अगर आप निवेश करने की सोच रहे हैं और यह पहली बार है जब आप कहीं निवेश करने की सोच रहे हैं तो आपके लिए शुरूआत में स्टॉक्स को समझना थोड़ा मुश्किल हो सकता है. ऐसे में आपको सबसे पहले म्यूचुअल फंड्स में इनवेस्ट करना चाहिए. हालांकि, अब सवाल उठता है कि अगर म्यूचुअल फंड में निवेश करना है तो सबसे बेहतर म्यूचुअल फंड कौन सा हो सकता है.
दरअसल, म्यूचुअल फंड्स भी कई तरह के होते हैं- जैसे लार्ज कैप, मिड कैप, स्मॉल कैप और अन्य म्यूचुअल फंड. ऐसे में नए इंवेस्टर के पास जब इतने ऑप्शंस मौजूद हैं तो वह कंफ्यूज हो सकता है कि आखिर निवेश कहां करें. चलिए, इस खबर में हम आपको बताते हैं कि आखिर इन सब म्यूचुअल फंड्स के बीच अंतर क्या होता है और कहां निवेश करना ज्यादा सेफ होता है.
क्या होता है लार्ज कैप फंड
जैसा कि नाम से ही पता चल रहा है कि इस फंड का मतलब लार्ज कंपनियों से है. लार्ज कैप की कैटेगरी में देश की टॉप सौ कंपनियां आती हैं, जिनका मार्केट कैप बाजार में सबसे अधिक होता है. लार्ज कैप फंड्स को ब्लू-चिप स्टॉक्स भी कहा जाता है. लार्ज कैप में पैसा लगाने का मतलब है टॉप सौ कंपनियों के शेयर में पैसा लगाना.
बता दें कि बाजार के उतार-चढ़ाव के कारण इन पर उतना प्रभाव नहीं पड़ता जितना स्मॉल और मिड कैप कंपनियों पर पड़ता है. लार्ड कैप होने के कारण बाजार में इनकी पकड़ काफी मजबूत होती है और इनकी ग्रोथ भी संतुलित होती है. मार्केट करेक्शन पर इनमें ज्यादा अस्थिरता देखने को नहीं मिलती है और यही कारण है कि एक्सपर्टस नए इंवेस्टर्स को या वैसे इंवेस्टर जो जोखिम नहीं लेना चाहते हैं उन्हें लार्ज कैप में इंवेस्ट करने की सलाह देते हैं.
क्या होता है मिड कैप फंड
मिड कैप फंड्स में उन कंपनियों को रखा जाता है, जिनकी मार्केट कैप के आधार पर रैंकिंग 101 से 250 तक की होती है. ये कंपनियां बाजार में बीच के स्थान पर बनी रहती हैं. इन फंड्स में भी इंवेस्ट करना फायदेमंद है. इन फंड्स में इंवेस्ट पर अच्छा रिटर्न मिल सकता है. लेकिन मिड कैप फंड लार्ज कैप से ज्यादा रिस्की और स्मॉल कैप से कम रिस्की होता है, इसलिए मिड कैप को रिस्क और रिटर्न में बैलेंस बनाने वाला फंड माना जाता है. मिड कैप कंपनियां भविष्य में लार्ज कैप कंपनी बनने की ताकत रखती हैं.
क्या होता है स्मॉल कैप फंड
स्मॉल कैप के अंदर वैसी कंपनियों को रखा जाता है, जिनकी रैंकिंग 250 से ऊपर होती है, हालांकि इन कंपनियों की मिड कैप बनने की संभावना बहुत ज्यादा होती है. इन कंपनियां कि ग्रोथ रेट बहुत हाई होती है. लेकिन ये कंपनियां बाजार के उतार-चढ़ाव पर भी बहुत जल्दी रिएक्ट करती हैं, इसलिए इनमें अस्थिरता अधिक होती है और इनमें इनवेस्ट करना थोड़ा रिस्की है. जो लोग ज्यादा रिस्क लेकर पैसा बनाना चाहते हैं वे इन फंड्स में इंवेस्ट कर सकते हैं.
क्या होता है फ्लेक्सी फंड
कम रिस्क और बेहतर रिटर्न के लिए जाना जाने वाला फ्लेक्सी फंड एक ओपन एंडेड फंड है. इस फंड में फंड मैनेजेर इंनवेस्ट करने के लिए बाध्य नहीं होता है कि उसे किस कैटेगरी में कितना इंनवेस्ट करना है. इस फंड के माध्यम से इंवेस्टर अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. इसमें फंड मैनेजर इंवेस्टर का पैसा जरूरत के मुताबिक लार्ज कैप, मिड कैप या स्मॉल कैप में निवेश करता है. इन फंड्स में निवेश करने के लिए बाजार की अच्छी समझ होनी जरूरी है. इंवेस्टर एक्सपर्टस की मदद से इनमें इंवेस्ट कर सकते हैं.
क्या होता है वैल्यू फंड
वैल्यू फंड्स वैसे फंड्स को कहा जाता है, जिनका मौजूदा वैल्यूएसन उनके वाजिब मूल्य से नीचे चल रहा होता है. ऐसे स्टॉक्स की कीमत मार्केट कंडिशन या फिर किसी निगेटिव सेंटिमेंट की वजह से रहती है, लेकिन ये फंड्स भविष्य में अपनी ओरिजनल वैल्यूएशन को हासिल कर इंवेस्टर्स को अच्छा रिटर्न देने की संभावना रखते हैं. जो लोग लॉन्ग टर्म में ज्यादा रिटर्नस चाहते हैं उनके लिए वैल्यू फंड्स फायदेमंद है.
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डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)