म्यूचुअल फंड में SIP यानी Systematic Investment Plan आजकल निवेशकों के बीच काफ़ी पॉपुलर हो चुका है. हर महीने थोड़ी-थोड़ी रकम निवेश करके लंबी अवधि में अच्छा खासा फंड तैयार किया जा सकता है. SIP की सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसमें आप इक्विटी और डेट, दोनों तरह के फंड्स में नियमित रूप से निवेश कर सकते हैं.
क्या आप भी SIP बंद करना चाहते हैं?
कई बार मार्केट की गिरावट, कम रिटर्न या फिर पैसों की तंगी की वजह से लोग SIP बंद करने का मन बना लेते हैं. पर रुकिए! SIP को बीच में बंद करने से पहले कुछ ज़रूरी पहलुओं को समझना बेहद जरूरी है.
आपके Financial Goals क्या कहते हैं?
अगर आपका गोल पूरा हो गया है, जैसे बच्चे की पढ़ाई, घर खरीदना या रिटायरमेंट प्लान तो SIP बंद करने का ये सही समय हो सकता है. लेकिन अगर अभी भी आपके लक्ष्य अधूरे हैं, तो SIP जारी रखना ही समझदारी होगी.
क्या आपका फंड अच्छा प्रदर्शन कर रहा है?
अगर आपका फंड लगातार अपने Peer Funds से कमजोर परफॉर्म कर रहा है, तो अलर्ट हो जाइए. लेकिन एक बार फंड की तुलना पूरे मार्केट से ज़रूर करें. कहीं ऐसा तो नहीं कि ये सिर्फ़ एक short-term dip हो? लंबी अवधि के नजरिए से फैसला लें.
फंड की Objectives में कोई बदलाव तो नहीं?
कभी-कभी फंड हाउस अपनी स्कीम का मकसद (Objective) बदल देता है ताकि उसे बड़ा मुनाफा मिले. अगर वो नया उद्देश्य आपके पर्सनल गोल्स से मेल नहीं खाता, तो SIP से बाहर निकलना सही रहेगा.
आपका Investment Portfolio क्या कहता है?
SIP बंद करने से आपके पोर्टफोलियो में कहीं Overexposure तो नहीं हो जाएगा? यानि कोई एक सेक्टर या एसेट क्लास ज़्यादा भारी हो सकता है जिससे रिस्क बढ़ सकता है. हमेशा पोर्टफोलियो को Diversified रखना जरूरी होता है.
मार्केट की लॉन्ग टर्म ट्रेंड समझें
कभी-कभी SIP का फंड गिरावट में जाता है क्योंकि बाज़ार में कुछ भू-राजनीतिक उथल-पुथल चल रही होती है (जैसे अंतरराष्ट्रीय टैरिफ, युद्ध). ऐसे में घबराकर निवेश बंद कर देना समझदारी नहीं होगी. हो सकता है कुछ महीनों में फंड वापस पटरी पर आ जाए.
जरूरत पड़े तो SIP को Pause करें, बंद नहीं
अगर आपकी दिक्कत Cash Crunch यानी पैसों की कमी की है, तो SIP को पूरी तरह बंद करने के बजाय कुछ महीनों के लिए Pause करें. जब स्थिति सुधरे, तो दोबारा शुरू करें. SIP एक लॉन्ग टर्म कमिटमेंट है, इसे थोड़ी सी दिक्कत में छोड़ देना आपके वित्तीय भविष्य को नुकसान पहुंचा सकता है. फैसला लेने से पहले अपनी जरूरत, मार्केट ट्रेंड और फंड की परफॉर्मेंस को गहराई से जांचें.
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