Yoga: सुबह योग करने की सलाह तो हम अक्सर सुनते हैं, लेकिन क्या कभी आपने ये सोचा है कि योग के समय पेट खाली क्यों होना चाहिए? एक्सपर्ट का मानना है कि जब हम खाली पेट योग करते हैं तो इसका असर शरीर और मन दोनों पर गहराई से होता है. इससे न सिर्फ शरीर में ताजगी और फुर्ती आती है, बल्कि मन भी शांत और एकाग्र होता है. कुल मिलाकर योग का असली फायदा तभी मिलता है, जब पेट हल्का और शरीर तैयार हो.
योगा ट्रेनर कविता अरोड़ा बताती हैं कि जब हम भोजन करने के बाद योग करते हैं तो शरीर पर अनचाहा दबाव पड़ता है. खासकर पेट पर ज्यादा खिंचाव आता है, जिससे खाना वापस ऊपर की ओर आ सकता है और अपच, गैस, एसिडिटी या खट्टी डकार जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
भोजन करने के बाद शरीर की अधिकतर ऊर्जा पाचन क्रिया में लगती है. ऐसे में अगर हम योग करना शुरू कर दें तो न तो खाना ठीक से पच पाता है और न ही योग का फायदा मिलता है. उल्टा शरीर थका हुआ और भारी महसूस करने लगता है. इससे योग की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है.
लचीलापन और एकाग्रता में आती है कमी
जब हम खाना खाते हैं, तो शरीर की ऊर्जा पाचन में लग जाती है, जिससे योग करते समय लचीलापन और एकाग्रता में कमी आ सकती है. लेकिन खाली पेट योग करने से पूरी ऊर्जा आसनों और प्राणायाम में लगती है, जिससे रक्त संचार अच्छा होता है और शरीर को भरपूर ऑक्सीजन मिलती है.
वैज्ञानिक भी मानते हैं खाली पेट योग के फायदे
विज्ञान भी इस बात को मानता है कि खाली पेट योग करना ज्यादा फायदेमंद है. खाना खाने के बाद शरीर का रक्त प्रवाह पाचन अंगों की ओर बढ़ जाता है, लेकिन योग करते समय शरीर के अलग-अलग हिस्सों को ऑक्सीजन और ऊर्जा की जरूरत होती है. ऐसे में योग का प्रभाव कम हो जाता है.
कब करें योग? जानिए सही समय
एक्सपर्ट्स का कहना है कि खाना खाने के तुरंत बाद योग नहीं करना चाहिए, लेकिन वज्रासन को छोड़कर. भोजन के बाद 5 से 10 मिनट वज्रासन करना पाचन के लिए फायदेमंद होता है. बाकी योगासनों के लिए कम से कम 3 से साढ़े 3 घंटे का अंतर जरूरी होता है. उदाहरण के लिए, अगर आपने दोपहर 2 बजे खाना खाया है, तो शाम 5 या 5:30 बजे योग करना सही रहेगा. इससे न पाचन प्रभावित होगा और न ही योग के फायदों में कमी आएगी.
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