पति पसंद नहीं तो इनकार की जगह कत्ल का ऑप्शन क्यों चुन रहीं महिलाएं? मनोचिकित्सक से जानें वजह

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मेघालय के शिलॉन्ग में हनीमून के दौरान लापता हुए इंदौर के नवविवाहित जोड़े राजा रघुवंशी और सोनम रघुवंशी के केस ने नया मोड़ ले लिया है. मेघालय पुलिस ने खुलासा किया है कि सोनम ने ही अपने पति राजा की हत्या कराई और इसके बाद वह लापता हो गई. फिलहाल सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ढाबे से गिरफ्तार कर लिया गया है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि अगर किसी महिला को अपना पति पसंद नहीं है तो वह शादी से पहले इनकार क्यों नहीं करती? इसकी जगह कत्ल का ऑप्शन क्यों चुन रही है? इस मामले में क्या कहते हैं मनोचिकित्सक, आइए जानते हैं. 

क्या है पूरा मामला?

इंदौर में रहने वाले राजा रघुवंशी की शादी 11 मई 2025 को सोनम से हुई थी.दोनों 20 मई को हनीमून के लिए शिलॉन्ग गए थे. 23 मई को दोनों का फोन बंद हो गया तो परिजनों ने अनहोनी की आशंका जताई. पुलिस ने जांच शुरू की तो 2 जून 2025 को राजा रघुवंशी का शव सड़ी-गली हालत में शिलॉन्ग की एक पहाड़ी की तलहटी में मिला.  हाथ पर लिखे ‘राजा’ टैटू से उसकी पहचान हुई. शुरुआत में सोनम को लापता माना गया और अपहरण की आशंका जताई गई. मेघालय पुलिस ने जांच के बाद बताया कि सोनम ने ही अपने पति की हत्या कराई. अब 9 जून 2025 को सोनम को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक ढाबे से गिरफ्तार कर लिया गया. 

भारत में लगातार सामने आ रहे मामले

भारत के कई शहरों से पति की हत्या के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. कुछ समय पहले मेरठ के मुस्कान केस ने पूरे देश में हलचल मचा दी थी. यहां मुस्कान नाम की एक महिला ने अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर पति सौरभ की हत्या कर दी थी. वहीं, उसके शव के टुकड़े-टुकड़े करके ड्रम में भर दिए थे. इसके बाद उत्तर प्रदेश के औरेया में प्रगति नाम की महिला ने शादी के 15 दिन बाद ही अपने पति दिलीप की हत्या करा दी थी. इसके अलावा शाहजहांपुर में एक महिला ने घरेलू हिंसा से तंग आकर पति की हत्या कर दी थी तो गाजीपुर में महिला ने अपने पति के खाने में जहर मिला दिया. उधर, मध्य प्रदेश में 65 वर्षीय प्रोफेसर ममता पाठक ने अपने डॉक्टर पति को बिजली का करंट लगाकर मार डाला.

मनोचिकित्सकों ने बताई हिंसा के पीछे की वजह

वैवाहिक तनाव और मेंटल हेल्थ पर रिसर्च कर रहीं मनोचिकित्सक डॉ. रजनी शर्मा ने बताया कि ऐसी घटनाएं सिर्फ एक व्यक्ति की मानसिक स्थिति का नतीजा नहीं हैं. इसके पीछे सामाजिक, मनोवैज्ञानिक और कानूनी वजह भी पूरी तरह जिम्मेदार हैं. उन्होंने बताया, ‘जब कोई महिला अपने पति से असंतुष्ट होती है तो वह अक्सर सामाजिक दबाव और अपेक्षाओं के कारण अपनी भावनाओं को दबा लेती है. यह दबाव समय के साथ गुस्से और निराशा में बदल सकता है, जो चरम पर जाकर हिंसक व्यवहार में तब्दील हो जाता है.’

हिंसा के लिए ये कारण भी जिम्मेदार

डॉ. रजनी के मुताबिक, भारतीय समाज में तलाक को सामाजिक कलंक के रूप में देखा जाता है. सोनम रघुवंशी के मामले में सोशल मीडिया पर यह सवाल पूछा जा रहा है कि अगर उसे लड़का पसंद नहीं था तो उसने शादी क्यों की? इस सवाल से सामाजिक प्रेशर का पता चलता है, जहां महिलाएं परिवार और समाज की अपेक्षाओं के कारण शादी के लिए सहमत हो जाती हैं. राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS-5) के अनुसार, 14 राज्यों में 30 फीसदी से अधिक महिलाएं पति की पिटाई को जायज मानती हैं, जो सामाजिक मान्यताओं की गहराई को दिखाता है. यह मानसिकता महिलाओं को अपनी भावनाएं व्यक्त करने से रोकती है, जिसकी वजह से दबा हुआ गुस्सा हिंसक रूप ले सकता है.

इन चीजों पर भी फोकस करना जरूरी

डॉ. रजनी के मुताबिक, भारत में मेंटल हेल्थ सर्विस बहुत सीमित हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, भारत में प्रति एक लाख लोगों पर सिर्फ 0.3 मनोचिकित्सक मौजूद हैं. वैवाहिक तनाव से जूझ रही महिलाओं को काउंसलिंग या थेरेपी का सहारा लेने का मौका कम ही मिलता है. अगर सोनम जैसे मामलों में महिलाओं को अपनी भावनाएं व्यक्त करने का सुरक्षित मंच मिलता तो शायद ऐसी घटनाएं टल सकती हैं. उन्होंने बताया कि लंबे समय तक हिंसा का सामना करने वाली महिलाओं में पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (PTSD) या डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं. ऐसी स्थिति में वे गुस्से में हिंसक कदम उठा सकती हैं. हालांकि, सोनम रघुवंशी के मामले में यह स्पष्ट नहीं है कि क्या वह घरेलू हिंसा की शिकार थी? यह बात स्पष्ट है कि वैवाहिक असंतोष ने उसे इस चरम कदम की ओर धकेल दिया.

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Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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