लाइट ऑन करके सोते हैं? हार्ट और ब्लड शुगर के लिए बन सकता है बड़ा खतरा, जानें क्या कहती है स्टडी

Life Style

Diabetes and Bedroom Light : क्या आपको सोते समय हल्की रोशनी पसंद है. अगर हां, तो यह आदत डायबिटीज और हार्ट अटैक जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है. एक स्टडी में बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. नेशनल एकेडमी ऑफ साइंसेज की 2022 में आई एक स्टडी के अनुसार, नींद के दौरान कमरे का लाइट ऑन रखने से ग्लूकोज होमियोस्टेसिस खराब हो सकता है. रात में सोते समय लाइट बंद करना  कार्डियोमेटाबोलिक हेल्थ के लिए फायदेमंद हो सकता है. आइए जानते हैं इस स्टडी के बारें में…

रात में लाइट जलाकर क्यों नहीं सोना चाहिए

इस स्टडी में जांच की गई कि क्या रात में लाइट जलाकर सोने से अगली सुबह ब्लड शुगर लेवल पर असर पड़ता है और ऐसा क्यों होता है. शोधकर्ताओं ने देखा कि क्या नींद की खराब क्वालिटी, मेलाटोनिन के कम लेवल या नर्व सिस्टम की बढ़ी एक्टिविटी इसके लिए जिम्मेदार है. इस स्टडी में 20 युवाओं को शामिल किया गया. 10-10 के दो ग्रुप बनाए गए. एक ग्रुप ने एक रात हल्की लाइट में और अगली रात तेज रोशनी में सोया. दूसरे ग्रुप ने दो रातों तक हल्की लाइट में सोया.

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स्टडी में क्या पता चला

इस स्टडी के रिजल्ट से पता चला कि जो लोग तेज रोशनी में सोते थे, उनमें सुबह इंसुलिन प्रतिरोध बढ़ गया था, यानी, उनके शरीर को ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करना कठिन लगा, जो लोग तेज रोशनी में सोते थे, उनकी गहरी नींद और REM नींद की अवधि कम थी, हार्ट रेट ज्यादा था और नर्व्स सिस्टम की ज्यादा एक्टिविटी के प्रमाण थे. हाई नर्व सिस्टम एक्टिविटी इंसुलिन रेजिस्टेंस से जुड़ी थी.

बेडरूम की लाइट का बीमारियों से क्या कनेक्शन

शरीर की सर्केडियन रिदम (बॉडी क्लॉक) को सही तरह से काम करने के लिए अंधेरे की जरूरत होती है. अगर सोते समय बेडरूम में रोशनी बनी रहती है, तो यह शरीर के हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ सकती है और इससे ब्लड शुगर, ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कन पर नकारात्मक असर पड़ता है.

स्टडी के अनुसार रात में रोशनी के संपर्क में रहने से इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ जाता है, जिससे डायबिटीज का खतरा बढ़ता है. रात में सोते समय हल्की रोशनी रखने वालों में हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का खतरा ज्यादा होता है. सोने के दौरान रोशनी मेटाबॉलिज्म को स्लो कर देती है, जिससे वजन बढ़ सकता है.

क्या करें, क्या नहीं

पूरी तरह अंधेरे में सोने की आदत डालें.

गर पूरी तरह लाइट बंद करना संभव नहीं हो, तो डिम लाइट या स्लीप मास्क का इस्तेमाल करें.

सोने से 1 घंटे पहले मोबाइल, टीवी और लैपटॉप की स्क्रीन से दूर रहें.

बेडरूम में हल्की ब्लू या रेड लाइट का इस्तेमाल करें, क्योंकि यह हार्मोनल बैलेंस पर कम असर डालती है.

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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