Heart Problem: दिल की बीमारी में मीठा खाना सही है या नहीं? कहीं हार्ट अटैक का खतरा तो नहीं बढ़ जाएगा
<p style=”text-align: justify;”><strong>Sugar Affect Your Heart Health:</strong> मीठा किसी भी लिहाज से सेहत के लिए ठीक नहीं है. कोई हेल्दी व्यक्ति खाएं या किसी बीमारी से पीड़ित मीठा खाना किसी के लिए ठीक नहीं होता है. ज्यादा मीठा खाने से वजन बढ़ने के साथ-साथ डिप्रेशन और स्किन से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. अगर आप मीठा खाने के शौकीन है तो एक सीमित मात्रा में खाएं. अगर आप किसी खास तरह की बीमारी से पीड़ित है तो डॉक्टर की सलाह पर ही मीठा खाएं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हार्ट मरीजों को नहीं खाना चाहिए मीठा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>अगर कोई व्यक्ति हार्ट का मरीज है तो उसे मीठा खाने से पहले कई सारी सावधानी बरतनी चाहिए. कई हार्ट मरीज ऐसे होते हैं जो अपने खानपान का खास ख्याल नहीं रखते हैं. यहां तक कि वह काफी ज्यादा मीठा खाते हैं ऐसे में हार्ट अटैक का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. हार्ट मरीजों की सेहत बिगड़ सकती है. साथ ही उन्हें कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है. ज्यादा मीठा खाने से हार्ट मरीजों को नुकसान हो सकता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बढ़ सकता है हार्ट डिजीज का खतरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हार्ट मरीज अंदर से काफी ज्याद कमजोर होते हैं. इस स्थिति में इम्युनिटी कमजोर हो जाती है. ज्यादा मीठा खाने से हार्ट से जुड़ी दूसरी तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ज्यादा चीनी खाने के कारण ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल बढ़ जाता है. फैट धीरे-धीरे ब्लड स्ट्रीम में जम जाता है. जिसके कारण हार्ट की बीमारी का खतरा बढ़ जाता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हाई बीपी की प्रॉब्लम</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल की बीमारी में ज्यादा मीठा खाने से हाई बीपी की बीमारी का रिस्क बढ़ जाता है. ज्यादा मीठा खाने से शरीर में पोटैशियम और सोडियम का नैचुरल बैलेंस बिगड़ जाता है. जिसके कारण बीपी का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शरीर में सूजन का खतरा</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>हार्ट के मरीज अगर ज्यादा मीठा खाएंगे तो उनके शरीर में कई तरह के सूजन हो सकते हैं. बॉडी में क्रॉनिक इंफ्लेमेशन हो सकती है. इसे हार्ट डिजीज से जोड़कर देख सकते हैं. इसमें एथेरोस्क्लेरोसिस (आर्टरीज का सख्त होना) और कोरोनरी आर्टरी डिजीज शामिल हैं.</p>
<h4>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</h4>
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