2007 भारत सरकार के उस फैसले जिसमें उन सभी राज्यों में एक सेंट्रल यूनिवर्सिटी देने को कहा गया, जहां पहले से कोई सेंट्रल यूनिवर्सिटी नहीं है. इसके बाद, 11वीं पंचवर्षीय योजना में 16 नई सेंट्रल यूनिवर्सिटी बनाने का निर्णय लिया गया. इसी के तहत, केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 (2009 की संख्या 25) को 20 मार्च 2009 को राष्ट्रपति की मंजूरी मिली, जिसमें हिमाचल प्रदेश में एक केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना का भी प्रावधान किया गया.
30 से अधिक विभाग हैं इस यूनिवर्सिटी में
हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना इसी केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम 2009 के तहत की गई है. यह विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) द्वारा फाइनेंशियल एसिस्टेंस और नियमों के अनुसार चलाया जाता है. 20 जनवरी 2010 को पहले कुलपति के कार्यभार संभालते ही यूनिवर्सिटी कार्यरत हो गई विश्वविद्यालय ने अपने 15 वर्षों के सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन निरंतर विकास के पथ पर अग्रसर रहा है. शुरुआत में मात्र कुछ विभागों के साथ शुरू हुए इस विश्वविद्यालय में आज 30 से अधिक विभाग हैं, जो छात्रों को विविध क्षेत्रों में उच्च शिक्षा प्रदान कर रहे हैं.
ये है प्रवेश प्रक्रिया
विश्वविद्यालय में एडमिशन के लिए छात्रों को सीयूईटी (कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट) का एग्जाम देना होता है. इस एग्जाम में प्राप्त नंबर्स के आधार पर ही एडमिशन दिया जाता है.
CUET एग्जाम में प्राप्त नंबर्स के आधार पर मेरिट सूची तैयार की जाती है, जिसके आधार पर छात्रों को प्रवेश दिया जाता है.
यूनिवर्सिटी में चल रहे मौजूदा कोर्सेज
वर्तमान में विश्वविद्यालय में 30 से अधिक विभाग हैं, जो स्नातक से लेकर डॉक्टरेट स्तर तक की शिक्षा प्रदान करते हैं. जहां स्नातक स्तर पर बीए (ऑनर्स) बीएससी (ऑनर्स) बीकॉम (ऑनर्स) बीटेक कंप्यूटर साइंस और स्नातकोत्तर स्तर पर एमए, एमएससी, एमबीए, एमसीए, एलएलएम वा सभी विभागों में पीएचडी की पढ़ाई होती है वहीं यूनिवर्सिटी नए दौर की जरूरतों के अनुसार डिजिटल मार्केटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस जैसे आधुनिक कोर्सेज भी प्रदान करता है.
यूनिवर्सिटी में कोर्सेज की फीस
बैचलर्स में बीए (ऑनर्स),बीएससी (ऑनर्स), बीकॉम (ऑनर्स) की फीस 8 हजार से 15 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर, मास्टर्स में एमए, एमएससी,एमसीए की फीस 10 हजार से 20 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर. वहीं पीएचडी की फीस 15 हजार से 25 हजार रुपये प्रति वर्ष है. बीटेक/ एमबीए/एलएलएम जैसे प्रोफेशनल कोर्सेज की फीस 20 हजार से 30 हजार रुपये प्रति सेमेस्टर है. विश्वविद्यालय स्कॉलरशिप और शुल्क माफी जैसी सुविधाएं भी प्रदान करता है, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को भी उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलता है.
यूनिवर्सिटी से पासआउट हैं कई नामचीन चहरे
सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ हिमाचल प्रदेश के कई पूर्व छात्र आज विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुके हैं. जिनमें डॉ. विकास शर्मा जोकि प्रसिद्ध वैज्ञानिक, वर्तमान में नासा में शोधकर्ता के रूप में कार्यरत हैं. सुश्री अनुपमा ठाकुर जोकि एक प्रसिद्ध लेखिका और साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता हैं. रोहित कुमार जोकि सिविल सेवा में आईएएस अधिकारी हैं. डॉ. प्रीति शर्मा जोकि एक प्रसिद्ध डॉक्टर और मेडिकल रिसर्चर हैं. अजय चौहान जोकि प्रसिद्ध उद्यमी और एक सफल स्टार्टअप के संस्थापक हैं.
NAAC से A ग्रेड सर्टिफाइड है यूनिवर्सिटी
NAAC से ‘A’ ग्रेड प्राप्त वा UGC द्वारा ‘एक्सीलेंस’ का दर्जा प्राप्त यह विश्वविद्यालय अपने नए और विस्तारित परिसर का निर्माण कर रहा है, जिसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ छात्रों को बेहतर शिक्षा प्रदान की जाएगी. आगामी वर्षों में विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग, मेडिकल साइंसेज और मैनेजमेंट के क्षेत्र में नए कोर्सेज शुरू करने की योजना बना रहा है.
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