IPO ALERT: Arunaya Organics Ltd IPO में जाने Price Band, Allotment Status & Full Review | Paisa Live

इस Video में हम Arunaya Organics Ltd IPO के बारे में पूरी जानकारी देंगे, जिसमें IPO की GMP, Price Band, और Lot Size शामिल हैं। Arunaya Organics Ltd IPO के बारे में सभी Important Details जानें, जैसे इसके Launch Date, Subscription Dates और Expected Returns। हम इसके Risks और Benefits पर भी चर्चा करेंगे, ताकि आप सही निर्णय ले सकें। अगर आप Arunaya Organics Ltd IPO में Invest करने की सोच रहे हैं तो इस Video को जरूर देखें। Arunaya Organics Ltd IPO के बारे में सब कुछ जानने के लिए Video अंत देखें और Video अच्छी लगे तो Like, Comment and Share करना ना भूलें!

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गहनों के दाम पूछकर दुकान से निकल जा रहे ग्राहक, शादियों के सीजन में सोने की खरीदारी बनी आफत

Gold Prices: देश में सोने की कीमतें लगातार बढ़ती जा रही हैं. बीते 22 अप्रैल को सोने की कीमत ने पहली बार 1 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम के आंकड़े को पार कर लिया. इसके बाद भले ही सोने की कीमतों में कुछ कमी आई हो, लेकिन सोमवार 28 अप्रैल के मुकाबले मंगलवार 29 अप्रैल को सोने के दाम में करीब 400 रुपये की बढ़ोतरी हुई है. ऊपर से 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया भी है. ऐसे में मई के महीने में शादियों के सीजन में लोगों को चिंताएं सताने लगी है कि अगर शादी के लिए बजट का अधिकतर हिस्सा गहने खरीदने में खर्च हो जाएंगे, तो बाकी का खर्चा कैसे मैनेज होगा. 

शादियों के बजट पर असर

बता दें कि मई के महीने में शादी के लिए 15 दिन शुभ हैं. अमूमन एक सामान्य भारतीय शादी में औसतन 5 लाख से 20 लाख रुपये तक का खर्च आता है. इसमें कार्ड से लेकर वेन्यू और उसकी सजावट, कपड़े, केटरिंग के भी खर्चें शामिल हैं. ऐसे में सोने की कीमतें बढ़ने से शादी के बजट पर असर पड़ रहा है. ऐसे में कई लोग गहनों पर अपने खर्च में कटौती कर रहे हैं या पुराने गहनों को बदलकर नए गहने खरीद रहे हैं. ऐसे में पुराने सोने की खरीद को भले ही बढ़ावा मिल रहा है, लेकिन नए सोने की मांग में कमी आ रही है. 

पुराने गहनों की रिसाइक्लिंग 

बॉम्बे बुलियन एसोसिएशन के सदस्य और ज्वेलर संजय कोठारी ने बताया कि शादी-ब्याह के इस सीजन में 80 परसेंट ग्राहक पुराने गहनों को नया करवा रहे हैं, जिसमें उन्हें सिर्फ मेकिंग चार्ज देना पड़ रहा है. लोग सोने के सिक्कों या बार को भी पिघलाकर गहने बना रहे हैं. इस महंगाई में सिर्फ उच्च आय वर्ग के लोग ही खरीदारी करते नजर आ रहे हैं.  

ग्राहकों के साथ दुकानदार भी परेशान

न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा से बात करते हुए नोएडा की रुपा ने बताया, ”नवंबर में बेटी की शादी है और अचानक से सोने के दाम इतने बढ़ गए हैं कि अब कुछ समझ ही नहीं आ रहा है कि सोने की खरीदारी कैसे होगी?” चूंकि भारतीय शादियों में सोने एक परंपरा का हिस्सा है इसलिए कुछ महिलाएं मानती हैं कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी के बावजूद कुछ खरीद जरूरी है. भले ही 10 ग्राम की जगह 5 ग्राम सोना खरीदे. 

सोने के रिकॉर्ड हाई कीमत को लेकर दुकानदारों के भी माथे पर शिकन हैं. उनका कहना है कि ग्राहक आ तो रहे हैं, लेकिन बस दाम पूछकर लौट जा रहे हैं. ऐसे में खरीदारी में भारी गिरावट आई है. इंडियन बुलियन एसोसिएशन के मुताबिक, भारत में आज 10 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 96,320 रुपये है. 

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Akshaya Tritiya 2025: कहीं मेकिंग चार्ज फ्री, तो कहीं कीमत पर भारी डिस्काउंट; सोने की खरीद पर ब्रांड्स के लुभावने ऑफर्स

Akshaya Tritiya 2025: 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है. इससे पहले ग्राहकों को लुभाने के लिए देश के नामी-गिरामी ज्वेलर्स मेकिंग चार्ज और सोने की कीमतों पर भारी छूट दे रहे हैं. भले ही सोने की कीमतें आसमान छू रही हो, लेकिन अक्षय तृतीया के मौके पर सोना खरीदना शुभ माना जाता है. तनिष्क, सेन्को गोल्ड, एमपी ज्वैलर्स और पीसी चंद्रा ज्वैलर्स जैसे कई बड़े ब्रांड्स तरह-तरह के प्रोमोश्नल स्कीम्स ऑफर कर रहे हैं ताकि अगले शॉपिंग सीजन में सेल में कोई कमी न आए. 

मेकिंग चार्ज और कीमत पर भारी छूट

तनिष्क सोने के मेकिंग चार्ज पर 20 परसेंट तक का डिस्काउंट दे रहा है, जबकि सेन्को गोल्ड सोने की कीमतों में 350 रुपये की छूट और मेकिंग चार्ज पर 30 परसेंट तक की छूट दे रहा है. इसके अलावा, डायमंड ज्वेलरी की खरीद पर मेकिंग चार्ज बिल्कुल फ्री है और खरीद पर भी 15 परसेंट डिस्काउंट है. वहीं, अगर एमपी ज्वेलर्स की बात करें, तो यह ब्रांड सोने के गहनों पर 300 रुपये प्रति ग्राम की छूट के साथ-साथ मेकिंग चार्ज में 10 परसेंट का डिस्काउंट दे रहा है. पीसी चंद्रा ज्वेलर्स ने भी सोने की कीमतों पर 200 रुपये प्रति ग्राम की छूट, मेकिंग चार्ज में 15 परसेंट की छूट और हीरे के आभूषणों की खरीद पर 10 परसेंट की छूट का ऐलान किया है. 

सोने पर ग्राहकों का भरोसा ऑल टाइम हाई 

अंजलि ज्वेलर्स के डायरेक्टर अनरघा उत्तिया चौधरी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, ”हमें उम्मीद है कि इस बार अक्षम तृतीया पर खरीद अच्छी होगी क्योंकि सोने पर ग्राहकों का भरोसा ऑल टाइम हाई पर है.” उन्होंने यह भी कहा कि चूंकि सोने को सुरक्षित निवेश माना जाता है और दुनियाभर के केंद्रीय बैंक भी संभावित महंगाई से बचने के लिए सोने की खरीद पर फोकस कर रहे हैं ऐसे में ग्राहकों के इसी क्रेज को भुनाने के लिए मेकिंग चार्ज पर डिस्काउंट दिया जा रहा है ताकि उनके लिए खरीदारी के अनुभव को और रोमांचक बनाया जा सके. 

चांदी में भी बढ़ रही दिलचस्पी

सोने के साथ-साथ चांदी भी निवेशकों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है. जीरोधा फंड हाउस की रिपोर्ट के अनुसार भारत में सिल्वर ईटीएफ का एयूएम जनवरी 2025 तक 13,500 करोड़ रुपये को पार कर गया है, जो यह दर्शाता है कि नवंबर 2021 में सेबी द्वारा परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों को सिल्वर ईटीएफ लॉन्च करने की अनुमति दिए जाने के बाद से इसमें रुचि बढ़ रही है. 

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Gold Prices: क्यों दुनियाभर में बढ़ रही हैं सोने की कीमतें? जानें असली वजह

Gold Prices: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ब्याज दरों में कटौती के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व पर लगातार दबाव बनाए जाने के बाद डॉलर अपने तीन साल के निचले स्तर पर पहुंच गया है. ऐसे में ग्लोबल इंवेस्टर्स अमेरिकी शेयर बाजार से पैसे निकाल रहे हैं. इसके चलते सोने की कीमतों में रिकॉर्ड तेजी देखने को मिली है. 

ग्लोबल रिजर्व करेंसी निचले स्तर पर पहुंचा

ट्रंप ने बीते हफ्ते फेड चेयरमैन जेरोम पावेल की आलोचना की थी. ट्रंप की यह धमकी फेड की स्वतंत्रता के लिए खतरा माना गया. नतीजतन, डॉलर पर दबाव बढ़ा और वह तीन साल के निचले स्तर पर आ गया. पिछले कुछ सालों में अमेरिकी डॉलर की मांग बढ़ी है. इसने बाकी दुनिया के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन भी किया है.

वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों ने इसमें निवेश को सुरक्षित माना. वैसे भी डॉलर को ग्लोबल रिजर्व करेंसी माना जाता है, लेकिन अमेरिकी टैरिफ पॉलिसी ने ग्लोबल मार्केट को हिलाकर रख दिया है और डॉलर परिसंपत्तियों में निवेशकों का भरोसा कम हुआ है. अमेरिकी शेयर बाजार में लगभग 11 परसेंट की गिरावट आई है, और इस साल जनवरी से अमेरिकी डॉलर में 9 परसेंट से अधिक की गिरावट आई है. 

डॉलर से हिला निवेशकों का भरोसा 

जेरोम पावेल को ट्रंप की धमकी के बाद डॉलर इंडेक्स 97.92 के लेवल पर पहुंच गया, जो मार्च 2022 के बाद से सबसे निचला स्तर है. स्विस फ्रैंक के मुकाबले यह करेंसी एक दशक के निचले स्तर पर पहुंच गई है और यूरो तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया. भारतीय रुपया भी मजबूत हुआ और पिछले सप्ताह 87.99 डॉलर के सर्वकालिक निम्न स्तर से उबरकर 85 डॉलर प्रति डॉलर पर पहुंच गया.

इस साल अब तक घरेलू और विदेशी दोनों बाजारों में सोने की कीमत में 30 परसेंट से अधिक की वृद्धि हुई है, क्योंकि ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी और व्यापार नीतियों पर इसकी अनिश्चितता ने डॉलर परिसंपत्तियों में विश्वास को खत्म कर दिया है, जिससे सोने जैसी पारंपरिक सुरक्षित वस्तुओं की मांग बढ़ गई है. 

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भारत-पाक तनाव के बीच शेयर बाजार ने लगाई छलांग, 80000 के पार गया सेंसेक्स, निफ्टी भी उछला

Stock Market 28 April Today: जम्मू कश्मीर पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हमला और उसके चलते भारत-पाकिस्तान रिश्तों में बढ़े तनाव की वजह से पिछले हफ्ते के आखिरी दो कारोबारी दिवस पर बाजार में गिरावट दिखी थी. लेकिन 28 अप्रैल यानी सोमवार को वैश्विक तेजी के बीच स्टॉक मार्केट ग्रीन जोन में खुला है. सुबह करीब साढ़े नौ बजे सेंसेक्स में 327.74 अंक यानी 0.41 प्रतिशत की बढ़त हुई और ये 79,540.27 पर आ गया.

जबकि निफ्टी-50 भी 77.70 अंक या 0.32% की तेजी के साथ 24,152.20 के स्तर पर खुला. इससे पहले, जब शुक्रवार 25 अप्रैल को भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ था. सेंसेक्स 588.90 प्वाइंट यानी 0.74 प्रतिशत फिसलकर 79,212.53 पर आ गया था तो वहीं निफ्टी 207.35 अंक नीचे गिरकर 24,039.35 पर बंद हुआ था.

स्टॉक मार्केट में बढ़त

अगर वैश्विक बाजारों की बात करें तो सोमवार को गिफ्ट निफ्टी 24,232 के करीब कारोबार कर रहा है, जो पिछले सत्र के निफ्टी फ्यूचर्स क्लोज के मुकाबले 93 प्वाइंट्स का प्रीमियम जाहिर कर रहा है. अमेरिकी बाजार में भी तेजी देखी गई. MSCI एशिया पैसिफिक इंडेक्स 0.1 फीसदी चढ़ा जबकि जापान के निक्केई में 22 अंक यानी 0.82 प्रतिशत का बढ़त दिखी. तो वहीं दक्षिण कोरिया को कोस्पी में 0.32 फीसदी का इजाफा दिखा.

शुक्रवार को अमेरिकी बाजार बढ़त के साथ बंद हुआ था. उसकी वजह है टैरिफ पर ट्रंप की नरमी और रूस-चीन के बाच व्यापारित तनाव में कमी के संकेत ने निवेशकों के भरोसे को बढ़ाने का काम किया है.

RIL के शानदार नतीजे

आरआईएल के आए नतीजे से पता चला है कि इसका प्रॉफिट बढ़कर 19,407 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है, जबकि रिटेल और जियो का भी बेहतरीन प्रदर्शन रहा. इस साल यानी 2025 में ऐसी पहली भारतीय कंपनी बन गई है जिसने 10 लाख करोड़ का नेटवर्थ पार किया है. जबकि ओरेकल फाइनेंशियल सर्विसेज का मुनाफा भी 14 प्रतिशत बढ़ गया है. इसकी रिवेन्यू में भी करीब 5 फीसदी की उछाल देखने को मिला है.

आरबीएल बैंक का चौथी तिमाही करीब 80 प्रतिशत मुनाफा कम हो गया और ब्याज से कमाई में भी 2 फीसदी की कमी आयी है. जबकि, आईडीएएफसी फर्स्ट बैंक के नतीजे भी उम्मीद के अनुरूप नहीं रहे.  

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सोना 28 अप्रैल को हुआ सस्ता, क्या अक्षय तृतीया से पहले खरीदने का ये सही मौका? जानें लेटेस्ट रेट्स

Gold Price 28 April Today: सोने के दाम में हाल के दिनों में काफी तेजी दिखी और इसकी कीमत पहली बार एक लाख रुपये को पार कर गई. हालांकि, दो आर्थिक महाशक्ति वाशिंगटन और बीजिंग के बीच व्याप्त तनाव के इतर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ये दावा कि कि उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बात की. इसके बाद ये उम्मीद जगी है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते सुधर सकते हैं. वैसे बीजिंग की तरफ से जरूर ये कहा गया है कि सक्रिय व्यापार (Active Trade) को लेकर अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है. इन सबके बीच अमेरिकी डॉलर की मजबूती से सोने के दाम में रिकॉर्ड हाई से गिरावट देखने को मिला है.

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या सोना आपको इस वक्त खरीदना चाहिए. 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है, जिसे अखा तीज भी कहा जाता है, जिसका हिन्दू समुदाय में खास महत्व है. ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया बेहतर भविष्य लेकर आता है, ऐसे में भविष्य में सुखी-संपन्नता के लिए कई लोग इस दिन सोना खरीदते हैं. ये भी मानते हैं कि इस दिन सोना खरीदने से लगातार बरकत होती है. आइये जान लेते है कि 28 अप्रैल को आपके शहर में क्या है सोने के नए रेट्स-

सोने के दाम में गिरावट

एमसीएक्स पर सोना सुबह 8 बजे प्रति 10 ग्राम 94,818 रुपये के दर से बिक रहा था, यानी इसके दाम में 174 रुपये की कमी आयी है. ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, चांदी के भाव में 641 रुपये की कमी और 95,800 रुपये प्रति किलो के दर पर कारोबार कर रही है.

इसी तरह से इंडियन बुलियन एसोसिएशन (आईबीए) के मुताबिक, 24 कैरेट सोना 28 अप्रैल की सुबह 8 बजे 95,060 रुपये प्रति 10 ग्राम की दर से बिक रहा था. जबकि 22 कैरेट सोना 87,1138 रुपये के भाव से बिक रहा है. हालांकि, चांदी (सिल्वर 999 फाइन) 96,350 रुपये प्रति किलो के दर से बिक रही है.

मुंबई-

इंडियन बुलियन पर मुंबई में सोना 95,010 प्रति 10 ग्राम तो वहीं चांदी 96,210 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है. जबकि एमसीएक्स पर सोना 94,818 रुपये और चांदी 999 का रेट 95,800 रुपये है.

दिल्ली-

अगर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां पर बुलियन रेट सोना का 94,840 रुपये जबकि चांदी 96,040 रुपये है. तो वहीं एमसीएक्स पर सोना 94,818 और चांदी 95,800 रुपये प्रति किलो के दर से कारोबार कर रही है.

बेंगलुरु

बुलियन रेट के हिसाब से बेंगलुरू में सोना 95,080 रुपये प्रति 10 ग्राम पर कारोबार कर रहा है तो वहीं चांदी 96,280 रुपये प्रति किलो बिक रही है. एमसीएक्स पर सोने का भाव 94,818 रुपये जबकि चांदी 999 का रेट 95,800 रुपये है. 

चेन्नई 
अगर चेन्नई की बात करें तो यहां बुलियन पर सोने का भाव 95,280 रुपये प्रति 10 ग्राम जबकि चांदी 96,490 रुपये के दर से बिक रही है. तो वहीं एमसीएक्स पर सोना 94,818 तो वहीं चांदी 999 का रेट 95,800 रुपये है.

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भारतीय IPO बाजार में फिर लौटी रौनक, 1 मेनबोर्ड और 4 SME आईपीओ से गुलजार होगा स्टॉक मार्केट

काफी महीनों की सुस्ती के बाद भारतीय IPO बाजार में फिर से जान आ गई है. इस हफ्ते निवेशकों के लिए उत्साह दोगुना होने वाला है. दरअसल, स्टॉक मार्केट में इस सप्ताह 1 मेनबोर्ड IPO, 4 SME IPOs और 1 लिस्टिंग धमाल मचाने के लिए तैयार है. खास बात ये है कि आने वाले महीनों में कई और बड़े IPOs आने वाले हैं, जिससे निवेशकों के लिए एक्साइटमेंट और बढ़ने वाली है.

मेनबोर्ड बनाम SME IPOs

अब तक 2025 में 10 मेनबोर्ड IPOs और 59 SME IPOs बाजार में आ चुके हैं. जहां SME सेगमेंट ने IPO बाजार की रफ्तार को बनाए रखा है, वहीं मेनबोर्ड पर थोड़ी सुस्ती रही है. लेकिन अब संकेत मिल रहे हैं कि बड़े खिलाड़ी भी जल्द एंट्री करने वाले हैं.

इस हफ्ते का मेनबोर्ड स्टार

इस हफ्ते की सबसे बड़ी खबर है Ather Energy का IPO. इलेक्ट्रिक व्हीकल बनाने वाली कंपनी Ather Energy का IPO Rs 2,981.06 करोड़ का बुक-बिल्डिंग इश्यू है.

सब्सक्रिप्शन डेट: 28 अप्रैल से 3 मई

प्राइस बैंड: 304 से 321 रुपये प्रति शेयर

फ्रेश इश्यू: 8.18 करोड़ शेयर्स (2,626.30 करोड़ रुपये)

OFS: 1.11 करोड़ शेयर्स (354.76 करोड़ रुपये)

शेयर अलॉटमेंट: 2 मई को तय होने की उम्मीद है और लिस्टिंग 6 मई को BSE और NSE पर होगी.

Axis Capital, HSBC Securities, JM Financial और Nomura जैसे बड़े इन्वेस्टमेंट बैंक इस IPO को लीड कर रहे हैं, जबकि Link Intime India रजिस्ट्रार की भूमिका निभा रहा है.

SME IPOs भी बढ़ाएंगे बाजार में हलचल

Ather Energy जहां मेनबोर्ड पर फोकस बनाए हुए है, वहीं SME सेगमेंट में भी इस हफ्ते चार IPOs आ रहे हैं.

Iware Supplychain Services IPO

ओपनिंग: 28 अप्रैल से 30 अप्रैल

लिस्टिंग: 6 मई, NSE SME प्लेटफॉर्म पर

इश्यू साइज: 27.13 करोड़ रुपये (28.56 लाख शेयर्स)

प्राइस: फिक्स्ड प्राइस इश्यू

GetFive Advisors इस IPO को मैनेज कर रहा है और Kfin Technologies रजिस्ट्रार है.

Kenrik Industries IPO

ओपनिंग: 29 अप्रैल से 6 मई

प्राइस: 25 रुपये प्रति शेयर

इश्यू साइज: 8.75 करोड़ रुपये (34.98 लाख शेयर्स)

लिस्टिंग: 9 मई, BSE SME प्लेटफॉर्म पर

Turnaround Corporate Advisors मैनेजर है और Skyline Financial Services रजिस्ट्रार की भूमिका निभा रहा है.

Arunaya Organics IPO

ओपनिंग: 29 अप्रैल से 2 मई

प्राइस बैंड: 55 से 58 रुपये प्रति शेयर

इश्यू साइज: 33.99 करोड़ रुपये

लिस्टिंग: 7 मई, NSE SME प्लेटफॉर्म पर

Unistone Capital इस इश्यू को लीड कर रहा है और Bigshare Services रजिस्ट्रार है.

Wagons Learning IPO

ओपनिंग: 2 मई से 6 मई

प्राइस बैंड: 78 से 82 रुपये प्रति शेयर

इश्यू साइज: 38.38 करोड़ रुपये

लिस्टिंग: 9 मई, BSE SME प्लेटफॉर्म पर

Khandwala Securities लीड मैनेजर है और Cameo Corporate Services रजिस्ट्रार रहेगा.

इस हफ्ते की लिस्टिंग अलर्ट

नए IPOs के अलावा इस हफ्ते एक लिस्टिंग भी देखने को मिलेगी. Tankup Engineers, जिसका सब्सक्रिप्शन 25 अप्रैल को खत्म हुआ था, अब 30 अप्रैल को बाजार में डेब्यू करेगा.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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Vakrangee Limited में बाजार खुलते दिख सकती है हलचल, 10 रुपये से कम है स्टॉक की कीमत

सोमवार के ट्रेडिंग सेशन में छोटा मगर दमदार स्टॉक Vakrangee Limited पूरी तरह से निवेशकों के फोकस में रहने वाला है. शनिवार, 26 अप्रैल को कंपनी ने अपने तिमाही नतीजे जारी किए, जो बाजार के लिए एक पॉजिटिव संकेत बन सकते हैं.

रिजल्ट से ठीक पहले शुक्रवार को Vakrangee का शेयर 1.88 प्रतिशत गिरकर 9.90 रुपये पर बंद हुआ था. पिछले छह महीनों में इस स्टॉक ने लगभग 62.56 प्रतिशत की गिरावट देखी है और बीते एक साल में 63.93 प्रतिशत तक लुढ़क चुका है. लेकिन अब ताजा नतीजों के बाद इसमें नई हलचल देखने को मिल सकती है.

Q4 नतीजों में दिखा मजबूती का संकेत

मार्च 2025 तिमाही में Vakrangee Limited ने 15.98 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 2.54 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट दर्ज किया है, जो पिछले साल की समान तिमाही में 2.19 करोड़ था. वहीं कंपनी की सेल्स भी 17.24 प्रतिशत बढ़कर 63.18 करोड़ तक पहुंच गई, जो मार्च 2024 में 53.89 करोड़ रुपये थी. इन आंकड़ों से साफ है कि Vakrangee की वित्तीय सेहत धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है.

सालाना प्रदर्शन भी रहा दमदार

पूरे वित्तीय वर्ष 2025 के लिए Vakrangee का नेट प्रॉफिट 53.10 प्रतिशत बढ़कर 6.66 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है, जो पिछले साल 4.35 करोड़ था. इसी दौरान सेल्स भी लगभग 20 प्रतिशत बढ़कर 255.01 करोड़ रुपये हो गई है. सालाना आधार पर राजस्व में 18.5 प्रतिशत की बढ़त और प्रॉफिट बिफोर टैक्स में 68.9 प्रतिशत का जबरदस्त उछाल देखने को मिला है.

ATM प्रोडक्ट्स के इंटर-कंपनी ट्रांजेक्शन का प्रभाव

कंपनी ने बताया कि लगभग 5.7 करोड़ का रेवेन्यू इंटर-कंपनी सेल्स के चलते कंसोलिडेशन में एडजस्ट किया गया है. हालांकि, इसके बावजूद Vakrangee का एनुअल ग्रॉस ट्रांजेक्शन वैल्यू 54,258.5 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है और सालभर में कंपनी ने 12.6 करोड़ से ज्यादा ट्रांजेक्शन पूरे किए हैं.

डेब्ट-फ्री स्टेटस से बढ़ा भरोसा

Vakrangee Limited ने अपनी एक्सचेंज फाइलिंग में बताया कि कंपनी और उसकी सभी सब्सिडियरी यूनिट्स पूरी तरह से डेब्ट-फ्री हैं. मजबूत बैलेंस शीट के चलते Vakrangee को अपने एक्सपैंशन प्लान्स को तेजी से आगे बढ़ाने का भरोसा है. कंपनी का मानना है कि वह लॉन्ग टर्म में मजबूत और टिकाऊ ग्रोथ हासिल करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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आज कितने में बिक रहा है आपके यहां 1 ग्राम सोना? फटाफट चेक करें इन 10 बड़े शहरों में लेटेस्ट रेट

Gold-Silver Price: देश में सोने की कीमतों में लगातार उछाल देखने को मिल रहा है. बीते दिनों इसकी कीमत प्रति 10 ग्राम 1 लाख रुपये के लेवल तक पहुंच गई थी. इसके बाद सोने की कीमतें भले ही थोड़ी कम हुई हैं, लेकिन जल्द ही भाव बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. देश में आज 24 कैरेट सोने की कीमत 9,821 रुपये प्रति ग्राम है, जबकि 1 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 9,002 रुपये है. वहीं, इतने ही ग्राम का 18 कैरेट सोना 7,366 रुपये में मिल रहा है. 

24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट में अंतर?

24 कैरेट सोना 99.99 परसेंट शुद्ध होता है. हालांकि, ये बाजार में सिक्के या बार के रूप में ही उपलब्ध होते हैं. इनसे गहने नहीं बनाए जाते हैं. गहनों के लिहाज से 22 कैरेट सोना उपयुक्त होता है. इसमें 91.6 परसेंट सोने की मात्रा रहती है, जबकि बाकी इसमें कॉपर और जिंक जैसे मेटल मिलाए जाते हैं इसलिए यह 24 कैरेट सोने के मुकाबले मजबूत होते हैं. वहीं, 18 कैरेट में सोने की मात्रा 75 परसेंट ही होती है. बाकी इसमें जिंक, कॉपर, सिल्वर, निकेल जैसी धातुएं मिलाई जाती हैं. आमतौर पर हीरा या मोती जड़े हुए सोने के गहने 18 कैरेट से ही बने होते हैं. अब आइए जानते हैं कि देश के कुछ बड़े शहरों में आज सोने की कीमत कितनी है-

दिल्ली 

राष्ट्रीय राजधानी में आज 1 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 9,831 रुपये है, जबकि 1 ग्राम 22 कैरेट सोने की कीमत 9,017 है. वहीं 18 कैरेट का भाव 7,378 रुपये है. 

मुंबई, कोलकाता, हैदराबाद और बेंगलुरु 

मुंबई कोलकाता, हैदराबाद और बेंगलुरु में आज सोने की कीमत बरारब है. यहां आज 24 कैरेट सोने का भाव प्रति ग्राम 9,821 रुपये है. यहां प्रति ग्राम के हिसाब से 22 कैरेट सोने की कीमत 9,002 रुपये है. वहीं, 18 कैरेट सोने की कीमत 7,366 रुपये प्रति ग्राम है. 

चेन्नई 

चेन्नई में आज 24 कैरेट, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने की कीमत क्रमश: 9,821 रुपये,  9,002 रुपये और 7,460 रुपये है. 

लखनऊ

लखनऊ में आज 24 कैरेट सोने की कीमत 9,831 है. वहीं, 22 कैरेट और 18 कैरेट सोने की कीमत यहां क्रमश: 9,017 और 7,378 रुपये है. 

पटना 

पटना में आज 1 ग्राम 24 कैरेट सोने की कीमत 9,826 रुपये है. 22 कैरेट सोने की कीमत प्रति ग्राम 9,007 रुपये है और 18 कैरेट सोने की कीमत 7,370 रुपये है. 

चांदी की कीमत

भारत में आज 1 ग्राम चांदी की कीमत 101.90 रुपये है. वहीं, 1 किलो चांदी का भाव 1,01,900 रुपये है. चांदी की कीमत में एक हफ्ते के दौरान 1900 रुपये की तेजी आई है. 

 

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नवरत्न कंपनी रेलटेल को मिला 90.08 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर, शेयरों में आ सकता है उछाल

RailTel: पब्लिक सेक्टर के रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड को इंस्टीट्यूट ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट से 90.08 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर मिला है. इस कॉन्ट्रैक्ट में तीन परिवहन निगमों: एमटीसी लिमिटेड, चेन्नई, टीएनएसटीसी-कोयंबटूर और टीएनएसटीसी-मदुरै के लिए एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ERP) सिस्टम के डिजाइन, डेपलपमेंट, सप्लाई, इम्प्लीमेंटेशन, ऑपरेशन और मेनटेनेंस का काम शामिल है. 

क्या होता है ERP?

रेलटेल के इस प्रोजेक्ट के 18 अक्टूबर, 2026 तक पूरा होने की उम्मीद जताई जा रही है. बता दें कि ERP एक तरह का सॉफ्टवेयर सिस्टम होता है, जो किसी कंपनी को चलाने के लिए सभी जरूरी विभागों और प्रक्रियाओं को एक साथ जोड़ता है जैसे कि फाइनेंस, मैन्युफैक्चरिंग, ह्यूमन रिसोर्स, सप्लाई चेन, खरीद और बिक्री. इससे डेटा का फ्लो बना रहता है और कामकाज में भी सुधार देखने को मिलता है. 

मार्च में HPCL से मिला था ऑर्डर

रेलटेल ने यह साफ कह दिया है कि ऑर्डर देने वाली संस्था और उसके प्रोमोटरों के बीच कोई संबंध नहीं है. यानी कि इसे रिलेटेड पार्टी ट्रांजैक्शन डील नहीं माना जाएगा. इससे पहले मार्च 2025 में रेलटेल को हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) से 25.15 करोड़ रुपये का बड़ा ऑर्डर मिला था. शुक्रवार (26 अप्रैल) रेलटेल के शेयर 5 परसेंट की गिरावट के साथ बंद हुए. 2025 में अब तक शेयर में 25.69 परसेंट तक की गिरावट आ चुकी है. 

क्या करती है रेलटेल? 

बता दें कि रेलटेल भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियों में से एक है, जो रेल मंत्रालय के तहत आता है. 2000 में स्थापित हुई यह इकलौती ऐसी कंपनी है, जिसके पास रेलवे ट्रैक के साथ ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क बिछाने का ‘राइट ऑफ वे’ (Right of Way – RoW) है. यह कंपनी देशव्यापी ब्रॉडबैंड, टेलीकम्युनिकेशन और मल्टीमीडिया नेटवर्क का संचालन करती है ताकि भारतीय रेलवे के लिए दूरसंचार प्रणाली, ट्रेन नियंत्रण संचालन और इसके सुरक्षा तंत्र का आधुनिकीकरण किया जा सके. 

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SIP बन सकता है जादुई चिराग, सिर्फ कुछ साल में आसानी से ऐसे बना सकते हैं 2 करोड़ का फंड!

अगर आप भी लंबे समय में अच्छा खासा पैसा इकट्ठा करना चाहते हैं, तो सिर्फ सेविंग्स से काम नहीं चलेगा, आपको फाइनेंशियल डिसिप्लिन और एक स्मार्ट निवेश स्ट्रैटेजी की भी ज़रूरत होगी. आजकल निवेशकों के बीच म्यूचुअल फंड में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) काफी लोकप्रिय हो गया है. छोटे-छोटे मासिक निवेश से बड़ा फंड बनाना चाहते हैं तो SIP एक शानदार विकल्प हो सकता है.

SIP बन सकता है जादुई चिराग

SIP का सबसे बड़ा फायदा है पावर ऑफ कंपाउंडिंग, यानी आपके पैसों से जो कमाई होती है, वही कमाई आगे और कमाई करने लगती है. लेकिन ध्यान रहे, SIP में निवेश का अवधि यानी कितना लंबा समय आप निवेश करते हैं, इसका बहुत बड़ा रोल होता है. जितना लंबा निवेश, उतना ज्यादा संभावित रिटर्न.

2 करोड़ का फंड कितने साल में बन जाएगा?

अगर आपकी भी प्लानिंग है कि अगले 15 सालों में 2 करोड़ रुपये का फंड तैयार करना है, तो इसके लिए आपको थोड़ी रणनीति बनानी होगी और सही तरीके से मासिक निवेश तय करना होगा. मान लीजिए कि आपको औसतन 12 फीसदी का सालाना रिटर्न मिलता है, तो इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए आपको हर महीने करीब 42,100 का निवेश करना पड़ेगा.

ऐसा करने से आपका कुल निवेश 75.78 लाख रुपये हो जाएगा. इसके अलावा, कुल ब्याज/रिटर्न 1.24 करोड़ रुपये होगा. वहीं, 15 साल बाद कुल वैल्यू 2 करोड़ रुपये हो जाएगी. यानि अगर आप हर महीने 42,100 SIP में डालते हैं और सालाना 12 फीसदी का रिटर्न मिलता है, तो 15 साल में आपका सपना सच हो सकता है.

कहां करें निवेश?

ऐसे लक्ष्य को पाने के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड्स सबसे अच्छे माने जाते हैं. खासतौर पर लार्ज-कैप फंड्स सालाना 12 फीसदी से 16 फीसदी तक का रिटर्न दे सकते हैं. अगर आप थोड़ा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं, तो मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स में भी निवेश कर सकते हैं, जहां ऐतिहासिक आंकड़े दिखाते हैं कि रिटर्न की संभावना और भी ज्यादा हो सकती है. लेकिन याद रखें, मिड और स्मॉल-कैप फंड्स के साथ जोखिम भी ज्यादा होता है.

कंजरवेटिव निवेशकों के लिए सलाह

अगर आप रिस्क से बचना चाहते हैं तो आप लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप फंड्स का बैलेंस बना सकते हैं और साथ ही कुछ पैसा गोल्ड, डैब्ट फंड्स या रियल एस्टेट जैसी सुरक्षित संपत्तियों में भी डाल सकते हैं. इससे आपका पोर्टफोलियो डाइवर्सिफाइड रहेगा और बाजार की उठापटक का असर कम होगा.

डिस्क्लेमर: (यहां मुहैया जानकारी सिर्फ़ सूचना हेतु दी जा रही है. यहां बताना जरूरी है कि मार्केट में निवेश बाजार जोखिमों के अधीन है. निवेशक के तौर पर पैसा लगाने से पहले हमेशा एक्सपर्ट से सलाह लें. ABPLive.com की तरफ से किसी को भी पैसा लगाने की यहां कभी भी सलाह नहीं दी जाती है.)

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World Bank Poverty Report: भारत के खेमे में आई एक और बड़ी कामयाबी, एक्सट्रीम गरीबी से बाहर निकले 17 करोड़ लोग, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

भारत ने पिछले दशक में गरीबी के खिलाफ बड़ी कामयाबी हासिल की है. वर्ल्ड बैंक की ताजा ‘पावर्टी एंड इक्विटी ब्रीफ’ रिपोर्ट के अनुसार, 2011-12 से 2022-23 के बीच करीब 171 मिलियन यानी 17 करोड़ से ज्यादा लोग एक्सट्रीम गरीबी (Extreme Poverty) से बाहर निकले हैं. रिपोर्ट में बताया गया कि जो लोग रोजाना करीब 180 रुपये से कम में जीवन यापन कर रहे थे, उनकी संख्या 16.2 फीसदी से घटकर 2.3 फीसदी रह गई है.

गांव और शहर दोनों में बड़ी गिरावट

गांवों में एक्सट्रीम गरीबी 18.4 फीसदी से घटकर 2.8 फीसदी और शहरों में 10.7 फीसदी से गिरकर 1.1 फीसदी पर आ गई है. खास बात यह है कि अब ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच गरीबी का अंतर भी पहले से काफी कम हो गया है, जो 7.7 प्रतिशत से घटकर सिर्फ 1.7 प्रतिशत रह गया है.

भारत अब ‘लोअर मिडल इनकम’ देश बना

रिपोर्ट बताती है कि भारत ने 3.65 डॉलर प्रतिदिन की गरीबी रेखा के मापदंड पर भी बड़ी प्रगति की है. इस आधार पर गरीबी 61.8 फीसदी से घटकर 28.1 फीसदी रह गई है, यानी 378 मिलियन लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठे हैं. इसमें उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश ने सबसे बड़ा योगदान दिया है. हालांकि, आज भी देश के 54 फीसदी अत्यंत गरीब इन्हीं राज्यों से आते हैं.

बहुआयामी स्तर पर सुधार हुआ

भारत ने केवल आर्थिक गरीबी ही नहीं, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर से जुड़ी बहुआयामी गरीबी (MPI) में भी शानदार सुधार किया है. 2005-06 में MPI 53.8 फीसदी था, जो 2019-21 में घटकर 16.4 फीसदी रह गया है.

रोजगार के मोर्चे पर सकारात्मक संकेत

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 2021-22 के बाद से रोजगार वृद्धि दर कामकाजी आबादी की तुलना में तेज़ रही है. महिलाओं की रोजगार दर में भी सुधार हुआ है और शहरी बेरोजगारी दर 6.6 फीसदी तक घट गई है, जो 2017-18 के बाद सबसे कम है. पहली बार ऐसा देखा गया है कि पुरुषों का पलायन गांव से शहर की ओर बढ़ा है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की कृषि में हिस्सेदारी बढ़ी है.

कुछ चुनौतियां अब भी बरकरार

हालांकि, चुनौतियां पूरी तरह खत्म नहीं हुई हैं. युवाओं में बेरोजगारी दर अब भी 13.3 फीसदी है और ग्रेजुएट युवाओं में यह 29 फीसदी तक पहुंच जाती है. इसके अलावा, असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों की संख्या काफी ज्यादा बनी हुई है. महिलाओं और पुरुषों के बीच रोजगार में भी अभी बड़ा अंतर है. आज भी 23 करोड़ से ज्यादा पुरुष महिलाओं की तुलना में आर्थिक रूप से अधिक सशक्त हैं.

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अब EPF अकाउंट ट्रांसफर कराना हुआ आसान, जॉब चेंज करते वक्त नहीं आएगी ये दिक्कत

EPFO Account Transfer: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने शुक्रवार को फॉर्म 13 में बदलाव किया है और इसी के साथ ईपीएफ अकाउंट ट्रांसफर कराने में एम्प्लॉयर के अप्रूवल की शर्त हटा दी है. प्राइवेट सेक्टर में जब लोग एक नौकरी से दूसरे में स्विच करते हैं, तब उन्हें ईपीएफ अकाउंट ट्रांसफर कराने की जरूरत पड़ती है. अब ईपीएफओ के उठाए गए इस कदम से 1.25 से अधिक ग्राहकों को फायदा होगा. उनके लिए अब जॉब चेंज करने पर ईपीएफओ अकाउंट ट्रांसफर कराने की प्रक्रिया आसान हो गई है. 

अब नहीं पड़ेगी डेस्टिनेशन ऑफिस के अप्रूवल की जरूरत

अभी तक पीएफ अकाउंट का ट्रांसफर सोर्स ऑफिस और डेस्टिनेशन ऑफिस दोनों की भागीदारी से होता था. लेकिन अब नए नियम के मुताबिक, ईपीएफओ अकाउंट ट्रांसफर में डेस्टिनेशन ऑफिस के अप्रूवल की जरूरत नहीं पड़ेगी, बल्कि सिर्फ सोर्स ऑफिस के अप्रूवल से ही काम हो जाएगा. ईपीएफओ ने एक बयान में कहा है, ”अकाउंट ट्रांसफर के प्रॉसेस को और आसान बनाने के मकसद से ईपीएफओ ने रीवैम्प्ड फॉर्म 13 सॉफ्टवेयर को लॉन्च किया है.”

हर साल 90,000 करोड़ रुपये होंगे ट्रांसफर

ईपीएफओ ने कहा है कि इस नए फैसले के साथ एक बार सोर्स ऑफिस से क्लेम अप्रूव हो जाने के बाद अकाउंट अपने आप ही डेस्टिनेशन ऑफिस में ईपीएफओ मेंबर के वर्तमान खाते में ट्रांसफर हो जाएगा. ईपीएफओ ने कहा है कि इससे 1.25 करोड़ से अधिक सदस्यों को फायदा होगा, जिससे हर साल लगभग 90,000 करोड़ रुपये का ट्रांसफर हो सकेगा. अकाउंट ट्रांसफर प्रॉसेस में तेजी आएगी.

बल्क में यूएएन जेनरेट कर सकेंगी कंपनियां

इसी के साथ ईपीएफओ ने यूएएन जेनरेट करने के लिए आधार की आवश्यकताओं में ढील दी है. एम्प्लॉयर्स आईडी और रिकॉर्ड पर उपलब्ध जानकारी के आधार पर बल्क में आधार जेनरेट कर सकेंगे ताकि मेंबर्स के अकाउंट में फंड्स जल्द से जल्द जमा हो सके. ईपीएफओ अपने सब्सक्राइबर्स के साथ-साथ एम्प्लॉयीज का भी ख्याल रखते हुए लगातार सुविधाएं बेहतर बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है.  

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अक्षय तृतीया पर सोना खरीदने का है प्लान? इस तरीके से शुद्धता की पहचान कर खुद को ठगने से बचाएं

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया इस साल 30 अप्रैल को है. इस दिन सोना खरीदना बहुत शुभ माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से सालभर जीवन में सुख-शांति की कोई कमी नहीं रहती है. इसके अलावा, सोने को बेहतरीन निवेश भी माना जाता है इसलिए अक्षय तृतीया का दिन लोगों को सोने पर निवेश करने के लिए प्रेरित करता है. इस मौके पर लोग सोने के गहने, सिक्के या बर्तन खरीदते हैं. 

इस साल भू-राजनीतिक तनाव, अमेरिकी टैरिफ और केंद्रीय बैंकों की सोने की खूब खरीदारी के चलते इसकी कीमतें रिकॉर्ड हाई पर है. सोने की कीमतों में इसी तेजी के बीच अगर आप भी इस साल अक्षय तृतीया के मौके पर गोल्ड खरीदने का प्लान बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए है. 

सोना खरीदते वक्त शुद्धता की करें पहचान

आमतौर पर अक्षय तृतीया के मौके पर सोने की खरीदारी का चलन होने की वजह से दुकानें ग्राहकों से ठसाठस भरी होती हैं. बहुत ज्यादा जांच-परख कर सोना खरीदने का वक्त नहीं मिलता क्योंकि बाकी के ग्राहक और दुकानदार सभी जल्दबाजी में रहते हैं. ऐसे में शुद्ध सोने की पहचान करने में मुश्किलें आती हैं.

हालांकि, सोना खरीदते वक्त यह देखना बहुत जरूरी है कि आप जो सोना खरीद रहे हैं वह खरा है या नहीं या उसमें कोई मिलावट तो नहीं है. ग्राहकों के हित का ख्याल रखते हुए सरकार ने कई उपाय किए हैं ताकि अपनी जमा-पूंजी लगाकर सोना खरीदते वक्त उन्हें ठगी का सामना न करना पड़े. 

इस तरह से करें शुद्ध सोने की पहचान

सोना कितना खरा है यह जांचने के लिए ग्राहक भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के BIS Care App की मदद ले सकते हैं. इस ऐप की मदद से आप किसी भी सामान की हॉलमार्किंग या ISI मार्क की आसानी से जांच कर सकते हैं. इसे आप Play Store से डाउनलोड कर सकते हैं.

इसके बाद आपको हॉलमार्क यूनिक आइआइडेंटिफिकेशन नंबर डालना होगा और इसी के साथ आपको हॉलमार्क स्टेटस की जानकारी मिल जाएगी. इसमें HUID नंबर की जांच ‘verify HUID’की मदद ले सकते हैं. इसी तरह से किसी सामान के ISI मार्क से भी उसकी शुद्धता जांच सकेंगे. 

कैरेट को लेकर न हो कंफ्यूज

इसके अलावा, लोग कैरेट को लेकर भी कंफ्यूज रहते हैं. 24 कैरेट गोल्ड को सबसे शुद्ध माना जाता है. जबकि 22 कैरेट गोल्ड में शुद्धता 91.6 फीसदी होती है. हालांकि, 99.9 परसेंट प्योर 24 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल ज्वेलरी बनाने में नहीं किया जाता है. ये मार्केट में कॉइन या बार के रूप में ही बिकते हैं. जबकि गहने बनाने में 22 कैरेट गोल्ड का इस्तेमाल किया जाता है. इनके अलावा, सोना 18 कैरेट और 14 कैरेट का भी होता है, जिनकी शुद्धता कम होती है. 

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देश के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार सात हफ्ते से बढ़त जारी, 8.31 अरब डॉलर के उछाल के साथ पहुंचा 686 अरब डॉलर के पार

India Forex Reserve: भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को बताया कि 18 अप्रैल को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.31 बिलियन डॉलर बढ़कर 686.145 बिलियन डॉलर हो गया है. देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार सात हफ्ते से बढ़ रहा है. इससे पहले, 11 अप्रैल को समाप्त पिछले सप्ताह में यह 1.567 बिलियन डॉलर बढ़कर 677.835 बिलियन डॉलर हो गया था. 

सितंबर में ऑल-टाइम हाई पर फॉरेक्स रिजर्व 

सितंबर 2024 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 704.885 बिलियन डॉलर के अपने ऑल टाइम हाई लेवल पर पहुंच गया था. 18 अप्रैल को समाप्त हफ्ते के लिए जारी किए गए आंकड़ों से संकेत मिलता है कि विदेशी मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माने जाने वाले विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 3.516 बिलियन डॉलर बढ़कर 578.495 बिलियन डॉलर हो गई हैं. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, डॉलर के संदर्भ में उल्लेखित विदेशी मुद्रा आस्तियों में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल होता है.

देश का सोने का भंडार भी बढ़ा

रिजर्व बैंक ने बताया कि इस दौरान गोल्ड रिजर्व में 4.575 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई है, जो 84.572 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है. रिजर्व बैंक के मुताबिक, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 212 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.568 बिलियन डॉलर हो गया है. RBI के आंकड़ों से पता चला है कि आईएमएफ के पास भारत की आरक्षित स्थिति में 7 मिलियन डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जो समीक्षाधीन सप्ताह में 4.51 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई. 

क्यों जरूरी है विदेशी मुद्रा भंडार?

देश का विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक स्थिरता और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को बनाए रखने में मदद करता है. इसका उपयोग आयात किए गए सामानों के भुगतान के लिए, विदेशी ऋण चुकाने के लिए और वैश्विक आर्थिक संकट के समय में रुपये को संभालने के लिए किया जाता है. रिजर्व में अधिक मुद्रा होने से यह अंतर्राष्ट्रीय बाजार में देश की स्थिति को मजबूत बनाता है. 

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RIL Q4 Result: आ गया रिलायंस इंडस्ट्री के मार्च क्वार्टर रिजल्ट, मुनाफा बढ़कर 19000 के पार

Reliance Industries March Quarter Results: रिलायंस इंडस्ट्रीज ने जनवरी-मार्च 2025 तिमाही के नतीजे का ऐलान कर दिया है. इस दौरान कंपनी का नेट प्रॉफिट 19,407 करोड़ रुपये दर्ज किया गया, जो पिछली तिमाही के 18,540 करोड़ और पिछले वित्तीय वर्ष की समान अवधि के 18,951 करोड़ रुपये से अधिक है. इस दौरान कंपनी का रेवेन्यू 2.61 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के 2.40 लाख करोड़ और पिछले साल की समान तिमाही के 2.36 लाख करोड़ से अधिक है. 

कंपनी का कंसोलिडेटेड एबिटा भी बढ़ा

रिलायंस इंडस्ट्रीज के कंसोलिडेटेड एबिटा ने भी शानदार बढ़त दर्ज की है. यह वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 43,832 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही के 43,789 करोड़ और पिछले साल की समान तिमाही के 42,516 करोड़ से अधिक है. वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही आरआईएल का एबिटा मार्जिन थोड़ा घटकर 16.8 परसेंट पर आ गया है, जो वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही में 18 परसेंट पर था.

RIL का ऑपरेशनल रेवेन्यू भी बढ़ा

वित्त वर्ष 2024-25 में ऑपरेशंस से कंपनी का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू पिछले साल के 240715 से 10 परसेंट बढ़कर 264573 करोड़ रुपये हो गया है. वहीं, पूरे वित्त वर्ष के दौरान ऑपरेशंस से रिलायंस इंडस्ट्रीज का कंसोलिडेटेड रेवेन्यू 980136 करोड़ रुपये पर आ गया, जो एक साल पहले 914472 था.

इस दौरान कंपनी का खर्च भी बढ़ा है, जो मार्च 2024 के 217529 करोड़ के मुकाबले बढ़कर 240375 हो गया है. कंपनी का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 के 69621 करोड़ के मुकाबले 69648 करोड़ हो गया है.  

कंपनी के ओ2सी (ऑयल टू कैमिकल) बिजनेस ने भी अच्छा ग्रोथ हासिल किया है. 15.4 परसेंट की बढ़त के साथ इसका रेवेन्यू 1.65 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया है. वहीं, जियो का भी एवरेज रेवेन्यू पिछली तिमाही के 203.3 रुपये से बढ़कर 206.2 रुपये हो गया है. 

कंपनी ने डिविडेंड का किया ऐलान

वित्त वर्ष 2025 के लिए कंपनी के बोर्ड ने 5.50 रुपये प्रति शेयर डिविडेंड की भी सिफारिश की है. यानी के रिलायंस के शेयरहोल्डर्स को हर शेयर पर 5.50 रुपये मिलेंगे. आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा, “वित्त वर्ष 2025 वैश्विक कारोबारी माहौल के लिए एक चुनौतीपूर्ण साल रहा है, जिसमें मैक्रोइकोनॉमिक्स कंडीशन और जियो पॉलिटिकल लैंडस्केप में बदलाव देखने को मिला है. ऑपरेश्नल डिसिप्लीन, कस्टमर-सेंट्रिक इनोवेशन और देश के विकास की आवश्यकताओं पर हमारे फोकस ने रिलायंस को वर्ष के दौरान एक स्थिर वित्तीय प्रदर्शन करने में मदद की है.” 

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