84 साल की महिला ने बेटी को दी किडनी, जानें किस उम्र तक कर सकते हैं अंगदान?

Health

अंगदान यानी ऑर्गन डोनेशन, किसी को जीवन देने का माध्यम. एक मृत इंसान नाै लोगों को नया जीवन दे सकता है. एक रिपोर्ट के अनुसार देश में हर साल 5 लाख लोगों को ऑर्गन ट्रांसप्लांट की जरूरत होती है, जबकि सिर्फ 52 हजार ऑर्गन ही उपलब्ध हो पाते हैं. हाल ही में जयपुर के एक फेसम अस्पताल में 84 साल की महिला ने अपनी 46 वर्षीय बेटी को किडनी डोनेट की. इसके बाद एक सवाल फिर से जेहन में खड़ा हो गया है कि आ​खिर किस उम्र तक ऑर्गन डोनेट किया जा सकता है? और इसको लेकर सरकार की क्या गाइडलाइंस हैं? आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं…

कितनी उम्र तक कर सकते हैं अंगदान?

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि किसी भी अंग को दान करने का फायदा तभी है, जब वह ऑर्गन बिलकुल फिट हो. एक हेल्दी ऑर्गन से ही दूसरे व्यक्ति को नया जीवन दिया जा सकता है. ये इस बात पर निर्भर करता है कि व्यक्ति के ऑर्गन की क्या स्थिति है. अगर किसी 30 साल की उम्र के व्य​क्ति का ऑर्गन बेहतर काम नहीं कर रहा है तो उसे ट्रांसप्लांट के लिए यूज नहीं किया जा सकता, लेकिन अगर 65 साल के व्यक्ति का ऑर्गन हेल्दी है तो वह भी डोनेट किया जा सकता है. पिछले दिनों ऑर्गन डोनेट को लेकर सरकार ने भी नीति में बदलाव कर दिया है. नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन (नोटो) की गाइडलाइंस के मुताबिक 65 साल से अधिक आयु के लोगों के ऑर्गन लेने पर पाबंदी थी, जिसे हटा लिया गया है. सरकार ने इस आयु सीमा को खत्म करने का फैसला लिया. अब ​किसी भी उम्र का व्य​क्ति ऑर्गन लेने के लिए रजिस्ट्रेशन कर सकेगा.

काैन-कौन से ऑर्गन किए जा सकते हैं डोनेट?

मृत व्यक्ति के दिल, फेफड़े, लिवर, किडनी, आंत, पैंक्रियाज दान किए जा सकते हैं. आंख का कॉर्निया, हड्‌डी, त्वचा, नस, मांसपेशियां, लिंगामेंट, कार्टिलेज, हार्ट वॉल्व और टेंडन भी मौत के बाद किसी के काम आ सकते हैं. जिंदा इंसान पूरी किडनी और लिवर का कुछ हिस्सा दान दे सकते हैं. 

कौन लोग नहीं कर सकते ऑर्गन डोनेट?

हार्ट डिजीज या कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में अंगदान नहीं किया जा सकता.
उम्र अ​धिक होने पर अंग सही तरह काम नहीं कर रहा है, तो अंगदान नहीं कर सकता है.
संक्रामक रोग जैसे एचआईवी या हेपेटाइसिस के ​शिकार होने पर भी अंगदान नहीं कर सकते.
मानसिक रूप से बीमार इंसान अंगदान नहीं कर सकते.
अगर कानूनी तौर पर कोई अड़चन है या कानूनी तौर पर कोई योग्य नहीं है तो अंगदान नहीं कर सकते हैं.

मौत के कितनी देर बाद अंगदान?

दिमाग के मृत होने की ​स्थिति यानी ब्रेन डेड होने के बाद शरीर में ऑक्सीजन की कमी  होने लगती है. इसके बिना कोई भी ऑर्गन बाॅडी में फंक्शन नहीं कर सकता है. इसलिए मौत के बाद जितनी जल्दी हो सके, अंगों को दान किया जाता है. शरीर से बाहर निकालने के बाद जरूरी ऑक्सीजन सप्लाई देनी पड़ती है. ताकि वह पहले जैसी स्थिति में रह सकें.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें. 

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