भारत-पाक तनाव के बीच शुरुआत में गिरकर फिर संभला शेयर बाजार, 160 अंक चढ़ा सेंसेक्स, निफ्टी 24400 के पार

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Stock Market Today 30 April: शेयर बाजार बुधवार को शुरुआती कारोबार में टूटा हालांकि उसके जल्द बाद ही बाजार ने फिर से रिकवर कर लिया. सुबह करीब साढ़े सेंसेक्स 170 अंक टूट गया. यानी इसमें 0.21 फीसदी गिरावट आयी और 80,105.58 के स्तर पर कारोबार कर रहा था. इसी तरह निफ्टी 55.30 अंक यानी 0.23 फीसदी की गिरावट के साथ 24,274.65 पर कारोबार कर रहा था. लेकिन उसके बाद सेंकेक्स करीब 400 अंक सुधरा.  जबकि निफ्टी निचले स्तर से 100 अंक चढ़कर 24,400 पर कारोबार कर रहा है. 

एक दिन पहले मंगलवार को स्थानीय शेयर बाजार उतार-चढ़ाव भरे कारोबार में मामूली बढ़त के साथ बंद हुए. हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज, इन्फोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसी प्रमुख कंपनियों में भारी खरीदारी और विदेशी संस्थागत निवेशकों के प्रवाह ने घरेलू बाजार को समर्थन देने का काम किया.

दो दिनों की बढ़त के बाद गिरा शेयर बाजार

30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 70.01 अंक यानी 0.09 प्रतिशत चढ़कर 80,288.38 के स्तर पर बंद हुआ. जबकि कारोबार के दौरान एक समय ये 442.94 अंक बढ़कर 80,661.31 पर पहुंच गया था, लेकिन बिकवाली के दबाव में नीचे आ गया. इसी तरह निफ्टी भी 7.45 अंक यानी 0.03 प्रतिशत की मामूली बढ़त के साथ 24,335.95 अंक पर बंद हुआ. ये शेयर बाजार में तेजी का लगातार दूसरा दिन रहा. उससे पहले सोमवार को सेंसेक्स 1,005.84 अंक उछलकर 80,218.37 और निफ्टी 289.15 अंक बढ़कर 24,328.50 पर बंद हुआ था.

मंगलवार को सेंसेक्स के समूह में शामिल कंपनियों में से रिलायंस इंडस्ट्रीज, टेक महिंद्रा, इटरनल (पूर्व में जोमैटो), एचसीएल टेक, इन्फोसिस, इंडसइंड बैंक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और बजाज फिनसर्व के शेयर बढ़त के साथ बंद हुए.  इसके विपरीत, अल्ट्राटेक सीमेंट, सन फार्मा, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयरों में गिरावट का रुख देखा गया.

पहलगाम के बाद तनाव का सीधा असर

जियोजित इन्वेस्टमेंट लि. के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव को लेकर उपजी भू-राजनीतिक चिंताओं के बीच सतर्कता के कारण बाजार में काफी हद तक उतार-चढ़ाव देखने को मिला. हालांकि एफआईआई की ओर से निवेश जारी रहने से बाजार की धारणा को समर्थन मिला.’ इसके साथ ही नायर ने कहा कि पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही के मिलेजुले नतीजों ने फाइनेंशिय ईयर 2025-26 के अनुमानों में गिरावट का जोखिम बढ़ा दिया है.

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