Mithun Sankranti 2025: मिथुन संक्रांति कब ? सूर्य के प्रकोप से बचने के लिए ये उपाय करना न भूलें

Life Style

Mithun Sankranti 2025: संक्रांति के दौरान सूर्य (Surya) एक राशि से निकलकर दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं. इसे संक्रांति के अलावा सूर्य का राशि परिवर्तन (Sun Transit 2024)  भी कहा जाता है. इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करने का बहुत महत्व है. अगर आप किसी नदी में स्नान के लिए नहीं जा पा रहे तो घर पर ही गंगाजल नहाने के पानी में डालकर स्नान कर सकते हैं.

माना जाता है इस दिन विधि विधान के साथ श्रद्धा पूर्वक सूर्य देव की आराधना करने से सब पापों से मुक्ति मिलती है. सूर्य देव का शुभ प्रभाव पड़ता है बीमारियां दूर होती हैं, आयु में वृद्धि होती है. आइए जानते हैं मिथुन संक्रांति 2025 में कब है ?

मिथुन संक्रांति 2025 में कब ?

मिथुन संक्रांति 15 जून 2025 को मनाई जाएगी. इस दिन सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे. मिथुन बुध की राशि है, बुध को बुद्धि, वाणी, करियर, व्यापार का कारक माना जाता है. वहीं सूर्य आत्मा का कारक है. सूर्य के शुभ प्र‌भाव से व्यक्ति उच्च पद पाता है, रोग से मुक्ति मिलती है.

मिथुन संक्रांति 2025 पुण्य और महापुण्यकाल

मिथुन संक्रांति के दिन पुण्यकाल 15 जून को सुबह 6 बजकर 53 मिनट से दोपहर 2 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगा. महापुण्य काल सुबह 6.53 से लेकर सुबह 9 बजकर 12 मिनट तक रहेगा.

मिथुन संक्रांति पर जरुर करें ये 3 काम

किसी भी जरुरतमंद को जरुरत की चीजों धन, कपड़े, अनाज, जूते-चप्पल का दान करें. मान्यता है इससे कुंडली के ग्रह दोष शांत होते हैं.
इस दिन पूजा के दौरान सूर्य भगवान की आराधना करें. सूर्य देव के मंत्रों का जाप करने से मुश्किलों का अंत होता है.
पक्षियों और पशुओं के लिए जल और अन्न की व्यवस्था करें, पक्षियों के लिए छत पर दाना डालें. गाय, कोए, कुत्ते को ताजा भोजन खिलाएं. इससे पितरों की आत्मा संतुष्ट रहती है.

Akkare Kottiyoor Siva Temple: दक्षिण भारत का वो शिव मंदिर जहां साल में सिर्फ 28 दिन होते शिव के दर्शन, रोचक है इतिहास

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.

SHARE NOW