Rental Income Tax: अगर आपके पास अपना मकान है और किराए से आपकी अच्छी-खासी इनकम हो जाती है, तो आपके लिए यह जानना जरूरी है कि किराए से कमाई पर इनकम टैक्स कैसे बचा सकते हैं. आमतौर पर टैक्स का कैलकुलेशन स्लैब रेट के आधार पर किया जाता है. यानी कि व्यक्ति जिस टैक्स स्लैब के तहत आएगा, उसे किराए से होने वाली अपनी कमाई पर उसी दर से टैक्स का भुगतान करना होगा.
30 परसेंट टैक्स कटौती का कर सकते हैं दावा
लेट -आउट प्रॉपर्टी के मामले में ‘हाउस प्रॉपर्टी से हेड प्रॉपर्टी’ के तहत डिडक्शन ग्रॉस एनुअल वैल्यू के 30 परसेंट पर की जाती है. यानी कि कुल रेंटल इनकम पर टैक्स बचाने के लिए मकान मालिक को 30 परसेंट स्टैंडर्ड डिडक्शन का नियम लगाना होगा. हाउस टैक्स या प्रॉपर्टी टैक्स के तहत मकान मालिक शहर की नगरपालिका को टैक्स चुकाता है. आमतौर पर टैक्स का कैलकुलेशन कई इन चीजों के आधार पर की जाती है-
प्रॉपर्टी की लोकेशन
प्रॉपर्टी कितनी नई या पुरानी है यानी कि उसकी औसत आयु क्या है
कवरेज एरिया कितना है
कंस्ट्रकशन क्वॉलिटी कैसी है
लोकेशन में औसत किराया कितना है
इस तरह से करें कैलकुलेशन
अब आयकर अधिनियम की धारा 24(A) के तहत सालभर में रेंट से होने वाली कमाई पर 30 परसेंट कटौती का दावा कर सकते हैं. मान लीजिए कि आपको हर महीने रेंट से 12,000 रुपये मिलते हैं, तो सालभर में किराए से उसकी टोटल कमाई 144,000 रुपये होगी. बता दें कि आयकर अधिनियम की धारा 24 के तहत मरम्मत और रखरखाव के लिए एनुअल रेंटल इनकम पर 30 परसेंट स्टैंडर्ड डिडक्शन की इजाजत है.
इस तरह से 144,000 रुपये का 30 परसेंट 43,200 रुपये होगा. यानी कि अब आपका टोटल रेंटल इनकम 144,000 रुपये – 43,200 रुपये = 100,800 रुपये होगी. इसके अलावा, धारा 24 (B) के तहत आप सालभर के लिए होम लोन पर इंटरेस्ट भी कम कर सकते हैं. इसमें टोटल रेंटल इनकम जो कि 100,800 रुपये है और इस पर आपका होमलोन इंटरेस्ट 45,000 है, तो आपकी कुल आय 55,800 रुपये होगी.
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