30 साल की उम्र पार करने के बाद शरीर और दिमाग में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं. इस दौरान मेटाबॉलिज्म धीमा होने लगता है, मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं और टेंशन का लेवल बढ़ सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, 30-50 वर्ष की उम्र में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. आइए आपको बताते हैं कि 30 साल से ज्यादा उम्र वालों के लिए 30 मिनट के बेस्ट योगासन, जो आपकी जिंदगी बदल देंगे.
योग पर क्या कहती है रिसर्च?
2023 और 2024 में पब्लिश कई रिसर्च में फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर योग का असर बताया गया है. जर्नल ऑफ क्लिनिकल मेडिसिन में पब्लिश स्टडी के मुताबिक, नियमित रूप से योग करने से कोर्टिसोल हार्मोन का लेवल कम होता है, जो टेंशन और डिप्रेशन को कंट्रोल करता है. इसके अलावा योग से ब्लडप्रेशर, हार्ट रेट और कोलेस्ट्रॉल का लेवल भी नियंत्रित होता है. 30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए योग काफी फायदेमंद होता है. इससे जोड़ों का लचीलापन कायम रहता है और उम्र बढ़ने से संबंधित दिक्कतें कम होती हैं.
ये योग बदल देते हैं जिंदगी
अनुलोम-विलोम: रोजाना 30 मिनट अनुलोम-विलोम करने से टेंशन कम होती है. इससे दिमाग में ऑक्सीजन की सप्लाई बढ़ती है. 2024 की एक स्टडी में पाया गया कि अनुलोम-विलोम नींद की क्वालिटी में सुधार लाता है. अनुलोम-विलोम करने के लिए शांत जगह पर सुखासन में बैठें. इसके बाद दाहिनी नासिका को अंगूठे से बंद करें और बाईं नासिका से गहरी सांस लें. अब बाईं नासिका को बंद करें और दाहिनी नासिका से सांस छोड़ें. यह प्रक्रिया तीन-पांच मिनट तक दोहराएं.
कपालभाति: इस योगासन से फेफड़े मजबूत होते हैं. पाचन में सुधार होता है और एनर्जी का लेवल बढ़ता है. इस आसन को करने के लिए तेजी से सांस छोड़ें और पेट को अंदर की ओर खींचें. इसे एक-दो मिनट तक करें.
वार्म-अप और सूर्य नमस्कार: सूर्य नमस्कार के पांच-सांत राउंड करें. इसमें प्रणामासन, हस्तउत्तानासन, पादहस्तासन और भुजंगासन जैसे 12 आसन शामिल होते हैं. दरअसल, सूर्य नमस्कार पूरे शरीर की मांसपेशियों को एक्टिव करता है. ब्लड फ्लो बढ़ता है. इंटरनेशनल जर्नल ऑफ योग (2023) के अनुसार, सूर्य नमस्कार मोटापा और हार्ट हेल्थ को नियंत्रित करने में प्रभावी है.
कटिचक्रासन: यह योगासन रीढ़ को लचीला बनाता है और कमर दर्द को कम करता है. इस योगासन में सीधे खड़े होकर कमर को दाएं और बाएं घुमाएं. इसे दो मिनट तक करें.
वृक्षासन: इस योगासन में एक पैर को दूसरे जांघ पर रखें और हाथों को प्रणाम मुद्रा में जोड़ें. यह प्रक्रिया 30 सेकंड तक दोनों तरफ करें. यह योगासन बैलेंस और एकाग्रता बढ़ाता है, पैरों को मजबूत करता है और टेंशन कम करता है.
भुजंगासन: इस योगासन में पेट के बल लेटकर हथेलियों के बल पर छाती को ऊपर उठाएं. इस पोजीशन में 20-30 सेकंड तक रुकें. यह योगासन रीढ़ को मजबूत करता है. यह पीठ दर्द को कम करता है और पाचन में सुधार होता है.
योगासन करने के फायदे
30 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए योग न केवल फिजिकल हेल्थ, बल्कि मेंटल और इमोशनल हेल्थ को भी बेहतर बनाता है. 2024 में जर्नल ऑफ इंटीग्रेटिव मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के मुताबिक, नियमित योग करने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और यह वेट मैनेजमेंट में मदद करता है. योग से ब्लडप्रेशर और कोलेस्ट्रॉल कम होता है, जिससे हार्ट डिजीज का खतरा भी घटता है.
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