक्स हरे निशान में ट्रेड कर रहे हैं. अब तक के ट्रेडिंग सेशन में ITC, POWERGRID, NESTLEIND, ZOMATO के शेयर फायदे में हैं, जबकि  INFY, HCLTECH, HDFCBANK, TECHM, BAJFINANCE के शेयरों में गिरावट देखने को मिल रही है. 

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मरीजों के लिए बुरी खबर लेकर आ रहा है अप्रैल, 1 तारीख से महंगी हो जाएंगी 900 दवाइयां

अगर आप ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, हार्ट डिजीज, इंफेक्शन जैसी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली जरूरी दवाइयां लेते हैं, तो यह खबर आपके लिए है. 31 मार्च तक आप जिन दवाइयों के लिए कम पैसा खर्च कर रहे थे, उनके लिए आज रात के 12 बजे के बाद से ही यानी 1 अप्रैल 2025 से ही ज्यादा पैसे चुकाने होंगे. सबसे बड़ी बात की इस फैसले से 900 से ज्यादा जरूरी दवाइयों की कीमतों में 1.74 फीसदी की बढ़ोतरी होने जा रही है.

क्यों महंगी हो रही हैं दवाइयां

सरकार की राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) हर साल जरूरी दवाओं के दाम Wholesale Pricing Index (WPI) के आधार पर तय करता है. 2024 के लिए WPI में 1.74 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है, जिससे कंपनियों को बिना सरकारी मंजूरी के दाम बढ़ाने की अनुमति मिल गई है. NPPA के अनुसार, “कैलेंडर वर्ष 2024 में WPI 1.74 फीसदी बढ़ा है, इसलिए कंपनियां दवाओं की खुदरा कीमतें इसी दर से बढ़ा सकती हैं.”

किन दवाइयों के बढ़ेंगे दाम?

एंटीबायोटिक्स

Azithromycin (250 mg) – 11.87 रुपये प्रति टैबलेट

Azithromycin (500 mg) – 23.98 रुपये प्रति टैबलेट

Amoxicillin + Clavulanic Acid Dry Syrup – 2.09 रुपये प्रति ml

एंटीवायरल दवाइयां

Acyclovir (200 mg) – 7.74 रुपये प्रति टैबलेट

Acyclovir (400 mg) – 13.90 रुपये प्रति टैबलेट

मलेरिया की दवा

Hydroxychloroquine (200 mg) – 6.47 रुपये प्रति टैबलेट

Hydroxychloroquine (400 mg) – 14.04 रुपे प्रति टैबलेट

पेनकिलर दवाइयां

Diclofenac – 2.09 रुपये प्रति टैबलेट

Ibuprofen (200 mg) – 0.72 रुपये प्रति टैबलेट

Ibuprofen (400 mg) – 1.22 रुपये प्रति टैबलेट

डायबिटीज की दवा

Dapagliflozin + Metformin Hydrochloride + Glimepiride – 12.74 रुपये प्रति टैबलेट

स्टेंट की कीमतें भी बढ़ेंगी

1 अप्रैल से कोरोनरी स्टेंट की कीमतें भी WPI के आधार पर बढ़ाई जाएंगी.

Bare-metal stent – 10,692.69 रुपये

Drug-eluting stent – 38,933.14 रुपये

आम आदमी की जेब पर होगा असर

जरूरी दवाइयों की कीमत बढ़ने से आम जनता की जेब पर असर पड़ेगा. खासकर उन लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं, जो पहले से ही महंगाई और स्वास्थ्य खर्चों का सामना कर रहे हैं. हालांकि, सरकार का कहना है कि यह मूल्य वृद्धि आवश्यक थी, ताकि दवा कंपनियां लागत बढ़ने के कारण उत्पादन जारी रख सकें. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में आम लोगों को इस बढ़ोतरी का कितना असर झेलना पड़ेगा.

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आदित्य बिड़ला ग्रुप ने ITC से की बड़ी डील, 3498 करोड़ रुपये में बेचा पल्प एंड पेपर बिजनेस

आदित्य बिड़ला ग्रुप से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है. दरअसल, इस कंपनी की रियल एस्टेट शाखा, आदित्य बिड़ला रियल एस्टेट लिमिटेड (ABREL) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए ITC को अपने पल्प और पेपर बिज़नेस को 3,498 करोड़ रुपये में बेचने की मंजूरी दे दी है.

कंपनी के मुताबिक, यह सौदा Century Pulp and Paper (CPP) को ITC को सौंपने के लिए किया गया है, जिससे शेयरधारकों को अधिक मूल्य प्राप्त हो सके और कंपनी अपने रियल एस्टेट कारोबार पर पूरा ध्यान केंद्रित कर सके.

ABREL ने क्या कहा

ABREL के मैनेजिंग डायरेक्टर आर. के. डालमिया ने कहा, “हम कंपनी के ट्रांसफॉर्मेशन के दौर में हैं और यह निर्णय हमें हमारे रियल एस्टेट बिज़नेस को आगे बढ़ाने में मदद करेगा.” उन्होंने आगे बताया कि CPP की गिनती हमेशा बेहतरीन प्रदर्शन और उच्च स्थिरता मानकों वाली कंपनियों में रही है. अब इसे ITC जैसे मजबूत खिलाड़ी के हाथों में सौंपकर हम इसे अगले स्तर पर ले जाना चाहते हैं.

ITC की रणनीति

ITC ने इस सौदे को अपनी ग्रोथ स्ट्रेटेजी का अहम हिस्सा बताया. कंपनी ने कहा कि इससे पेपरबोर्ड और स्पेशलिटी पेपर्स कारोबार को नई गति मिलेगी और एक नए लोकेशन पर इसकी क्षमता बढ़ाने का मौका मिलेगा.

कैसा रहा ABREL का परफॉर्मेंस?

वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में पल्प और पेपर कारोबार ने 2,382.50 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया, जो पिछले साल की तुलना में 5.34 फीसदी कम है. वहीं, कंपनी का रियल एस्टेट कारोबार तेजी से बढ़ा है. वित्त वर्ष 2025 के पहले नौ महीनों में इसका राजस्व 777.71 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल के मुकाबले पांच गुना ज्यादा है. वहीं, वित्त वर्ष 2024 में यह बढ़कर 832.21 करोड़ रुपये हो गया, जो सालाना आधार पर छह गुना वृद्धि है.

रियल एस्टेट में बिड़ला ग्रुप का विस्तार

ABREL मुंबई, बेंगलुरु, नेशनल कैपिटल रीजन (NCR) और पुणे जैसे प्रमुख शहरों में प्रीमियम आवासीय परियोजनाओं पर काम कर रही है. ग्रुप की सहायक कंपनी बिड़ला एस्टेट्स ने हाल ही में गुरुग्राम में Birla Arika परियोजना के तहत 3,000 करोड़ रुपये के घर बेचे हैं. कंपनी ने पुणे में भी अपना पहला प्रोजेक्ट लॉन्च किया है, जिसका अनुमानित राजस्व 2,700 करोड़ रुपये है.

क्या होगा आगे?

इस सौदे के तहत 14,980 करोड़ रुपये के चल रहे आवासीय प्रोजेक्ट्स और 48,367 करोड़ रुपये के आगामी प्रोजेक्ट्स पर काम जारी रहेगा. यह ट्रांजैक्शन अगले छह महीनों में पूरा होने की उम्मीद है, जिसमें CCI (Competition Commission of India) और अन्य वैधानिक मंजूरियां आवश्यक होंगी.

सौदे में किसने निभाई अहम भूमिका?

इस डील में JM Financial Limited ने एक्सक्लूसिव फाइनेंशियल एडवाइजर की भूमिका निभाई, जबकि AZB & Partners ने लीगल एडवाइजर के रूप में सहयोग किया.

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Yes Bank को आयकर विभाग का 2209 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस, बैंक ने दिया ये जवाब

यस बैंक ने शनिवार को कहा कि उसे एसेसमेंट ईयर 2019-20 का 2209 करोड़ रुपये के टैक्स का नोटिस मिला है. बैंक की तरफ से जारी एक आधिकारिक बयान में बताया गया कि उसे आयकर विभाग से धारा 156 के तहत ये नोटिस मिला है और इसमें टैक्स देनदारी की मांग की गई है.

यस बैंक का कहना है कि वे आयकर विभाग के इस नोटिस के खिलाफ उचित कानूनी कदम उठाएंगे. बैंक ने आगे कहा कि इस टैक्स नोटिस का विश्लेषण कर रहे हैं और कानूनी और नियामक आवश्यकताओं के अनुसार उचित कदम उठाने के लिए परामर्श कर रहा है.  

यस बैंक की तरफ से ये कहा  गया है कि इस नोटिस की वजह से उसके फाइेंशियल, ऑपरेशंस या किसी अन्य गतिविधियों पर कोई प्रतिकूल असर की कोई संभावना नहीं है.

बैंक ने कहा कि एसेसमेंट ईयर 2019-20 के लिए इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 144 के अंतर्गत साल 2021 में 30 सितंबर को एक ऑर्डर मिला था. जिसमें पहले दाखिल इनकम टैक्स रिटर्न में क्लेम किए गए रिफंड के अनुरूप बैंक को रिफंड दिया गया था. अप्रैल 2023 में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से इस संबंधित एसेमेंट ईयर को फिर से री-ओपन किया गया था.

बैंक की तरफ से जारी बयान में आगे कहा गया कि आयकर विभाग की फेसलेस यूनिट ने 2025 में 28 मार्च को री-एसेसमेंट ऑर्डर पास किया और इसमें कोई एडिशंस नहीं किए गए. ऐसे में बैंक के पास आयकर विभाग की तरफ से कोई बकाया टैक्स नहीं बचता है.

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Gold and Silver Prices Today: अमेरिकी टैरिफ से हलचल के बीच सर्वोच्च स्तर पर पहुंची सोने कीमत, जानिए क्या है लेटेस्ट रेट

Gold and Silver Prices Today: यूनाइटेड स्टेटस की तरफ से टैरिफ लगाने के एलान के बाद जहां अंतरराष्ट्रीय बाजार में हलचल है तो वहीं सोना की कीमत अब तक के सर्वोच्च स्तर पर है. स्पेस्टेटर इंडेक्स के मुताबिक, 10 ग्राम सोने की कीमत 3,080 डॉलर पहुंच गई है. सोना-चांदी की कीमतों में इन दिनों बढ़त देखने को मिल रही है. इंडियन बुलियन एसोसिएशन (IBA) के मुताबिक, 31 मार्च को सुबह 7.20 बजे तक 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 89,330 रुपये है. जबकि इतने ही ग्राम के 22 कैरेट सोने की कीमत 81,886 रुपये है. पिछले 24 घंटे से सोने की कीमतों में बढ़ोतरी जारी है. 

MCX इंडेक्स पर आज इतनी है सोने-चांदी की कीमत

MCX इंडेक्स पर 10 ग्राम सोने की कीमत 88,850 रुपये है, जो कल के मुकाबले 44 रुपये अधिक है. IBA की वेबसाइट के मुताबिक, 31 मार्च को सुबह 7.20 बजे चांदी की कीमत 1,00,770 रुपये प्रति किलो है. बीते 24 घंटे में चांदी की कीमतों में 999 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है. अगर सिल्वर 900 कॉइन की बात करें, तो 31 मार्च को इनकी कीमत 90,693 रुपये प्रति किलोग्राम है.

वहीं, MCX इंडेक्स पर चांदी की कीमत 23 रुपये बढ़कर 1,00,480 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. आइए अब नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे देश के कुछ बड़े शहरों में सोने-चांदी की आज की कीमत पर एक नजर डालते हैं. 

  • दिल्ली में आज सोने की कीमत 89,010 रुपये प्रति 10 ग्राम है. वहीं चांदी का भाव 100,410 रुपये प्रति किलोग्राम है. 
  • मुंबई में आज 31 मार्च को 10 ग्राम सोने की कीमत 89,160 रुपये है. जबकि चांदी 1,00,590 रुपये प्रति किलो के भाव से बिक रहा है. 
  • चेन्नई में आज 10 ग्राम सोने का भाव 89,420 रुपये है, जबकि चांदी की कीमत 1,00,880 रुपये प्रति किलो है. 
  • हैदराबाद में आज 10 ग्राम सोने की कीमत 89,310 रुपये और 1 किलो चांदी की कीमत 1,00,740 है. 
  • कोलकाता में आज सोने की कीमत प्रति 10 ग्राम 89,050 रुपये है, जबकि 1 किलो चांदी की कीमत 1,00,450 रुपये है. 
  • बेंगलुरु में आज 10 ग्राम सोने की कीमत 89,230 रुपये है और चांदी की कीमत 1,00,660 रुपये प्रति किलोग्राम है. 

क्यों बढ़ रही सोने की कीमत?

महंगाई और आर्थिक अनिश्चतता के इस दौर में लोग सुरक्षित निवेश के तौर पर सोने की जमकर खरीदारी कर रहे हैं. इसके चलते इसकी कीमतें भी बढ़ती ही जा रही हैं. इधर, केंद्रीय बैंक भी जमकर सोना खरीद रहा है, जिससे बाजार में इसकी डिमांड बढ़ रही है और कीमतें आसमान छू रही हैं. अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में भी सोने की कीमत में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिल रही है. 

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