Nirjala Ekadashi 2025: ज्येष्ठ महीने में भीषण गर्मी रहती है, ऐसे में इस माह में जल का महत्व दोगुना हो जाता है. खासकर इस महीने में आने वाले त्योहारों को भी जल से जोड़ा गया है, इन्हीं में से एक है निर्जला एकादशी. जल के महत्व को समझने के लिए इस दिन बिना अन्न, जल ग्रहण किए व्रत करने का विधान है.
एकादशी का दिन विष्णु जी को समर्पित है, लेकिन ज्येष्ठ माह की निर्जला एकादशी के दिन कुछ खास पूजनीय पेड़ों को जल जरुर अर्पित करना चाहिए, इसके बिना व्रत अधूरा माना जाता है. इस साल निर्जला एकादशी 6 जून 2025 को है.
निर्जला एकादशी पर किन पेड़ों की पूजा करें ?
पीपल की पूजा क्यों करें – ज्येष्ठ महीने की निर्जला एकादशी पर पीपल पूजा की परंपरा है. इस पेड़ में त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास होता है. इस दिन पीपल की पूजा करने तीनों देव और पितर भी संतुष्ट हो जाते हैं. सुबह-सुबह पीपल पर देवी लक्ष्मी का आगमन होता है. इस कारण इसकी जल चढ़ाने और पूजा करना बहुत लाभदायक होता है. पीपल के पेड़ पर पानी में दूध और काले तिल मिलाकर चढ़ाने से पितर संतुष्ट होते हैं.
आंवले में जल चढ़ाने के लाभ – निर्जला एकादशी के दिन आंवले पेड़ में जल चढ़ाना लाभदायक होता है. इसके बाद इसकी जड़ में कच्चा दूध, अक्षत, रोली आदि पूजा सामग्री चढ़ाएं. मान्यता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है और रिश्तों में प्रेम बढ़ता है.
इस पेड़ में लगाएं सिर्फ दीपक
निर्जला एकादशी के दिन तुलसी की पूजा करते समय दीपक जरूर जलाना चाहिए. इस दिन तुलसी के पेड़ में जल नहीं चढ़ाया जाता है. साथ ही भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप भी करें. इसके अलावा निर्जला एकादशी के दिन तुलसी की पूजा के दौरान पौधे की 11 बार परिक्रमा करें.
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