SEBI का अलर्ट: इन सोशल मीडिया एकाउंट्स से शेयर बाजार के खिलाड़ियों को बड़ा खतरा

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SEBI Alert To Investors: बाजार विनियमक सेबी ने अलर्ट जारी करते हुए सोशल मीडिया पर फर्जीवाड़े को लेकर निवेशकों को सतर्क किया है. साथ ही, किसी अनजान व्यक्ति से आए अनचाहे संदेशों के प्रति आगाह किया और उनसे ऐसे व्हाट्सएप ‘ग्रुप’ या ‘कम्युनिटीज’ का हिस्सा न बनने को कहा है. ऐसा कहा जा रहा है कि स्टॉक ब्रोकरों या फिर उनके अधिकारियों का नाम का इस्तेमाल कर वेबसाइट, फर्जी एप और फर्जी संपर्क नंबर के काफी तेजी से मामले सामने आए हैं. जिसके बाद नियमन के दायरे में आने वाली इकाइयों से फौरन कदम उठने का अनुरोध किया गया है. साथ ही, कहा है कि वे किसी भी तरह का लेनदेन या फिर निवेश के लिए सेबी की वेबसाइट पर संस्थाओं के रजिस्ट्रेशन की स्थिति की जरूर जांच करें.

सेबी का अलर्ट

सेबी ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे सिर्फ ट्रेडिंग एप्लीकेशन का ही इस्तेमाल करें. बुधवार को बाजार विनियमक ने कहा कि फर्जी सोशल मीडिया मंचों के प्रति सावधानी बरतने का नोटिस जारी करते हुए किया है, जो दो महीने में दूसरा इस तरह का अलर्ट है. इसी तरह की सूचनी अप्रैल में सेबी की तरफ से दी गई थी और फर्जीवाड़े के प्रति आगाह किया गया था.

सेबी का कहना है कि शेयर बाजार में एक्सपर्ट के तौर पर खुद को पेश करने वाले इंस्टीट्यूशन की तरफ से फर्जी प्रोफाइल बनाकर हस्तियों या फिर किसी फेमस इंस्टीट्यूशन के सीईओ के नाम को इस्तेमाल कर सीधे-सादे निवेशकों को फंसाया जाता है. इसके साथ ही, फर्जी व्हाट्एस ग्रुप से जोड़कर उन्हें ट्रेडिंग से जुड़े किसी कोर्स या फिर सलाह-मशविरे के लिए फंसाया जाता है.

मशहूर हस्तियों का इस्तेमाल

सेबी ने अपनी जांच में पाया है कि ऐसी इकाइयां निवेशकों का भरोसा और विश्वास जीतने के लिए कई तरह की रणनीति अपनाती हैं. ये इकाइयां संभावित ग्राहकों को लक्षित करके व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल होने के लिए अक्सर ‘वीआईपी ग्रुप’ या ‘फ्री ट्रेडिंग कोर्स’ (शेयर बाजार कारोबार का नि:शुल्क पाठ्यक्रम) जैसे नामों से लिंक के रूप में अनचाहे निमंत्रण भेजती हैं. खुद को भरोसेमंद दिखाने के लिए ये इकाइयां अक्सर नकली प्रोफाइल बनाती हैं जो उन्हें प्रतिभूति बाज़ार के विशेषज्ञ के रूप में दर्शाती हैं.

कई मामलों में वे सेबी के पास पंजीकृत मध्यस्थों, मशहूर सार्वजनिक हस्तियों या स्थापित संगठनों के सीईओ/ एमडी का भी फर्जी रूप धारण करते हैं. ये इकाइयां बड़े मुनाफे के फर्जी प्रमाण दिखाकर निवेशकों का शोषण करते हैं. ये प्रमाण भी कथित तौर पर समूह के अन्य सदस्य ही पेश करते हैं जो असल में इस घोटाले में मददगार होते हैं. ऐसे में भोले-भाले निवेशक इस भ्रामक चित्रण से प्रभावित होकर इन कंपनियों के बैंक खातों में धन हस्तांतरित करने के लिए प्रेरित हो जाते हैं.

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