Diabetes Myth vs Fact : डायबिटीज एक क्रोनिक बीमारी है, जिसका कोई इलाज नहीं है. इसे सिर्फ खानपान और लाइफस्टाइल से मेंटेन कर सकते हैं. इस बीमारी को लेकर बहुत से लोगों में गलत धारणाएं भी हैं. जैसे- बहुत से लोगों को लगता है कि ज्यादा चीनी या मीठा खाने वाले लोगों में ही ये बीमारी (Diabetes) होती है.
डाइटिशियन और हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जरूरी नहीं कि टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) बहुत अधिक चीनी खाने के कारण ही हो. आपके खून में बहुत अधिक चीनी होना टाइप 2 डायबिटीज का एक लक्षण है, लेकिन बहुत अधिक चीनी खाना जरूरी नहीं कि इस बीमारी का मुख्य कारण हो.
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डायबिटीज क्यों होती है
हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि टाइप 2 डायबिटीज का मुख्य कारण इंसुलिन रेसिस्टेंस है. इंसुलिन प्रतिरोध आपके लिवर और आपकी मांसपेशी कोशिकाओं में फैटी एसिड बनने के कारण होता है, जो इंसुलिन रिसेप्टर्स को बंद कर देता है, जहां इंसुलिन ब्लड से ग्लूकोज को प्रभावी ढंग से कोशिकाओं में नहीं ला सकता है. यह हाई ब्लड शुगर का कारण बनता है. इंसुलिन प्रतिरोध के तीन प्रमुख फैक्टर्स हैं. पहला- फिजिकल एक्टिविटीज का न होना, हाई फैट वाले फूड्स, ज्यादा कैलोरी वाली चीजें खाना.
डायबिटीज से बचने के लिए क्या करें
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, टाइप 2 डायबिटीज में मोटापा, शारीरिक निष्क्रियता और जेनेटिक कारणों से हो सकता है. अगर कोई ज्यादा फैट वाले फूड्स खा रहा है या ज्यादा वजन वाला है, वो शुगर से बच सकता है, फिर भी उसे डायबिटीज का खतरा रहता है, क्योंकि इससे इंसुलिन डिस्चार्ज और इंसुलिन रेजिस्टेंस में कमी हो सकती है.
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इसके अतिरिक्त, जिनके शरीर में अतिरिक्त वसा है, खास तौर से आंत की फैट वालों में जोखिम बढ़ जाता है. ऐसे मामलों में, इंसुलिन वसा कोशिकाओं में जमा हो सकता है, जिससे इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान होता है. वजन घटाने से इस इंसुलिन को रिटर्न सर्कुलेशन में लाने में मदद मिल सकती है, जिससे डायबिटीज में सुधार करने में मदद मिल सकती है. इसी तरह, तनाव और अपर्याप्त नींद हार्मोनल संतुलन और मेटाबॉलिज्म को बाधित करती है और ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाता है.
क्या करें, क्या नहीं
डॉक्टर्स के मुताबिक, शारीरिक तौर पर एक्टिव न रहना, उम्र और दवाएं खास तौर से स्टेरॉयड और कुछ एंटीडिप्रेसेंट जैसे ज्यादा चीनी खाने से डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है. इसलिए सबसे जरूरी है कि खानपान पर ध्यान देना चाहिए. ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, दालें, मसूर की दाल और बीज खाने और जंक, प्रोसेस्ड फूड्स, ऑयली, डिब्बाबंद जैसी चीजों से परहेजकरना चाहिए. रोजाना कम से कम 45 मिनट एक्सरसाइज, योग और मेडिटेशन करने से काफी आराम मिलता है. तनाव से भी दूर रहना चाहिए और 8 घंटे की अच्छी नींद लेनी चाहिए.
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