Microsoft Layoffs: टेक क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गूगल के बाद अब माइक्रोसॉफ्ट भी करीब छह हजार कर्मचारियों के ऊपर कैंची चलाने जा रही है. यानी कुल स्टाफ के करीब 3 प्रतिशत को कंपनी बाहर का रास्ता दिखाने जा रही है. इसमें सभी स्तरों के कर्मचारी शामिल होंगे और इसका कंपनी के ऊपर व्यापक प्रभाव पड़ेगा. इससे पहले माइक्रोसॉफ्ट ने साल 2023 में सबसे बड़ी छंटनी कर 10 हजार कर्मचारियों को बाहर निकाल दिया था. इसके बाद ये दूसरी सबसे बड़ी छंटनी है.
छंटनी से प्रभावित स्टाफ के पास कंपनी की ओर से दो ऑप्शन भी दिए जा रहे हैं, जिनमें पहला विकल्प ये कि कर्मचारियों को उनकी सर्विस खत्म होने के बाद 60 दिनों की सैलरी दी जाएगी. साथ ही, प्रभावित स्टाफ पुरस्कार और बोनस के पात्र होंगे. एक बयान में माक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने सीएनबीसी से कहा कि डायनामिक मार्केट में कंपनी की सफलता के लिए हम आवश्यक सगठनात्मक बदलाव लगातार करते रहेंगे.
3% वर्कफोर्स को बाहर निकालेगी माइक्रोसॉफ्ट
इसके अलावा, परफॉर्मेंस के आधार पर निकाले जा रहे स्टाफ को या तो सुधार के लिए कुछ समय-सीमा दी जाएगी या फिर वे 16 हफ्ते के विच्छेदन वेतन के साथ ग्लोबल वॉलंटरी सेपरेशन एग्रीमेंट का भी विकल्प चुन सकते हैं.
पिछले साल यानी 2024 के जून तक माइक्रोसॉफ्ट में कर्मचारियों की कुल संख्या 228000 थी, जिनमें से सिर्फ वाशिंगटन में 1985 स्टाफ हैं. ऐसे में तीन प्रतिशत अपने ग्लोबल स्टाफ को कंपनी की तरफ से फायर किया जा रहा है. कंपनी ने इस फैसले के बारे में बताता हुए इसकी वजह लागत नियंत्रण और कृत्रिम बुद्धिमता (एआई) में किया गया भारी निवेश को बताया है.
क्या है वजह
माइक्रोसॉफ्ट ने अपने कर्मचारियों की छंटनी के बारे में बताते हुए कहा है कि वे सभी प्रबंधन के नियंत्रण की सीमा को और बढ़ाकर कहीं ज्यादा व्यवस्थित और पदानुक्रम करना चाहते हैं. ऐसे में हाल में हो रही इस छंटनी से मुख्यतौर पर प्रबंधन भूमिकाओं में लगे लोग ज्यादा प्रभावित होंगे.