किस बीमारी से जूझ रहे 80 साल के अजीत डोभाल? जानें इसके लक्षण और खतरा

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देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल अपनी हेल्थ प्रॉब्लम्स को लेकर सुर्खियों में हैं. दरअसल, 80 वर्षीय डोभाल ने 27-29 मई को मॉस्को में होने वाली एक अहम सुरक्षा बैठक के लिए अपनी यात्रा रद्द कर दी, जिसके बाद उनकी सेहत को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं. दरअसल, डोभाल को मौसमी फ्लू (सीजनल इन्फ्लूएंजा) होने की जानकारी मिली है. वैसे तो यह एक सामान्य बीमारी मानी जाती है, लेकिन उनकी उम्र को देखते हुए यह स्थिति चिंता का विषय बन सकती है. आइए जानते हैं कि डोभाल किस बीमारी से जूझ रहे हैं? उसके लक्षण क्या हैं और वह कितनी खतरनाक बीमारी है?

क्या होता है मौसमी फ्लू?

मौसमी फ्लू को इन्फ्लूएंजा भी कहा जाता है. यह संक्रामक वायरल बीमारी है, जो इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होती है. यह बीमारी आमतौर पर सर्दियों और बारिश के मौसम में ज्यादा फैलती है. दरअसल, यह बीमारी हवा के माध्यम से, खांसने, छींकने या संक्रमित सतहों को छूने से एक व्यक्ति से दूसरे में फैलती है. सामान्य तौर पर यह बीमारी हल्की होती है और कुछ दिन में ठीक हो जाती है, लेकिन बुजुर्गों और कमजोर इम्युनिटी सिस्टम वाले लोगों में यह गंभीर रूप ले सकती है. 2025 की एक हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में हर साल लगभग 5-10% वयस्क मौसमी फ्लू से प्रभावित होते हैं. वहीं, 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में इसके गंभीर होने की आशंका 30 फीसदी तक बढ़ जाती है.

कैसे होते हैं मौसमी फ्लू के लक्षण?

मौसमी फ्लू के लक्षण आमतौर पर अचानक शुरू होते हैं. ये लक्षण सामान्य लोगों में कुछ दिन में कम हो जाते हैं, लेकिन 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह स्थिति गंभीर हो सकती है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि बुजुर्गों में फ्लू से निमोनिया, ब्रोंकाइटिस और हार्ट संबंधी दिक्कतों का खतरा बढ़ जाता है. 2025 की एक मेडिकल स्टडी के अनुसार, 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में फ्लू से निमोनिया होने की आशंका 20 फीसदी तक होती है.

तेज बुखार (100°F से 103°F तक)
ठंड लगना और पसीना आना
गले में खराश
सूखी खांसी
नाक बहना या बंद होना
मांसपेशियों में दर्द और थकान
सिरदर्द
भूख न लगना

80 साल की उम्र में मौसमी फ्लू कितना खतरनाक?

80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में मौसमी फ्लू कई वजहों से खतरनाक हो सकता है. सबसे पहला कारण है उम्र के साथ कमजोर होती इम्युनिटी. जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, रोगों से लड़ने की शरीर की क्षमता कम होती जाती है, जिसके चलते वायरस से लड़ना मुश्किल हो जाता है. वही, बुजुर्गों में पहले से मौजूद हेल्थ प्रॉब्लम्स जैसे हार्ट डिजीज, डायबिटीज या फेफड़ों की बीमारियां फ्लू को और गंभीर बना सकती हैं. 2025 की एक हेल्थ रिपोर्ट के अनुसार, 80 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में फ्लू से संबंधित दिक्कतों में निमोनिया, सांस की तकलीफ और हार्ट संबंधी समस्याएं सबसे आम हैं. इसके अलावा फ्लू के कारण डिहाइड्रेशन और इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन का खतरा भी बढ़ जाता है, जो बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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